आपका-अख्तर खान

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18 जून 2012

फिर भी मेरा यह देश महान है महान है .

दोस्तों राजनीती की मुझे में समझ तो नहीं लेकिन इस देश के इन दिनों चल रहे तार तार हालातों ने मुझे भी राजनीति के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है ..लूट लो इण्डिया के नारे के साथ अपने दल बल और समर्थकों सहित इस देश में जाहिरा तोर पर नेतिकता की दलीलें देकर नेतिकता की जितनी हत्या कर सकता है वही आज कुशल राजनीतिग्य है ....सारे देश ने देखा है ..सियासत का नंगा खेल काफी कुछ तो मिडिया वाले भाई छुपा देते हैं कुछ लोग कहते है के बाही मिडिया बिकाऊ है चालू है बिक गया और सेटिंग हो गयी लेकिन भाइयों मिडिया जो बातें जानता है अगर वोह बाहर आ जाए और आप उस सच को जान जाएँ तो यकीन मानिए आप और हम में से तो कई लोग शर्म से ही डूब कर मर जाए बस इसीलिए बेचारा मिडिया आपको कोप्रेट करता है आपका दिल नहीं दुक्खे इसलियें सियासत के नंगे सच को आपसे छुपा कर रखता है ..........भाई देश में कम्युनिस्ट जो खुद को विश्व के सबसे बढ़े सिद्धांतवादी कहते रहे है ..देश में आज जो अराजकता है उसके लिए वही ज़िम्मेदार है जिन नीतियों के खिलाफ वोह थे वोह नीतिया नार्सिम्माराव के प्रधानमन्त्री काल में कम्युनिस्टों के समर्थन से शुरू हुई देश को बर्बाद करने की तरफ यह पहला बढा कदम था ...सिद्धांतों को लेकर भाजपा सरकार में आई ..देश में ना तो कश्मीर के तीन सो सत्तर की बात की गयी ..ना कोमन सिविल कोड का पिटारा खोला और ना ही राममन्दिर बनाने का मामला उठाया गया ..यह सिद्धांत भी अजीब होते है ..जोर्ज फर्नाडिज जो समाजवादी की एक ऐसी तस्वीर थे वोह जनसंघ रो आर एस एस को गालियाँ देते थे लेकिन आखिर में इनकी गोड में बेठ कर ही मंत्री पद का मजा लिया ......कोंग्रेस की बात करें खुद को अल्पसंख्यक खासकर मुलसमानों का हमदर्द कहती है लेकिन जितने भी दंगे हुए कोंग्रेस के राज में हुए अधिकतम मुसलमानों की म़ोत और सम्पातियों की लूट कोंग्रेस के शासन में हुए मुसलमानों की अधिकतम गिरफ्तारियां कोंग्रेस के शासन में हुए ..मुसलमानों की जो नीतियों की घोषणा की उनकी पालना कोंग्रेस के शासन में कभी नहीं हुई केवल कागज़ी घोषणा और बयानबाज़ी से ज्यादा कुछ नहीं हो सका ...........शिव सेना को देख लीजिये देश राष्ट्र की बात करते है महाराष्ट्र में एनरों नहीं लगेगी चीख पुकार मची विपक्ष में थे तो यह प्लान रोक दिया गया खुद सरकार में आये तो पलक पावने बिछा के इस कम्पनी को अपनी सरकार में बुलवाया गया .यह सियासी लोग रात को क्या कहते है सुबह क्या सोचते है दिन में क्या करते है कुछ कह नहीं सकते ..जयपाल रेड्डी को कोंग्रेस को समाजवाद का दुश्मन कहते थे आज कोंगरे के टुकड़ों पर पल कर पेट्रोल और डीज़ल के मामले में जनता को लूट रहे है .....मायावती कोंग्रेस की दुश्मन लेकिन अभी कोंग्रेस के साथ है देश की सभी पार्टियाँ जो विपक्ष में है देश की आर्थिक स्थिति के लियें प्रणव मुखर्जी को ज़िम्मेदार मानती है लेकिन जनाब आज जब उन्हें राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया गया तो चाहे बसपा हो ..शिवसेना हो उनकी मदद कर रही है और कोमरेड जो कभी महंगाई के खिलाफ रहा करते थे आज उनके साथ है ..अब हम बात करते है मुल्ला मुलायम की खुद को मुस्लिम परस्त बताकर सत्ता में आने वाले मुलायम साहब इतने लालची निकलेंगे किसी ने सोचा भी नहीं था इन जनाब ने पहले तो अमर सिंह के लिए आज़म खान को छोड़ा फिर सत्ता हथियाने के लियें बाबरी मस्जिद के आरोपी कल्याण सिंह को गोड में बिठाया और फिर अभी हाल ही में सत्ता में आने के बाद ममता के साथ मिलकर प्रणव मुखर्जी को नज़रंदाज़ करते हुएमनमोहन ..ऐ पी जे अब्दुल कलाम ..और सोमनाथ चटर्जी का नाम दिया गया सियासत में रात को जादू का डंडा पड़ा तो मुलायम खुद की घोषणा भूल गए और जनाब अब प्रणव की उम्मीदवारी के आगे नतमस्तक है ..आखिर सियासत की यह सोदेबाज़ी यह बदलाव क्या जनता नहीं जानती ...क्या जनता नहीं देखती लेकिन जनाब यह सब देखने समझने के बाद भी अगर इस देश में खुले रूप में हो रहा है तो फिर इस देश में जनता नहीं गुलाम बसते है इस देश में अगर एक भी भारतीय ..एक भी राष्ट्रिय व्यक्ति हो तो इस मामले में मुकाबला करे लेकिन दोस्तों अफ़सोस के साथ लिखना पढ़ रहा है के इन हालातों में मेरे इस देश में जब में भारतीय और राष्ट्रीय पुरुषों को खोजने निकलता हूँ तो कोई मुझे कोंग्रेसी..कोइब भाजपाई..कोई सपाई..कोई बसपाई ..कोई तमिल कोई हिन्दू कोई मुसलमान कोई सिक्ख कोई इसाई ..कोई हिंदी भाषी कोई कन्नड़ भाषी कोई मराठी मानुष तो कोई बिहारी मिलता है देश का नागरिक देश का राष्ट्रिय पुरुष इन लोगों में न जाने कहा खो गया है और इसीलियें आज मेरे इस देश में रोज़ सियासत के नाम पर जनता के साथ लूट ..धोखेबाजी बेईमानी हो रही है अब तो यहाँ सियासत के साथ साथ धर्म भी अछुता नहीं है सभी धर्म वर्ग के लोग सियासत में है और धर्म साधू ..संत ..मोलवी मोलाना ..दरगाह से जुड़े लोगों ने उद्ध्योग खोल लिए है कोई अरबों का आसामी है तो कोई खरबों का आसामी है तो फिर भाई देश का गरीब तो गरीब ही रहेगा क्योंकि वोह भारतीय नहीं बनना चाहता वोह तिरंगे की रक्षा नहीं करना चाहता वोह संविधान और देश के कानून की पालना नहीं करने वालों को सजा नहीं दिलवाना चाहता वोह देश की जनता को धोखा वाले सियासी और कथित धर्मगुरुओं को कान उमेठ कर नंगा नहीं करना चाहता इसीलियें तो देश गरीब ..देश अराजकता वाला .देश में आंतरिक लूट है और फिर भी मेरा यह देश महान है महान है ....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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