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22 जून 2012

खाना बैठकर ही क्यों खाना चाहिए?


आधुनिक समय ने हमारी दिनचर्या में कई बड़े-बड़े परिवर्तन कर दिए हैं। हमारे सभी काम और उनका तरीका बदल गया है। इस कारण हमारा खाना खाने का तरीका भी प्रभावित हुआ है। अब अधिकांश लोग खाना डायनिंग टेबल पर खाते हैं, जबकि पुराने समय में जमीन पर आसन लगाकर खाना खाने की परंपरा थी। प्राचीन काल से ही बैठकर खाना खाने की परंपरा चली आ रही है। इसके कई लाभ हैं।

स्वास्थ्य संबंधी विशेषज्ञों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि डायनिंग टेबल पर बैठकर खाने से कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। इसके विपरित जो लोग जमीन पर बैठकर पारंपरिक तरीके से खाने खाते हैं उनसे कई छोटी-छोटी बीमारियां स्वत: ही दूर रहती हैं।

जमीन पर बैठकर खाना खाने के लाभ-

जमीन पर बैठकर खाना खाते समय हम एक विशेष योगासन की अवस्था में बैठते हैं, जिसे सुखासन कहा जाता है। सुखासन पद्मासन का एक रूप है। सुखासन से स्वास्थ्य संबंधी वे सभी लाभ प्राप्त होते हैं जो पद्मासन से प्राप्त होते हैं।

- बैठकर खाना खाने से हम अच्छे से खाना खा सकते हैं।

- इस आसन में बैठने से मन की एकाग्रता बढ़ती है।

- सुखासन से पूरे शरीर में रक्त-संचार समान रूप से होने लगता है। जिससे शरीर अधिक ऊर्जावान हो जाता है।

- इस आसन से मानसिक तनाव कम होता है और मन में सकारात्मक विचारों का प्रभाव बढ़ता है।

- इससे हमारी छाती और पैर मजबूत बनते हैं।

- सुखासन वीर्य रक्षा में भी मदद करता है।

- इस तरह खाना खाने से मोटापा, अपच, कब्ज, एसीडीटी आदि पेट संबंधी बीमारियों में भी राहत मिलती है।

आज की भागती-दौड़ती जिंदगी ने हमारे स्वास्थ्य के संबंध में सोचने का समय तक छीन लिया है। ऐसे में जमीन पर सुखासन अवस्था में बैठकर खाने से कई स्वास्थ्य संबंधी लाभ प्राप्त कर शरीर को ऊर्जावान और स्फूर्तिवान बनाए रखा जा सकता है।

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