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21 जून 2012

होली के दिन लड़कियों के गुप्तांगों में डालते थे रंग फिर सामूहिक सेक्स

चंडीगढ़.रोहतक स्थित शेल्टर होम ‘अपना घर’ में रहने वाली लड़कियों को धान व गेहूं कटाई के नाम पर शेल्टर होम से बाहर निकाला जाता था। बाहर निकाले जाने के बाद इन लड़कियों को शेल्टर होम की संचालिका जसवंती के दामाद जय भगवान के घर पहुंचाया जाता था। यहां इन लड़कियों का जय भगवान, जसवंती का ड्राइवर सतीश व अन्य लोग यौन शोषण करते थे। जय भगवान के घर से ही इन लड़कियों को आगे किसी होटल या किसी अज्ञात जगह ले जाया जाता था। यह खुलासा मामले की जांच के लिए गठित चार सदस्यीय वकीलों की टीम ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को दी अपनी रिपोर्ट में किया है।
रिपोर्ट में कहा गया कि अपना घर से रोहतक के ही जन सेवा संस्थान वृद्धा आश्रम शिफ्ट की गई 10 लड़कियों ने कमेटी को बताया कि जसवंती के कहने पर उन्हें फसल कटाई के बहाने अपना घर से बाहर निकाला जाता था। रात को उन्हें शराब पीने के लिए मजबूर किया जाता था। बाद में पुलिस वालों व अनजान लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए विवश किया जाता था।
इस दौरान दवाएं खिलाकर उनका गर्भपात भी कराया गया। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि होली का दिन इन लड़कियों की जिंदगी का सबसे मुश्किल दिन होता था। सभी लड़कियों को जबरन शराब पिलाई जाती थी और उनके प्राइवेट पार्ट्स में होली के रंग डाले जाते थे। इसके बाद लंबे समय तक नंगा रख शारीरिक शोषण किया जाता था। इनकार करने अथवा बगावती तेवर रखने पर सजा के तौर पर जसवंती इन लड़कियों के बाल कटवा देती थी।
‘नहीं संभाल सकते अपना घर के बच्चे’
रोहतक. बहुचर्चित ‘अपना घर’ में दरिंदगी का खुलासा होने के बाद अन्य संस्थाओं में भेजे गए बच्चे अब उन पर संस्थाओं पर बोझ बनने लगे हैं। भिवानी की एक संस्था ने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन को पत्र लिखकर बीमार व लाचार बच्चों को वापस रोहतक बुलाने की मांग की है। साथ ही, आगाह किया है कि अगर बच्चों के साथ कोई अप्रिय घटना घटती है तो जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों की ही होगी।
इससे पहले जिला प्रशासन ने 21 मई को 12 से 16 वर्षीय छह लड़कियों व एक 7 वर्षीय लड़के को भिवानी की एक सामाजिक संस्था बाल सेवा आश्रम (अनाथालय) में भेजा था। संस्था ने ‘अपना घर’ से भेजे गए बच्चों की मेडिकल जांच करवाई थी। जांच में एक लड़की एचआईवी पॉजीटिव मिली, जबकि दो लड़कियां मंदबुद्धि पाई गईं।
संस्था ने 20 जून को पत्र लिख स्पष्ट किया गया कि उक्त तीनों लड़कियों का भिवानी में उपचार संभव नहीं है, क्योंकि इन्हें इलाज के लिए बार-बार भिवानी से रोहतक लाना पड़ रहा है। बुधवार को संस्था के पदाधिकारी तीनों लड़कियों को लेकर पीजीआई पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने एक सप्ताह बाद फिर आने की सलाह दी। संस्था बार-बार लड़कियों को लेकर लेकर आने में सक्षम नहीं है। संस्था ने प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव, डीजीपी, डीसी, एसपी व सीडीपीओ रोहतक, भिवानी और पीजीआई निदेशक को चेताया है कि अगर लड़कियों का जल्द उपचार शुरू नहीं हुआ तो हालत और ज्यादा खराब हो सकती है, जिसकी जिम्मेदारी आश्रम की नहीं संबंधित अधिकारियों की होगी।

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