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11 जून 2012

'बार-बार आंदोलन करके माहौल खराब करते हैं बैसला'

दौसा/जीरोता.गुर्जर आरक्षण मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोमवार को दौसा में वसुंधरा सरकार, गुर्जरों और बैसला पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि अगर मेरी कलम से ही आरक्षण मिलता हो तो मैं यहां खड़े-खड़े 5 प्रतिशत आरक्षण देने को तैयार हूं। मगर कोर्ट और संविधान का सम्मान करना पड़ेगा। सरकार पारदर्शिता से काम कर रही है, जबकि कर्नल बैसला बार-बार आंदोलन कर माहौल खराब कर रहे हैं। गुर्जर समाज और समाज के हर व्यक्ति को समझने और समझाने की जरूरत है।

प्रतिमा अनावरण समारोह में गहलोत हालांकि आरक्षण मुद्दे को छेड़ने के मूड में नहीं थे, परंतु भीड़ में से बार-बार हो रही हूटिंग (व्यवधान) से नाराज होकर उन्होंने इस मुद्दे पर भड़ास निकाल दी। उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार के समय में फायरिंग हुई। कुल 21 बार की फायरिंग में 90 लोग मारे गए। इनमें 70 गुर्जर भी थे। आरक्षण के मामले में कुछ लोगों को गुमराह किया गया और प्रदेश में एक काला अध्याय लिख गया। मुझे आश्चर्य है आपकी कौम पर।

जिन लोगों के हाथ 70 लोगों के खून से रंगे थे, चुनाव में आपके ही कुछ साथियों ने उन्हीं पर मुहर लगा दी। 5 प्रतिशत आरक्षण विधेयक का समर्थन हमने इसलिए किया था, ताकि गुर्जर यह न समझें कि कांग्रेस उन्हें आरक्षण नहीं मिलने देना चाहती, परंतु उसमें 14 प्रतिशत आर्थिक पिछड़ा वर्ग का आरक्षण भी जोड़ दिया, जबकि उन्हें मालूम था कि यह विधेयक कोर्ट में जाकर अटक जाएगा, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण की इजाजत नहीं देती है।

इसलिए भड़के सीएम

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाषण के दौरान भीड़ में से बार-बार हूटिंग की जा रही थी। एक बार तो संचार राज्यमंत्री सचिन पायलट ने भी बीच में हस्तक्षेप करके मुख्यमंत्री का भाषण सुनने की अपील की, लेकिन भीड़ आरक्षण मुद्दे पर सीएम का रुख जानना चाहती थी। इस पर सीएम भड़क गए और गुर्जरों व उनके नेताओं को खरी-खोटी सुनाई।

पॉलीटेक्निक कॉलेज पायलट के नाम पर

मुख्यमंत्री ने समारोह स्थल के पास बन रहे राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज का नाम स्व. राजेश पायलट के नाम पर रखने की घोषणा की। दौसा जिले की पेयजल समस्या के समाधान के लिए ईसरदा बांध से पेयजल योजना के सर्वे, फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनवाने का भरोसा दिलाया।

नजर नहीं आए बैसला

स्व. पायलट की प्रतिमा अनावरण समारोह के नाम पर आरक्षण आंदोलन स्थगित करने वाले कर्नल किरोड़ीसिंह बैसला समारोह में कहीं नजर नहीं आए। उनकी अनुपस्थिति चर्चा का विषय रही।

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