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27 मई 2012

व्यापारी के कपड़े उतरवाकर थाने में घुमाया, यातना दी


जयपुर. पुलिस मुख्यालय में डीजीपी कार्यालय की विजिलेंस शाखा की जांच में सामने आया कि कि जवाहर सर्किल थाना पुलिस ने एक मकान को खाली करवाकर चहेते को कब्जा दिलाकर फायदा पहुंचाने के लिए झूठी शिकायत के आधार पर व्यापारी को धारा 151 में गलत तरीके से गिरफ्तार कर लिया। इतना ही नहीं पुलिस हिरासत के दौरान व्यापारी को नंगा करके थाने में घूमाया गया और हवालात में बंदकर मानसिक यातनाएं दी गई। जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि गिरफ्तार के छह माह बाद ही कार्यपालक मजिस्ट्रेट एवं सहायक पुलिस उपायुक्त पूर्व जयपुर ने भी इस प्रकरण में माना कि पुलिस ने पीड़ित को बिना जुर्म एवं घटना के गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया था। यह जानकारी पुलिस मुख्यालय से आईजी सीआईडी सीबी की ओर से सूचना के अधिकार के तहत 15 मई 2012 को उपलब्ध कराई गई जांच रिपोर्ट से सामने आए है। आरटीआई से निकाले गए दस्तावेजों में डीआईजी सतर्कता पुलिस मुख्यालय के मुताबिक मालवीय नगर सेक्टर 12 निवासी पीड़ित सुरेश सिंह की शिकायत पर 28 फरवरी 2012 को परिवाद दर्ज किया गया था। इस प्रकरण के जांच अधिकारी विजिलेंस शाखा के इंस्पेक्टर दीनाराम खटाना ने जांच करके 7 अप्रेल 2012 को डीआईजी विजिलेंस को रिपोर्ट आगे की कार्रवाई के लिए सौंप दी है। डीबी स्टार के पास मौजूद दस्तावेजों के मुताबिक परिवादी सुरेश सिंह ने इस प्रकरण को लेकर डीजीपी एचसी मीना से मिलकर शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस मुख्यालय को की गई शिकायत में पीड़ित सुरेश सिंह चौहान ने जवाहर सर्किल थाने में उस समय तैनात एसआई एवं तत्कालीन थाना प्रभारी के खिलाफ पद के दुरुपयोग करने एवं झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया था। तत्कालीन मुख्य सचिव एस. अहमद के हस्तक्षेप के बाद मकान को गलत तरीके से मकान को खाली करवाने वाले एसआई प्रहलाद मीणा को घटना के बाद ही थाने से हटाकर एसपी ऑफिस में लगाया गया था। पद के दुरुपयोग के आरोपी इंस्पेक्टर सूर्यवीर सिंह राठौड़ अभी आदर्श नगर थाने में लगे हुए है। विजिलेंस ने जांच में यह आरोप सही माने विजिलेंस इंस्पेक्टर दीनाराम खटाना की ओर से डीआईजी को सौंपी गई अपनी जांच रिपोर्ट में यह आरोप प्रमाणित मानते हुए आगे की कार्रवाई के लिए लिखा है। 1. उपनिरीक्षक प्रहलाद मीणा और तत्कालीन जवाहर सर्किल थाना प्रभारी सूर्यवीर सिंह ने पद का दुरुपयोग करके एक महिला को गैर कानूनी लाभ पहुंचाने एवं मकान खाली करवाने के लिए राठौड़ी कार्यवाही कर महिला की झूठी शिकायत पर प्रार्थी सुरेश सिंह को विजिलेंस की जांच रिपोर्ट के मुताबिक 5 जुलाई 2011 की रात आठ बजे धारा 151 के अंतर्गत गलत बंद किया गया। जिसको बाद में कार्यपालक मजिस्ट्रेट एवं सहायक पुलिस उपायुक्त जयपुर पूर्व ने भी कार्रवाई को झूठा माना। 2. उपनिरीक्षक प्रहलाद मीणा ने परिवादी सुरेश सिंह के अंत वस्त्रों को छोड़कर बाकी सारे कपड़े उतरवाकर थाने में घूमाया गया। जांच अधिकारी इंस्पेक्टर खटाना की टिप्पणी के मुताबिक गोपनीय रूप से जानकारी लेने पर पता चला कि परिवादी सुरेश सिंह के शरीर से कपड़े उतरवा लिए थे और परिवादी के साथ पुलिस अभिरक्षा में दोनों पुलिसकर्मियों ने र्दुव्‍यवहार कर हवालात में बंद किया था। 3. जांच रिपोर्ट के मुताबिक दूसरे दिन 6 जुलाई को एसआई प्रहलाद सिंह एवं तत्कालीन जवाहर सर्किल थानाधिकारी ने गलत तथ्यों के आधार पर सुरेश सिंह के खिलाफ एक इस्तगासा तैयार करवाकर कार्यपालक मजिस्ट्रेट एवं सहायक पुलिस आयुक्त जिला जयपुर पूर्व के वहां पेश किया गया। जहां प्रार्थी सुरेश ने जुर्म को अस्वीकार किया था एवं जमानती मुचलके पर छूटा। इसके बाद इस प्रकरण में 5 माह बाद न्यायालय ने 13 दिसंबर 2011 को दिए निर्णय में इस्तगासा को झूठा माना। इससे परिवादी को मानसिक यातनाएं झेलनी पड़ी। आरोप प्रमाणित, फिर भी कुछ याद नहीं जवाहर सर्किल के तत्कालीन थाना प्रभारी सूर्यवीर सिंह राठौड़ से सवाल : आप जब जवाहर सर्किल थाना प्रभारी थे, उस समय के मामले में आपके खिलाफ सुरेश सिंह ने झूठे तथ्यों के आधार पर गिरफ्तारी को लेकर विजिलेंस में जो शिकायत की थी, जांच में आरोप प्रमाणित पाए गए है? यह मामला कब का है, मेरे को याद नहीं आ रहा है। : आरटीआई दस्तावेजों के मुताबिक जब आप जवाहर सर्किल थाना प्रभारी लगे थे, तब 5 जुलाई 2011 को सुरेश सिंह को झूठी शिकायत पर गिरफ्तार किया था। विजिलेंस जांच में आया कि थाने में पीड़ित के कपड़े उतारे गए एवं मानसिक यातना दी गई थी। व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए गलत गिरफ्तारी की गई थी ? एक साल पुराना यह मामला आप बता रहे हो, वो मेरे ध्यान में नहीं है। मैं किसी सुरेश सिंह को नहीं जानता हूं। आरोप भी सारे निराधार है। : दस्तावेज के मुताबिक विजिलेंस के जांच इंस्पेक्टर दीनाराम खटाना को आपकी तरफ से स्पष्टीकरण भी दिया गया है, जो उस जांच रिपोर्ट में शामिल है? मैंने आपको बताया न कि मैं अभी आदर्श नगर में एसएचओ लगा हुआ हूं, मुझे पुराना कोई मामला याद नहीं आ रहा है।

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