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31 मई 2012

दारिया एनकाउंटर: पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ दोषमुक्त, जेल से रिहा

दारिय एंकाउन्टर मामले में राजस्थान सरकार के पूर्वमंत्री डोक्टर राजेन्द्र राठोड को डिस्चार्ज करने के आदेश ने सी बी आई की जाँच और उसके सबूत जुटाने के तोर तरीकों पर कई सवाल खड़े कर दिए है एक मंत्री और कई अधिकारीयों पर इस मामले में हत्या और हत्या के षड्यंत्र के गंभीर आरोप है ....आज अदालत के इस रिहाई और डिस्चार्ज के आदेश से राजस्थान में सियासत की सांठ गांठ की भी पोल खुल गयी है राजस्थान में पहले भी भाजपा के इन्द्रेश कुमार के खिलाफ खूब अजमेर बम विस्फोट के षड्यंत्र में शामिल होने का हव्वा खड़ा किए और फिर उनके खिलाफ कोई चार्जशीट पेश नहीं की गयी ...इस मामले में भी राजेन्द्र राठोड को सी बी आई जांच के बाद अदालत ने प्राथमिक साक्ष्य नहीं मानते हुए जिस हिसाब से डिस्चार्ज किया है उससे बात साफ है के या तो सरकार की राठोड से सांठ गाठ थी और शायद इसीलिए सी बी आई ने अनुसन्धान में गलियाँ छोड़ी हो या फिर सरकार ने राजेन्द्र राठोड को बिना किसी सुबूत में सियासी जंग में झुन्ठा फंसाया है सच किया है यह तो खुदा जाने लेकिन इस तरह की जंग इस तरह से एक दुसरे को फंसाने या बचाने की कार्यवाह जनता के साथ विश्वासघात तो है ही ऐसे में अब अपील में चाहे कुछ भी हो लेकिन राजेन्द्र राठोड मामले में सी बी आई की तो पोल खोल ही दी है ...........

जयपुर। बहुचर्चित दारिया मुठभेड़ प्रकरण में पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक राजेन्द्र राठौड़ को बड़ी राहत मिली है। जयपुर के जिला एवं सत्र न्यायालय ने गुरुवार को राजेंद्र राठौड़ को आरोप साबित नहीं होने पर दोष मुक्त कर दिया है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीसी जैन ने चार्ज बहस के बाद अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने सीबीआई की ओर से लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया। राठौड़ को आरोप मुक्त किए जाने से भाजपा को भी बड़ी राहत मिली है। राठौड़ और भाजपा ने अदालत के फैसले पर खुशी जताई है। गौरतलब है कि राठौड़ खुद अदालत में कह चुके हैं कि उन्हें फंसाया गया है। उन्होंने एक प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि सीबीआई के पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।

सीबीआई ने 5 अप्रैल को राठौड़ को गिरफ्तार किया था। ब्यूरो ने राठौड़ को आपराधिक षडयंत्र रचने के मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था। जिस पर अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एसके सिंघल ने संज्ञान लेते हुए मामले को सत्र न्यायालय के सुपुर्द कर दिया था। फैसला आने के बाद जयपुर सेंट्रल जेल के बाहर राठौड़ समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई। दोपहर एक बजे राजेंद्र राठौड़ जेल से बाहर आए और अपने समर्थकों के साथ मोती डूंगरी गणेशजी मंदिर के लिए रवाना हुए।

दो अन्य आरोपियों को मिली जमानत
इससे पहले हाइकोर्ट ने मामले के दो आरोपियों को जमानत दे दी। जस्टिस आरएस राठौड़ ने थानेदार सुरेंद्र सिंह और सरदार सिंह को जमानत पर छोड़ने के आदेश दिए। दोनों आरोपी करीब सवा साल से न्यायिक हिरासत में चल रहे थे।

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