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29 मई 2012

गोपालगढ़ मामले में सीबीआई और सरकार की भूमिका पर उठाए सवाल

मुस्लिम फोरम का आरोप, सीबीआई ने पीडि़तों को गिरफ्तार कर लिया जबकि हिंसा के शिकार लोगों की 14 एफआईआर पर नहीं की कोई कार्रवाई

जयपुर। भरतपुर जिले के गोपालगढ़ में हुई हिंसा के मामले में राजनीति एक बार फिर तेज हो गई है। राजस्थान मुस्लिम फोरम ने गोपालगढ़ मामले की जांच में सीबीआई और सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। राजस्थान मुस्लिम फोरम के इंजीनियर मोहम्मद सलीम, संयोजक कारी मोइनुद्दीन और वकार उल अहद ने सोमवार को यहां मीडिया से बातचीत मेें कहा कि गोपालगढ़ मामले की जांच में सीबीआई की निष्पक्षता सवालों के घेरे में हैं।

सीबीआई ने हिंसा करने के मामले में दोषियों को पकडऩे के बजाय पीडि़तों पर ही मुकदमे दर्ज कर उन्हें जेलों में बंद कर दिया है। गोपालगढ़ के सदर अब्दुल गनी कुरैशी के परिवार के पांच लोगों को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया जबकि इस परिवार की दुकानें और मकान जला दिए गए और परिवार के कई सदस्य हिंसा का शिकार हुए।

उन्होंने कहा कि गोपालगढ़ मामले में कलेक्टर को जिस तरह कैट ने क्लीन चिट दी है, उसमें सरकार की गलती साफ तौर पर नजर आती है। सरकार ने कलेक्टर को निलंबित तो कर दिया लेकिन उसके खिलाफ इस मामले में जांच पूरी नहीं की। इस तकनीकी खामी का फायदा दोषी कलेक्टर को मिला और कैट ने उसके निलंबन को रद्द कर दिया। राज्य सरकार का रवैया अल्पसंख्यकों के प्रति सही नहीं है। मुस्लिम फोरम की मांग है कि मौजूदा मुख्यमंत्री के राज में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं, इसलिए उन्हें बदला जाना चाहिए।

पीडि़त युवक ने सुनाई आपबीती

भरतपुर जिले के गोपालगढ़ कस्बे में पिछले साल 14 सितंबर को हुई हिंसा में पीडि़त अल्पसंख्यक समुदाय के युवक ने उस दिन की दिल दहला देने वाली सच्चाई बयां की। गोपालगढ़ निवासी अली मोहम्मद ने बताया कि 14 सितंबर को दंगाइयों ने उनके घर और दुकानें जला दीं। दंगाइयों ने पुलिस के साथ मिलकर लोगों को मारा।

पीडि़त युवक ने बताया कि उसके परिवार की तीन दुकानों में लूटपाट के बाद आग लगा दी गई। घरों को जला दिया गया। आंखों के सामने कई लोगों को पुलिस की गोलियों से मरते देखा। गोली लगने के बाद कई दंगाइयों ने कुल्हाडिय़ों से लोगों को काटा और पास के कुएं के पास आग के हवाले कर दिया। इस घटना में मेरे परिवार का सब कुछ तबाह हो गया। सीबीआई ने एक दिन भरतपुर बयान लेने के लिए पिता और भाइयों को बुलाया और गिरफ्तार कर लिया। हमारा ही नुकसान हुआ और अब हमें ही जेल भेजा जा रहा है।

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