भोपाल.लोकायुक्त पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी छापामारी कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग के संचालक डॉ. अमरनाथ मित्तल और जूनियर ऑडिटर गणेश प्रसाद किरार के यहां सवा सौ करोड़ की संपत्ति बरामद की है।
इनमें अकेले मित्तल के घर से 100 करोड़ की संपत्ति मिली है, जिसमें 38 लाख रुपए नकद, 2 किलो से अधिक सोना और करीब 11 किलो चांदी के जेवरात हैं। वहीं किरार के मकान से 10 लाख रुपए नगद, आधा किलो सोना व साढ़े चार किलो चांदी के जेवर जब्त किए गए हैं।
लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि प्रांरभिक पड़ताल में दोनों आरोपियों के पास से करोड़ों की संपत्ति उजागर होने की संभावना है। सतपुड़ा भवन स्थित स्वास्थ्य संचालक के कार्यालय की तलाशी भी ली गई है। इसमें कुछ दस्तावेज जांच के दायरे में लिए गए हैं।
ईडी को सौंपा जाएगा मामला :चौधरी ने बताया कि डॉ. मित्तल के घर से विदेशी मुद्रा मिली है। यह जानकारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भेजी जाएगी। ईडी इस मामले में फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) के तहत मामले का परीक्षण कर सकता है।
यू कैन हील मोर लाइफ -जब छापा पड़ा तब डॉ. मित्तल लुईस एल हे की किताब ‘यू कैन हील मोर लाइफ’ पढ़ रहे थे।
प्रति सेमेस्टर 6 लाख का भुगतान
मित्तल के दो बच्चे हैं। उनका पुत्र बेंगलुरू में इंजीनियरिंग कर रहा है। पुत्री पुणो में मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। दोनों को कॉलेजों में प्रवेश पेड सीट पर कराया गया था। पुत्री की पढ़ाई के लिए प्रति सेमेस्टर 6 लाख रुपए के हिसाब से भुगतान करने की जानकारी लोकायुक्त को मिली है।
अस्सिटेंट सर्जन से नौकरी शुरू की थी
मित्तल ने अंबिकापुर में अस्सिटेंट सर्जन के रूप में नौकरी शुरू की थी। तीन साल पहले स्वास्थ्य संचालक बने थे। राजनीतिक व प्रशासनिक रसूख के चलते उन्हें सुपरसीड कर संचालक पद पर पदोन्नत किया गया था। इतना ही नहीं न्यायालय के आदेश पर उन्हें पदावनत किया गया तो एक बार फिर उन्हें डीपीसी कर पदोन्नति दी गई। उनके खिलाफ कई जांचें लंबित हैं। डॉ. मित्तल को पदोन्नत किसने कराया, इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है।
हर जिले में बना सकते हैं 50 बिस्तरों का अस्पताल
100 करोड़ रुपए में प्रदेश के प्रत्येक जिले में 50 बिस्तरों के दो अस्पताल बनाए जा सकते हैं। क्योंकि 50 बिस्तरों के एक अस्पताल की लागत अनुमानित सवा से डेढ़ करोड़ आती है। जनस्वास्थ्य के लिए यह एक बड़ा योगदान हो सकता है।
एसी रूम में पालने में सोता है पपी
मित्तल को कुत्ते पालने का भी शौक है। उन्होंने एक विदेशी नस्ल के पपी को पाला है। उसे विमान से दिल्ली से लाया गया। उसे बाकायदा बच्चे के पालने में रखा गया है। यह पालना एयर कंडीशनर रूम में था।
मुख्यमंत्री ने की तत्काल कार्रवाई, दोनों निलंबित
छापे की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डॉ. मित्तल व गणोश प्रसाद को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिए। जिस पर राज्य शासन ने दोनों के निलंबन के आदेश जारी कर दिए।
नगद- 38 लाख 33 हजार रुपए। विदेशी मुद्रा - 1074 अमेरिकी और 6 ऑस्ट्रेलियन डॉलर, 3 हजार यूरो, 270 बाथ (थाईलैंड की मुद्रा)। जेवरात - 2 किलो 193 ग्राम सोना व 10 किलो 975 ग्राम चांदी (72 लाख रुपए)। बैंक बैलेंस - 4 बैंक खातों में 34 लाख रु.। जमीन - 50 एकड़ सतगड़ी कोलार रोड पर (करीब 50 करोड़ रुपए)। मकान- शांति निकेतन में आलीशान बंगला वाहन- एक होंडा सिटी, एक आई 10 कार।
खोखों व साड़ियों में नोटों की गड्डियां
स्वास्थ्य संचालक डॉ. मित्तल और जूनियर ऑडिटर गणोश के घरों की अलमारी से 50 हजार रुपए ही बरामद किए गए। मित्तल के घर में मिली रकम दवाओं के खोखों में भरी थी जबकि गणोश के घर से साड़ियों की तह में नोटों की गड्डियां मिलीं।
100 से ज्यादा ब्रीफकेस मिले
डॉ. मित्तल यहां खाने के उपयोग में आने वाले चांदी के बर्तन, पूजा घर से 40 विदेशी सैंडिल और 100 से ज्यादा ब्रीफकेस और अन्य कीमती सामान भी मिला है। घर के सभी कमरे एयर कंडीशंड हैं तथा महंगे झूमर व पेंटिंग से सुसज्जित हैं।
10 लाख तो मिले हैं, वापस आ जाएंगे
जूनियर ऑडिटर गणोश का कहना है उसके घर से 10 लाख रुपए ही तो मिले हैं, वह वापस आ जाएंगे। लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई के दौरान वह लगातार मुस्कुरा रहा था। उसके चेहरे पर जरा भी शिकन नहीं थी।
गुरू की कमाई पर हुआ आश्चर्य
डॉ. मित्तल के घर छापे की कार्रवाई की जानकारी गणोश को सुबह 11 बजे टीवी देखकर मिली। उसे जैसे ही पता चला कि मित्तल के घर से 38 लाख रुपए नगद मिले हैं तो वह बहुत खुश हुआ। हालांकि मित्तल की कमाई को लेकर उसे आश्चर्य भी हुआ।
७५क् करोड़ का बजट राज्य के सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने से लेकर दवा खरीदी तक का बजट संचालक स्वास्थ्य सेवा मित्तल जारी करते थे। स्वास्थ्य विभाग का दवा, उपकरण खरीदी और अस्पताल भवन निर्माण का बजट 750 करोड़ रुपए है। इसमें 200 करोड़ रुपए दवा खरीदी, 50 करोड़ रुपए उपकरण खरीदी पर खर्च होते थे, जबकि 500 करोड़ रुपए इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण पर खर्च किए जाते थे।
मुख्यमंत्री ने की तत्काल कार्रवाई, दोनों निलंबित
छापे की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डॉ. मित्तल व गणोश प्रसाद को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिए। जिस पर राज्य शासन ने दोनों के निलंबन के आदेश जारी कर दिए।
गणेश किरार के यहां क्या मिला
नगद- 10 लाख रुपए
जेवरात - आधा किलो सोना व साढ़े चार किलो चांदी (40 लाख रुपए)।
बैंक बैलेंस - दो बैंकों में 10 लाख रुपए।
जमीन - 20 एकड़ रायसेन में।
मकान- भोपाल में दो आलीशान बंगले व चिनार काम्पलेक्स में एक फ्लैट।
दुकान- एक आमेर और एक मानसरोवर काम्पलेक्स तथा ऐशबाग में दो दुकानें।
वाहन- आई 20 कार, एक सफारी, दो मोटर साइकिल व एक ट्रैक्टर ।
सब कुछ नियम से कर देता था
गणोश का कहना है कि स्वास्थ्य संचालक कार्यालय में करीब 17 ऑडिटर हैं। मैं तो दो साल पहले ही यहां पदस्थ हुआ। डॉ. मित्तल की लगभग सभी फाइलें मेरी टेबल से होकर गुजरती हैं। उसने दावा किया है कि वह सब कुछ नियम से कर देता था।
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