तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
26 मार्च 2012
संसद बढ़ी या जनता इस पर मतदान हो दस फीसदी भी सांसदों के पक्ष में अगर वोट पढ़े तो गर्दन कटा देंगे
दोस्तों इन दिनों अन्ना केजरीवाल ने जब सच कहा तो सारे सांसद ही बुरा मान गए ........अन्ना केजरीवाल का कहना है के जनता ही सांसदों को चुनती है और सांसद जनता के सेवक कहलाते है यही भारतीय विधान और कानून में भी लिखा है और सांसद का सभी काम जनता के हित में जनता की इच्छा के अनुरूप कानून की मर्यादाओं में होना चाहिए ...लेकिन संसद में रिश्वत लेकर विशवास मत के लियें वोट डालना ...रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूंछना ..थोड़े से फायदे के लियें सरकार गिराना और सरकार बचाना ...संसद से महत्वपूर्ण मुद्दों पर बिना वोट दिए बाहर आ जाना ..संसद में बिना बहस किये कुत्तों और बिल्लियों की तरह से लड़ना ..संसद में बेईमान ..भ्रष्ट ..अपराधी दागी लोगों का चुन कर जाना ..और संसद में कई सासदों द्वारा पुरे पांच साल केवल चुप्पी साधे रहना ..आम बात है ..ऐसे में केजरीवाल ने एक तो सच कहा दुसरे यह बताया के जब चपरासी के लियें पुलिस वेरिफिकेशन होता है तो फिर सांसदों के लियें जो देश की गरिमा पूर्ण संसद में जाते है यह व्यवस्था क्यूँ नहीं ..दोस्तों संसद में जो कुछ हो रहा है वोह आप में और जनता सभी जानते है ....इन दिनों सच बोला तो सांसद बुरा माँ गये है और एक जुट होकर केजरीवाल और अन्ना को जेल भेजना चाहते है ....विशेषाधिकार हनन का नोटिस ..अन्ना के खिलाफ कार्यवाही ..भाई संसद का नियम है के जो संसद में नहीं है उस पर संसद में चर्चा नहीं हो सकती फिर अन्ना का नाम लेना गेर कानूनी और बेवकूफी है या नहीं .......केजरीवाल और अन्ना के खिलाफ कार्यवाही के लियें संसद के पास बहुत से कानून है ..लेकिन जरा संसद और सांसद अपने गिरेबान में तो झाँक कर देखें ....कोई बात नहीं केजरीवाल और अन्ना दोषी हैं तो जनाब इस मुद्दे पर संसद एक बार जनमत करा ले अगर संसद के पक्ष में दस फीसदी वोट भी आजायें तो संसद को जीता हुआ मान लेंगे लेकिन सभी जानते है के संसद के पक्ष में इस मुद्दे पर दस फीसदी लोग भी नहीं हैं वोह भी लोगों को भेड़ बकरियों की तरह से भर कर वोट डलवायेंगे तब दस फीसदी वोट ड्लेंगे वरना सभी के दिलों में संसद और सांसदों के प्रति नफरत और गुस्सा है और इस गुस्से को फूटने के पहले रोकना होगा वरना यह देश के लियें हितकारी नहीं होगा देश में सभी पार्टियां और सभी सांसद चोर है यह हवा जो बन रही है इसमें कुछ सांसदों को नेतिकता का कोई बढा उदाहरण पेश करना होगा वरना यह देश भ्रष्टाचार और मक्कारी के दल दल में और फंसता जाएगा ..केजरीवाल सही हैं या गलत यह बात तो आयने की तरह साफ़ है खुद सांसद लोग अपने परिजनों के यहाँ जाकर अगर गुप्त मतदान करवाए तो उनके खिलाफ ही वोट पढ़ेंगे ऐसे में संसद को वक्त बर्बाद करने की जगह खुद के अतीत ...में झांक कर खुद के गिरेबान में देखें और तार तार गिरेबान को रफू करने की कोशिश करें इस देश को बचाने का यही एक सच्चा रास्ता है के सांसद लोग अपनी जिद और अहंकार छोड़े वोह इस सच्चाई को समझे के वोह जनता के नोकर है और जनता से पूंछ कर उनके बहुमत की मर्जी को देखते हुए ही उन्हें अपनी योजनायें तय्यार करना होंगी वरना सांसदों की यह खरीद फरोख्त ..कालाबाजारी ..अपराधीकरण इस देश को बर्बाद कर देगी और इसके लियें संसद और सांसद ही ज़िम्मेदार होंगे इसलियें खुदा से दुआ है के बेगेरत सांसदों को खुदा जमीर वाला बनाये और वोह आयना देख कर खुद का चेहरा सुधारें वरना संसद के करोड़ों रूपये प्रति दिन केवल अन्न और केजरीवाल पर ही खर्च हो रहे हैं जो बेकार अरबों तक खर्चा पहुंच रहा है और जनता पर बोझ बढ़ रहा है .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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बिलकुल सही कह रहे है आप.
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