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08 मार्च 2012

मुलायम के राज में मुलायम के गुंडे सख्त हो गये है और तोड़ फोड़ ..हमले ...आगजनी पर उतर आये है

मुलायम के राज में मुलायम के गुंडे सख्त हो गये है और तोड़ फोड़ ..हमले ...आगजनी पर उतर आये है ..उत्तर प्रदेश को उग्र प्रदेश बनाने वाले इन समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का शासन आये हुए चोबीस घंटे भी नहीं हुए है .......यहाँ तक के मुख्यमंत्री ने अभी तक कार्यभार भी नहीं सम्भाला है फिर भी चुन चुन कर दूसरी पार्टी के मतदाताओं पर हमले और उनके घरों को जलाना गुंडा राज नहीं तो और क्या है ..........ताज्जुब तो यह है के जहां जहाँ राहुल गान्धी कोंग्रेस के प्रचार के लियें गये और जिन घरों में राहुल गाँधी को पारिवारिक स्नेह मिला उन घरों में ही समाजवादी पार्टी के गुंडों का आतंक बरपा है और आग जनी हुई है ..सही मायनों में तो ऐसे हालातों में अगर पुलिस कोई कार्यवाही नहीं करती है तो फिर तो केंद्र के पास अराजकता की स्थिति के नाम पर राष्ट्रपति शासन लगाने के आलावा कोई चारा नहीं बचेगा ...सभी जानते है के समाजवादी पार्टी के गुंडों को मायावती ने बकरी बना कर रखा हुआ था और जेसे ही राज गया इन गुंडों ने माया वती के नेताओं की मूर्तियाँ भी तोडना शुरू कर दी है ..मूर्ति भी डोक्टर भीमराव आंबेडकर की तोड़ी है जो संविधान के निर्माता रहे है ऐसे में अगर दलितों ने अंगडाई ली तो समाजवादी पार्टी के गुंडों को छुपने के लियें ज़मीं भी कम पढ़ जायेगी ..दोस्तों आप निगरानी कीजिये इन गुंडों को इनके किये की सजा मिलती है या नहीं क्योंकि आम तोर पर राजनितिक इशारे पर की जाने वाली गुंडागर्दी जो सत्ता के पक्ष में हो उसमे दिखावे के तोर पर कार्यवाही होती है और अगर कार्यवाही होकर मुकदमे चला भी दिए जाएँ तो सरकारे जनहित के नाम पर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा ३२० का दुरूपयोग कर ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमे वापस ले लेती है ..और यह सरकारे ऐसे गुंडों को कहीं का चेयरमेन तो कहीं का विधायक बना देती है शायद हमारी चुप्पी और सरकारों की इन हरकतों की वजह से ही उत्तर प्रदेश ही नहीं देश के सभी प्रदेशों में कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी है तो दोस्तों अब हमारी ज़िम्मेदारी है के उत्तर प्रदेश के इन सपा के गुंडों को हम सजा दिलवाएं और अगर सरकार इनके खिलाफ दर्ज मुकदमे कमजोर बनाये ..अपराधियों की जमानत करवाने में मदद करे या फिर मुक़दमे वापस ले तो ऐसी सरकार के साथ हमे क्या करना है कहने की जरूरत नहीं कहने को तो यह मामूली बात है लेकिन संविधान में इतनी ताकत है के इस मुद्दे पर ही सरकार गिर सकती है और वहन राष्ट्रपति शासन लागु किया जा सकता है वेसे भी जिस सरकार के शासन में आम आदमी सुरक्षित नहीं है और हमलावर सत्तापक्ष के गुंडे हो तो इर ऐसी सरकार को तो दंड मिलना ही चाहिए ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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