आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

16 जनवरी 2012

बिखरे आखर .के अजय कुमार झा की कुछ चोरी गयीं बहतरीन पंक्तियाँ पेश हैं


सिर्फ़ दो पंक्तियां




खाक कर देती है सियासत को , जब अवाम ,एक बार इस पर आमादा होती है ,
तुम्हें यकीन हो न हो , जाम में पैदल आदमी की रफ़्तार सबसे ज़ियादा होती है
मैं आम आदमी हूं , हर जगह नज़र आऊंगा ,
खबरदार सियासत , अब मैं भी उधर आऊंगा
मशीन से हो गए हैं , अब क्यूं ये जीवन ,जीवन सा नहीं लगता
जब से टूटे मिट्टी के झोंपडे , गांव का आंगन भी , आंगन सा नहीं लगता
एक दोस्त पूछते हैं अक्सर , अमां तुम्हारे लिखने का ,कहीं कुछ है भी असर ,
हा हा हा हा अबे क्या तुम्हें अब बताएं , सियासत तक की लगी है , यहीं पर नज़र
ऑस्ट्रेलिया ने भारत को एक पारी और 37 रन से हराया ,
अबे यहीं खेला करो , और जीतो हमेसा , कित्ता था समझाया .
सियासतदानों ,तुम महफ़ूज़ थे अब तलक , क्योंकि हर बार तुम्हें हमने माफ़ किया ,
चलो अब आज़माते हैं ज़ोर अपना अपना , कहना जो अबकि नहीं तुम्हारा पत्ता साफ़ किया ..
तिलमिलाओ , और बौखलाओ इतना कि , सियासत को भी कुचल डालो ,
हम नहीं रुकने वाले ,इसलिए ,नहीं बदेगा कुछ ,वाली मानसिकता को बदल डालो ..
बदल डालो वो सारे कानून , जो उन्हें आम से खास कर देते हैं ,
चलो बनाओ जनता का कानून , सब मिल के इसे पास कर देते हैं
मैं जानता हूं तुम समझते हो ,हम जनता हैं ,हमें भूलने की बीमारी है,
सुलगेंगे तो खाक कर देंगे तुम्हारी सल्तनत , हम राख में छुपी चिंगारी हैं
बदरा के ओटवा से ताके रे सुरुजवा ,सर सर चले रे हवा जान मारे रे ,
लठिया जो देखे , हाथ ,जनता जनार्दन ,नेतवा के कईसे देखो प्राण कांपे रे

कालाधन का इस्तेमाल रोकने को आयोग कटिबद्ध है ,
और काले धन के इस्तेमाल को , हर दल प्रतिबद्ध है ......
तुम ये बता दो बस ,तुम सबके चोले , सबके माने सबके , इतने दागी क्यों हैं ,
तुम तलाशो जवाब पहले ,फ़िर हम भी बता देंगे , तेवर हमारे ये ,बागी क्यों हैं .
अभी पढी एक हकीकत ,चलिए लगे हाथ आपको भी ,ये बता देते हैं ,
आबादी नहीं है कई देशों की उतनी , जितने लोग अपने देश में सडकों पे जान गवां देते हैं
जब भी छाए उदासी या मायूस होने लगो ,यादों को टटोल लेना ,
मुस्कुराहटों , सपनों , की पोटलियों को धीरे से खोल देना .....
आज की खबर है कि पाक में तख्ता पलट की आशंका ,
लो बहुत हो गया पिरजातंत्र का नाटक , शुरू फ़ौज का हो गया टंटा
इतनी बेकरारी सनम अच्छी नहीं , अभी तो अंगडाई ली है ,
जरा सो तो लें पलक भर , फ़िर बताएंगे सपने में जिंदगी कैसी दिखाई दी है ......
राहुल खोलेंगे विधानसभा चुनाव में ,नसीमुद्दीन के भ्रष्टाचार की पोल ,
ए बेटा , ऊ सब तो ठीक हऊ , कभी कुछ कांग्रेसिया घोटाला पर भी बोल .....
परदा है ,परदा है ,परदा है परदा ,पर्दे के पीछे हाथी खडा है ,
देखो रे चुनाव की माया , हाथी खडा है ,मगर तिरपाल में पडा है
अबे हेलमेट पहन के रहा करो ,ये चेहरों पे कालिख मलने का दौर है ,
खुद कोलतार लिए खडी है सियासत , तुम समझते हो कोई और है ....
कंगारुआ सब धो धो के, पिच पर रहा है सबको पटक ,
अबे अब नय बोल रहे हो , अब लगेगा महाशतक ....

हुर्रर्रर्रर्रर्रर्रर्र ..भक्क भक्क भक्क
चुनाव में काले धन पर सतर्कता, जांच एजेसिंयों की पैनी नज़र ,
चल्ल बे , स्विस का खाता दिखता नहीं , काहे तब होती , भैंगी नज़र

चलो देखते हैं कि इस बार अपने नज़रबट्टू से इन बज़रबट्टू को कैसे धरते हो

1 टिप्पणी:

  1. इसीलिए तो कई ब्लॉगरों को कॉपीराइट का हवाला देना पड़ रहा है।

    जवाब देंहटाएं

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...