भारतीय वायुसेना में जल्द शामिल होने वाले हार्पून ब्लॉक-2 एंटी शिप मिसाइल के मार की धार से दुश्मन की कमर टूट जाती है। चीन और पाकिस्तान से जुड़े भारतीय समुद्री सीमा में यदि कोई हलचल होती है, तो दुश्मन के जंगी बेड़ों को संमदर में जल समधि दे देने में यह सक्षम है।
हार्पून उस भालानूमा हथियार को कहते हैं जिससे व्हेल का शिकार किया जाता है। इसके आधार पर ही इस एंटी शिप मिसाइल का नाम हार्पून रखा गया है। इसका अति आधुनिक सॉफ्टवेयर कमांड सेंटर के संपर्क में रहता है। लड़ाकु जहाज से दागे जाने वाले इस मिसाइल को दागने के लिए जहाज को दुश्मन के नजदीक जाने की आवश्यकता नहीं होती है। जहाज से 125 किलोमीटर दूर से ही लडाकु जहाज हार्पून मिसाइल को दाग कर वापस लौट सकता है।
हार्पून ब्लॉक-2 में जीपीएस सिस्टम लगा है। जिससे मिसाइल अपने स्थान और दुश्मन की जहाज के बदल रहे स्थान पर नज़र रखकर उस हिसाब से अपनी दिशा मोड सकती है। इसके अलावा इसमें इनर्शियल गाइडेंस सिस्टम भी लगा है जो मिसाइल को दुश्मन के द्वारा छोडी जा रही विकिरणों तथा रेडियो एक्टिव तरंगो की तरफ ध्यान देने से रोकता है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
17 जनवरी 2012
समंदर के अंदर 'जंगी बेड़ों' को जल समाधि दे देगी 'ये' मिसाइल!
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