रालेगण सिद्धि. भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत लोकपाल कानून की मांग कर रहे समाजसेवी अन्ना हजारे अब दिल्ली नहीं आएंगे। खराब स्वास्थ्य के चलते अन्ना हजारे का दौरा रद्द हुआ है। लेकिन सूत्रों के हवाले से आ रही खबर के मुताबिक टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल रालेगण सिद्धि जाएंगे। वह अन्ना को दिल्ली आने और चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे।
अन्ना का ताज़ा बयान विवादों में घिरता दिख रहा है। अपने गांव रालेगण सिद्धि में जल्द रिलीज होने वाली फिल्म 'गली गली में चोर है' को देखने के बाद फिल्म के कलाकारों से मुलाकात के दौरान अन्ना ने कहा, ' जब व्यक्ति की सहन की ताकत खत्म हो जाती है तो आपके सामने जो भी भ्रष्टाचारी हो, उसे तमाचा (थप्पड़) जड़ दिया जाए तो दिमाग ठिकाने आ जाता है। अब यही एक मात्र रास्ता बच गया है।'
खुद को गांधीवादी विचारधारा का अनुयायी मानने वाले अन्ना ने हमेशा ही अहिंसा में यकीन रखने की बात की है। लेकिन अन्ना के ताज़ा बयान ने उनके विरोधियों को उनकी आलोचना का नया हथियार दे दिया है।
अन्ना के बयान पर सपा नेता मोहन सिंह ने कहा कि इसका सबसे ज्यादा असर टीम अन्ना पर ही होगा और उन्हें ही सबसे ज्यादा थप्पड़ पड़ेंगे। सबसे अधिक जूते और चप्पल अन्ना के सहयोगियों पर फेंके गए हैं लेकिन इससे भी उन्होंने सबक नहीं लिया। वहीं, सपा नेता आजम खान ने कहा है कि अन्ना का लोकतंत्र में भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि जब कमांडर ही हिंसा की बात करता है तो टीम क्या करेगी।
भाजपा ने अन्ना के बयान को अलोकतांत्रिक करार दिया है। भाजपा नेता राजनाथ सिंह ने कहा, 'मैं इससे सहमत नहीं हूं। एक स्वस्थ लोकतांत्रिक व्यवस्था में मर्यादाओं का अतिक्रमण करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना के आंदोलन का समर्थन करता हूं लेकिन आंदोलन में मर्यादाओं का अतिक्रमण नहीं होना चाहिए।'
अन्ना की मुहिम में उनका साथ देने वाले योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा, ‘थप्पड़ से नहीं, वोट की मार से भ्रष्टाचारियों का बहिष्कार करना चाहिए।’
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘गांधीवादी के तौर पर अन्ना की छवि धूमिल हो गई है और ऐसा उनके बीजेपी-आरएसएस के साथ संबंधों की वजह से हुआ है। मीडिया ने अन्ना को खड़ा किया और अब उसी से अन्ना को नीचे भी गिराया। अन्ना का चुनावों पर कोई असर नहीं है।’ दिग्विजय ने कहा, ‘मैं अन्ना को गांधीवादी मानता था। मैं उन्हें अहिंसा का पुजारी मानता था। मेरे मन में उनके प्रति काफी प्रतिष्ठा थी लेकिन जब से उन्होंने ऐसा बयान दिया है, मेरे मन में उनके प्रति इज्जत कम हुई है। संगत का असर बुरा होता है। अन्ना जब से संघ और बीजेपी के साथ आए हैं तब से उनके विचार बदल गए हैं। संघ और बीजेपी हिंसक प्रवृत्ति को बढ़ावा देते रहे हैं। अन्ना भी अब वैसा ही सोचने लगे हैं।’
कांग्रेस प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा कि अन्ना सबसे पहले अपने सहयोगियों अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी को थप्पड़ मारें। गौरतलब है कि केजरीवाल और बेदी के दामन पर भी भ्रष्टाचार के छींटे पड़े। केजरीवाल पर आरोप लगे कि सरकारी सेवा में रहते हुए वह राजनीति करते रहे और एनजीओ के लिए पैसा बटोरते रहे। केजरीवाल पर गैर सरकारी संगठन इंडिया अंगेस्ट करप्शन (आईएसी) से सम्बंधित 70 से 80 लाख रूपए गलत तरीके से निकालने का आरोप लगा। बेदी पर आरोप लगा कि वह सेमीनार में हिस्सा लेने के लिए संस्थानों और एनजीओ से अपनी हवाई यात्रा का पूरा किराया वसूलती थीं जबकि वीरता पदक हासिल करने के चलते उन्हें खुद का टिकट कम कीमत पर मुहैया होता था।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
25 जनवरी 2012
बीमार' अन्ना नहीं आएंगे दिल्ली
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