प्रणब मुखर्जी ने विदेशी बैंकों में कालाधन रखने वाले लोगों के नाम सार्वजनिक करने की मांग को खारिज करते हुए कहा, 'अगर मैं आपकी मांग को मानते हुए उन नामों का खुलासा कर दूं तो यह उन देशों के साथ हुए समझौते को तोड़ना होगा, जहां काला धन जमा है या जहां से हमें सूचना मिली है। अगर सरकार ऐसा करती है तो हमें आगे सूचना नहीं मिलेगी।' वित्तमंत्री ने उनकी सरकार द्वारा कालाधन वापस लाने के लिए उठाए गए कदमों के सवाल पर कहा कि एनडीए की सरकार ने अपने शासनकाल में क्या किया था।
प्रणब मुखर्जी ने काले धन को वापस लाने पर कहा, 'स्विस बैंक से हमें कालाधन कैसे मिलेगा? क्या मुझे वहां फौज भेजनी चाहिए? यह सिर्फ कर समझौतों के जरिए हो सकता है। स्विट्जरलैंड में जमा भारतीयों के खातों के बारे में हमें अप्रैल, 2011 से जानकारी मिलेगी। मैं या मेरी पार्टी कालाधन रखने वालों को बचाना नहीं चाहती है। हम लोग इस मुद्दे पर आपके (विपक्ष) साथ हूं।'
प्रणब मुखर्जी ने कहा, 'काला धन चाहे जितना भी हो, मैं किसी आंकडें की बात नहीं कर रहा हूं क्योंकि मेरे पास कोई आंकड़ा नहीं है। कुछ संस्थाओं की रिपोर्ट भारतीय मीडिया में काफी प्रकाशित हो रही हैं। इनके मुताबिक भारत के करीब 15 से 19 बिलियन डॉलर विदेशी बैंकों में जमा हैं। मैंने भारतीय सरकार के राजदूत के जरिए स्विस सरकार से इन संस्थाओं के बारे में जानकारी मांगी, लेकिन उन्होंने भी कहा कि ऐसी कोई जानकारी उनके पास नहीं है।'
प्रणब मुखर्जी के मुताबिक, 'कर चोरी के पैसे जहां भी जमा हो रहे हैं वे विकासशील देश नहीं हैं, बल्कि विकसित देश हैं। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि संसद इस मुद्दे पर बहस करे कि कैसे हम काले धन को टैक्स हैवेन में जाने से रोक सकते हैं। यह बहुत गंभीर मुद्दा है और हमें इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। सरकार ने काले धन से जुड़ी जानकारी दूसरे देशों के साथ साझा की है। हम काले धन पर अंकुश लगाने के लिए पांच सूत्रीय कार्यक्रम को लागू कर रहे हैं। हमें जो भी जानकारी मिलेगी, उस पर हम कार्रवाई करेंगे। ब्रिटेन और फ्रांस को भी स्विट्जरलैंड से काले धन की कोई जानकारी नहीं मिली है। हमारी सरकार ने काले धन की वापसी और उसको रोकने में कोई कोरकसर बाकी नहीं रखी है।'
प्रणब मुखर्जी के जवाब से असंतुष्ट समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव ने सदन से वॉकआउट करने का ऐलान कर दिया। प्रणब मुखर्जी के जवाब से नाराज आडवाणी ने कहा कि मुझे मेरे सवालों के जवाब नहीं मिले।
इससे पहले भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि कर की ऊंची दरों से विदेशी बैंकों में काला धन रखने को बढ़ावा मिला और कर चोरी के मामले भी बढ़े । आडवाणी ने कहा कि विदेशी बैंकों में जमा काला धन 2जी घोटाले की रकम 1.76 लाख करोड़ से भी ज्यादा है। 1991 में देश में आर्थिक उदारीकरण ( जिस वक्त मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे) के बाद काला धन की रकम कई गुना बढ़ोतरी हुई। उन्होंने पूछा कि सरकार उन ‘16 से 18 लोगों के नाम’ सार्वजनिक क्यों नहीं कर रही जिनके लिचेंस्टाइन बैंक में अकूत संपत्ति जमा है? भ्रष्टाचार और काला धन पर संयुक्त राष्ट्र के कन्वेंशन (2003) को मान्यता देने में देरी क्यों कर रही है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
14 दिसंबर 2011
प्रणब मुखर्जी बोले, क्या फौज भेजकर कालाधन वापस लाऊं
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