हृदय रोग आज के समय में किसी भी उम्र को अपना शिकार बना सकता है ,यह रोग आज भी मृत्यु का एक प्रमुख कारण है। आधुनिक विज्ञान में हृदय रोगों को कार्डीयकडीजीज के नाम से जाना जाता है।
हृदय रोगों में कोरोनरीहार्टडीजीज, कार्डीयोमायोपैथी, कार्डीयोवास्कुलरडीजीज, इस्चमीकहार्टडीजीज, हार्टफेलियर आदि अनेक रोग आते हैं। आज आपको हम एक अनुभूत प्रयोग (नुस्खा )बताते हैं,जो हृदय से सम्बंधित अनेक समस्याओं में कारगर है :-
- घृतकुमारी के रस ,तुलसी के पत्ते के रस,पान के पत्ते का रस,ताजे गिलोय के पंचांग का रस ,सेब का सिरका एवं लहसुन की कली इन सबको समान मात्रा में उबालकर एक चौथाई शहद के साथ उबाल लें और नियमित एक चम्मच खाली पेट लें ,आपको हृदय रोगों से बचाव सहित रोगजन्य स्थितियों में हृदय को मजबूती प्रदान करने वाला अनुभूत योग है, यह ,आप प्रयोग करें और हृदय रोगों से बचे रहें।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
14 दिसंबर 2011
थोड़े से शहद का ये नुस्खा दिल की बीमारियों के लिए है रामबाण
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)