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17 दिसंबर 2011

राजा से भी बड़े गुनाहगार चिदंबरमः स्वामी



नई दिल्ली. 2जी घोटाले में मौजूदा गृहमंत्री पी चिंदमबरम को भी घेरने के लिए जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने आज पटियाला हाउस कोर्ट में गवाही दी । कोर्ट में स्वामी की आज की गवाही खत्म हो गई है। अब इस मामले में 7 जनवरी को सुनवाई होगी। स्वामी की दलीलों के बाद ही कोर्ट तय करेगा कि चिदंबरम को इस मामले में आरोपी बनाया जाए या नहीं।
स्वामी ने कहा, 7 जनवरी को मैं कोर्ट को दस्तावेजों की प्रमाणित कॉपी पेश करके कोर्ट से आग्रह करूंगा कि अब मुझे गवाह पेश करने की जरूरत नहीं है। अब कोर्ट को यह तय करना है कि गृहमंत्री पी चिदंबरम पर 2जी घोटाले में शामिल होने के आरोप बनते है या नहीं।
कोर्ट के बाहर पत्रकारों से बातचीत में स्वामी ने कहा, राजा के ऊपर दो आरोप हैं पहला दाम तय करने का और दूसरा उन कंपनियों को लाइसेंस देना का जिन्हें लाइसेंस नहीं मिलना चाहिए था उन्हें लाइसेंस देने का। इन दोनों आरोपों में चिदंबरम की भूमिका भी बनती है। सीबीआई को दी गई अपनी फाइल में राजा ने कहा है कि मुझे नहीं पता था कि स्पेक्ट्रम बेचा जा सकता है, चिदंबरम ने मुझे बताया था कि स्पेक्ट्रम भी बेचा जा सकता है।
मैंने चिदंबरम पर तीसरा आरोप यह लगाया है कि एतीसलात और टेलीनॉर ब्लैकलिस्ट कंपनियां हैं, गृहमंत्रालय ने इन कंपनियों के साथ कोई भी व्यापार न करने के निर्देश जारी किए थे लेकिन चिदंबरम के आदेश पर ही काली सूची में शामिल इन कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटित किया गया।
स्वामी ने कहा, मैंने दस्तावेजों और तथ्यों के साथ यह साबित करने की कोशिश की कि जो-जो आरोप कोर्ट ने राजा के खिलाफ लगाए हैं वो दोनें चार्ज चिदंबरम पर भी ऐसे ही लागू होते हैं। राजा के ऊपर आरोप नंबर एक यह है कि उसने लाइसेंस के दाम 2001 के दाम पर तय करके देश के राजस्व को नुकसान पहुंचाया है, सीएजी ने इसे एक लाख 76 हजार करोड़ बताया है। दूसरा आरोप यह है कि जिन कंपनियों को लाइसेंस मिलनी नहीं चाहिए थी उन्होंने सस्ते दामों पर लाइसेंस लेकर विदेशी कंपनियों को बेच दिया।
मैंने जो दस्तावेज पेश किए हैं उनमें राजा को लिखी चिदंबरम की चिट्ठी, राजा और चिदंबरम के बीच हुई चार बैठकों के मीटिंग मिनट, संसद में प्रधानमंत्री का भाषण, 24 फरवरी को राज्यसभा में पीएम ने बयान शामिल है। पीएम ने अपने बयान में कहा था कि मेरे हाथ में दाम तय करने का अधिकार नहीं था। यह अधिकार 2003 की एनडीए सरकार ने दो मंत्रियों, जिनमें वित्त मंत्री और टेलीकॉम मंत्री शामिल हैं, को दिया था। इससे यह साबित होता है कि चिदंबरम की भी घोटाले में भूमिका है।

स्वामी सीबीआई से प्राप्त दस्तावेजों को कोर्ट में पेश कर यह साबित करने की कोशिश की है कि चिदंबरम के इशारों पर ही 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला हुआ। स्वामी जिन दस्तावेजों को कोर्ट में पेश कर स्वामी को फंसाने की मांग कर रहे हैं उन्हीं दस्तावेजों को केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने चिदंबरम के बचाव में पेश किया था। चिदंबरम के बचाव में सिब्बल ने कहा था कि पहले आओ पहले पाओ के आधार पर स्पेक्ट्रम आवंटन करना सरकार की ही नीति थी। सिब्बल ने चिदंबरम के बचाव में कहा था कि एनडीए और विपक्ष पी चिदंबरम को फंसाने की साजिश रच रहा है। चिदंबरम यूपीए के अहम मंत्री हैं और उन्होंने बिना किसी भेदभाव के पूरी इमानदारी से अपना काम किया था।
सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट में शिकायत दायर कर गृहमंत्री पी चिदंबरम को भी 2जी घोटाले में आरोपी बनाने की मांग की है। स्वामी ने यह भी मांग की है कि सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी और टेलीकॉम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी को भी इस मामले में गवाही देने के लिए कोर्ट में बुलाया जाए।

कोर्ट जाने से पहले सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि वो चिदंबरम के खिलाफ सबूत पेश करके यह साबित करेंगे की देश के खिलाफ सबसे बड़े भ्रष्टाचार में चिदंबरम भी शामिल थे।

कोर्ट जाने से पहले पत्रकारों से बातचीत में स्वामी ने कहा, आज मैं गवाह के तौर पर कोर्ट में जा रहा हूं और ऐसे सबूत और दस्तावेज पेश करूंगा जो साबित कर देंगे की चिदंबरम के इशारों पर ही ए राजा काम कर रहे थे।

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