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03 नवंबर 2011

भगवान का लाख लाख शुक्र है

एक उम्रदराज विधवा और विधुर में पिछले पांच सालों से बड़ी गहरी दोस्ती थी। पुरुष ने आखिरकार महिला के आगे शादी का प्रस्ताव रख दिया। महिला ने फौरन हां कह दिया । अगली सुबह जब वह जागा तो उसे ठीक से याद नहीं आया कि मेरे शादी के प्रस्ताव के बारे में महिला ने क्या जवाब दिया था। हां या ना। काफी देर तक कोशिश करने के बाद भी जब याद नहीं आया तो उसने महिला को फोन लगाया और पूछा कि कल मेरे शादी के प्रस्ताव पर उसने क्या जवाब दिया था, हां या ना। महिला ने कहा – ”भगवान का लाख लाख शुक्र है कि तुमने फोन कर लिया। जवाब तो मैंने ”हां” ही दिया था पर मैं ये भूल गई थी कि किसको दिया था!”

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