तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
18 नवंबर 2011
दो पहिया वाहन चालकों के साथ पुलिस और प्रेस का अत्याचार
दोस्तों कहावत है के गरीब की जोरू सबकी भाभी होती है यानि उसके साथ जो चाहे मनमानी कर ले कोई सार संभाल करने वाला नहीं होता ठीक इसी तरह से हमारे राजस्थान और खासकर कोटा शहर में दो पहिया वाहन चालकों के साथ हो रहा है .ट्रेफिक पुलिस और चार पी है के मानते ही नहीं ट्रेफिक पुलिस व्यवस्था के नाम पर केवल और केवल दो पहिया वाहन चालकों के हाथ धोकर पीछे पढ़ जाते है दुर्घटनाएं निरंतर बढती रहती है लेकिन यह चार पी है के केवल दो पहिया वाहन चालकों को ही अपना शिकार बनाना चाहते है क्योंकि दुसरे सडकों पर दुर्घटना का आतंक फेलाने वाले तो इनके .................लगते है ..जी हाँ दोस्तों आप सोच रहे होंगे के यह चार पी का क्या मामला है पहला प्रेस दूसरा प्लीडर यानि वकील तीसरा पुलिस यानि ट्रेफिक पुलिस और यातायात विभाग चोथा पोलिटिक्स यानी सरकार के निकम्मे मंत्री .यह सब राजस्थान खासकर कोटा की तार तार सडकों पर दुर्घटना नियन्त्रण के नाम पर केवल हेलमेट और दो पहिया वाहन चालकों की जांच तक ही अपना अभियान सिमित कर देते है .सारा देश और कानून के जानकर जानते है के सडक दुर्घटना के मूल कारण टूटी फूटी सदके ..सडकों का अतिक्रमण ..आवारा जानवरों का उत्पात ..ट्रक.मिनीबस..टेम्पो का अवेध संचालन , ओवर लोड वाहन ..सडकों पर द्रष्टि भ्रम के विज्ञापन , राष्ट्रिय और राजमर नियमों का उलन्न्घन ...ट्रेफिक संचालन ..वर्दी नियम किराया सूचि ..मंजिली गाड़ियों का ठहराव ..अवेध वाहन संचालन ..वगेरा वगेरा ......सभी जानते है के कोटा की टूटी फूटी घायल तार तार सडकों पर कोई सा भी वाहन बीस की स्पीड से भी चलाना मुश्किल है फिर यहाँ केवल एक ही बड़ी सडक है बाकी तो छोटी छोटी सडकें और गलियाँ पुराना शहर है जहां स्पीड कंट्रोल ही रहती है ऐसे में वहां हेलमेट का कानून अपने आप में मजाक लगता है ......मोटर वहन नियमों में वाहनों के आगे नाम पट लगाना वाहन पर नाम लिखवाना पार्टी का सिम्बल या कलर पुतवाना ..हेलोजन लाइटों का इस्तेमाल होर्न का इस्तेमाल नो एंट्री नो पार्किंग का इस्तेमाल हेलमेट ..कार सीट बेल्ट ..स्पीड ब्रेकर ..अतिक्रमण आवारा जानवर ..किराया सूचि .गति सीमा .प्रदूषण ..विज्ञापन बोर्ड ...शराब पीकर वहन चालान बीमार द्वारा वाहन चलाना मनमाना किराया या टिकिट वसूली ..परमिट शर्तों का उलन्न्घन कर वाहनों को रोडवेस समानांतर सर्विस के रूप में चलाना सड़क पर उत्पात शोर मचाना ओवर लोड वाहन लेजाना बार बार वाहन चलाना सभी तो अपराध है और इन सभी अपराधों से सडक दुर्घटनाएं होती है फिर केवल दो पहिया वाहनों के चालकों के पीछे और खासकर हेलमेट के पीछे पढना क्या अत्याचार अनाचार पक्षपात नहीं है कार चालक ..ट्रक मालिक ..जीप मालिक ..प्राइवेट बस मालिक अगर सरकार के रिश्तेदार अवेध चोट वसूली देने वाले हो गये है तो इसमें जनता का क्या दोष हो जनता को तो न्याय चाहिए लेकिन अब बताओ दो पहिया वाहन चालक इस एक तरफा अत्याचार के मामले में प्रेस..पोलिटिक्स..पुलिस..प्लीडर में से किस के पास जाएँ क्योंकि उनकी उपेक्षा और अनदेखी के कारण ही तो यह एक तरफा अत्याचार खुलेआम हो रहा है अब तो दो पहिया वाहन चालकों को खुदा से दुआ करना होगी के केसे हम लोग इन चार पी का जमीर अंतर आत्मा जगाएं जो यह इन्साफ की इस लड़ाई में जनता का साथ देने के लियें सच और सिर्फ सच छाप कर दोपहिया वाहन चालकों को शोषण और लूट परेशानी से बचाएं देखो खुदा इन चार पी को सद्बुद्धि दे ....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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