जब भी घर में किसी तरह की पूजा की जाती है, तो उसमे शंख जरूर रखा जाता है। शंख को शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। घर के पूजास्थल में जो वामावर्ती शंख रखा जाता है उसे विष्णु का और दक्षिणावर्ती शंख को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। शंख का एक और बहुत सुन्दर रूप मोती शंख को श्री यंत्र का प्राकृतिक स्वरूप माना गया है। मोती शंख दोनों शंख से देखने में ज्यादा सुन्दर दिखाई देता है। इसका उपयोग तंत्र क्रियाओं में किया जाता है। कुछ साधारण तंत्र प्रयोग इस प्रकार हैं-
-यदि इस शंख को कारखाने में स्थापित किया जाए तो कारखाने में तेजी से आर्थिक उन्नति होती है।
-यदि मोती शंख को मंत्र सिद्ध व प्राण प्रतिष्ठा पूजा कर स्थापित किया जाए तथा उसमें जल भरकर लक्ष्मी के चित्र के साथ रखा जाए तो लक्ष्मी प्रसन्न होती है और आर्थिक उन्नति होती है।
-मोती शंख को घर में स्थापित कर यदि रोज ऊँ श्री महालक्ष्मैय नम: ग्यारह बार बोलकर एक- एक चावल का दाना शंख में भरते रहे। इस प्रकार ग्यारह दिन तक प्रयोग करें। यह प्रयोग करने से आर्थिक तंगी समाप्त हो जाती है।
-यदि व्यापार में घाटा हो रहा है। दुकान में आय नहीं हो रही हो तो एक मोती शंख दुकान के गल्ले में रखा जाये तो इससे व्यापार में वृद्धि होती है।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
29 नवंबर 2011
अनेक चमत्कारी गुण छिपे हैं इस शंख में
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