मैसेज आया, कॉल किया और जीरो हो गया बैलेंस!उस पर कॉल करने के लिए कहा जाता है। जैसे ही मोबाइलधारक उस नंबर पर फोन करता है, वैसे ही उनके मोबाइल का सारा बैलेंस डायल किए गए नंबर पर ट्रांसफर हो जाता ह
बीएसएनएल, वोडाफोन और एयरटेल ने इस तरह की शिकायतों की पुष्टि की है। प्री-पेड धारकों की राशि कहां और किसके पास गई है, फिलहाल मोबाइल कंपनियां इसका खुलासा नहीं कर पा रही हैं। हालांकि, इस ठगी के तहत जिन नंबरों को टोल फ्री बताया जाता है, उनके देश के बाहर का होना सामने आया है।
उधर, इस वोडाफोन ने जांच के लिए मामला दिल्ली की लीगल सेल को सौंप दिया है। वोडाफोन के अधिकारियों ने बताया कि जरूरत पड़ी तो पुलिस में भी मामला दर्ज कराया जाएगा।
ऐसे हुआ बैलेंस ट्रांसफर
तनु के मोबाइल पर 4 नवंबर को सुबह 11:50 बजे पर एक एसएमएस आया। इसमें इनामी राशि जीतने की बात कहीं गई। राशि कहां और कैसे मिलेगी, इसके लिए एसएमएस में दिए गए टोल फ्री नंबर पर फोन करने के लिए कहां गया।
जैसे ही तनु ने कॉल किया, वैसे ही मोबाइल का सारा बैलेंस ट्रांसफर हो गया और इसका संदेश भी आया कि आपकी रिक्वेस्ट पर आपका सारा बैलेंस उस नंबर पर ट्रांसफर कर दिया गया है। इसके तुरंत बाद तनु ने कस्टमर केयर पर शिकायत की। इसी मामले पर जांच की जा रही है कि आखिरकार कितने लोगों की राशि इस टोल फ्री नंबर पर गई और बाद में इस राशि का क्या हुआ?
ऐसे बचें ठगी से
>+91 के अलावा किसी अन्य नंबर से मिस कॉल आए तो उस नंबर पर कॉल नहीं करें।
>अगर कोई संदेश भेजकर कहे कि आपने इनाम जीता है और इस नंबर पर फोन करें तो कॉल करने से बचें।
>इनाम पाने के लालच में मोबाइल से एसएमएस करने से बचें और डिटेल किसी अन्य को नहीं दें।
शिकायत करें, वापस होंगे पैसे
>निजी ऑपरेटर्स के मुताबिक इस तरह के मामले में संबंधित मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी कस्टमर केयर पर तुरंत शिकायत करें। ऐसा होने पर ट्रांसफर हुई राशि को रि-स्टोर किया जाना संभव है। यह राशि दो-तीन दिन में संबंधित व्यक्ति के खाते में वापस आ सकती है।
रोज आ रही हैं शिकायतें
"इस तरह के मामले में बैलेंस डिटेक्ट होने की रोजाना कुछ शिकायतें सामने आ रही हैं। चूंकि अधिकांश वारदात देश के बाहर के नंबरों से हो रही हैं, ऐसे में कार्रवाई संभव नहीं है। वैसे भी यह ग्राहक की लापरवाही की वजह से ऐसा होता है। ग्राहक इनाम या कुछ और लालच में मैसेज में आए अंक या मिस कॉल पर फोन करते हैं। कई मामलों में आईएसडी की कॉल दर से बैलेंस भी डिटेक्ट होने के मामले आ रहे हैं।"
-राहुल शर्मा, सीनियर सुपरवाइजर, प्री पेड कस्टमर केयर (निजी ऑपरेटर)
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