वाणी या बोल का महत्व धर्मशास्त्रों के नजरिए से जाने तो यह इंद्रिय संयम के द्वारा सुखी जीवन पाने का अहम सूत्र है। यह वाचिक तप भी कहलाता है। कहा गया है कि सांसारिक जीवन में मीठी वाणी के अभाव में तो पूजन, दान या अध्ययन भी निरर्थक हो जाते हैं। क्योंकि कड़वे बोल हृदय, प्राण, मर्म और अस्थि को गहरा दु:ख पहुंचाते हैं।
इस बात पर व्यावहारिक रूप से भी गौर करें तो मिठासभरे शब्दों से न केवल व्यक्तिगत सुकून प्राप्त होता है, बल्कि यह दूसरों का मन भी मोह या जीत लेते हैं। इस तरह मीठी वाणी का जादू भी सफलता का सूत्र है। लेकिन वाणी के सदुपयोग करते हुए वे मीठे शब्द कैसे होने चाहिए? और क्या ऐसे खास शब्द हैं, जिनका हर इंसान जीवनभर मेल-मिलाप या व्यवहार के दौरान उपयोग कर जीवनभर सुख बंटोर सके या मुश्किलों से पार पाए?
इन सवालों का जवाब भविष्यपुराण में बताई वाणी की अहमियत व मिठास से जुड़ी इन बातों में मिल सकता है -
लिखा गया है कि -
न हीदृक् स्वर्गयानाय यथा लोके प्रियं वच:।
इहामुत्र सुखं तेषां वाग्येषां मधुरा भवेत्।।
अमृतस्यनन्दिनीं वाचं चन्दनस्पर्शशीतलाम्।
धर्माविरोधिनीमुक्त्वा सुखमक्षय्यमाप्रुयात्।।
सरल शब्दों में सार है कि मीठी वाणी चंदन की भांति ठंडक देती है, जो लोक-परलोक यानी जीवन और मृत्यु के बाद भी सुख देने वाली होती है। जिसके लिए तीन खास बातों को अपनाना जरूरी है -
- पहली अतिथि के आने पर कुशलक्षेम यानी खैरियत पूछना चाहिए और जाने पर - यात्रा व कार्य मंङ्गलमय हो ऐसा बोलना चाहिए।
- दूसरे किसी से मिलने, अभिवादन या स्वागत के वक्त स्वस्ति यानी शुभ कामनाओं व प्रसन्नता से भरे वचन व शब्द बोलें।
- किसी भी कार्य के संबंध में शब्दों से यही भावना व्यक्त करें कि - आपका नित्य कल्याण हो। जिससे व्यावहारिक रूप से समझे तो किसी को भी किसी कार्य के संबंध में सकारात्मक टिप्पणी, विचार या सलाह ही दें।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
27 नवंबर 2011
इन 3 मीठी बातों के जादू से जीवनभर पाएं सुखद नतीजे
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