जीवन और मृत्यु का चक्र हमेशा चलता ही रहता है। श्रीकृष्ण ने गीता यही बताया है कि जिस आत्मा ने धरती पर शरीर धारण किया उसे निश्चित अवधि के बाद इस देह का त्याग करना होता है। देह त्याग के बाद पुन: आत्मा को नया जन्म लेना होता है। इन बातों के बाद भी इंसान मृत्यु पर विजय प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयास करता रहा है लेकिन आज तक मौत को कोई जीत नहीं सका है।
मृत्यु एक अटल सत्य है और यह निर्धारित समय पर अवश्य ही आएगी। शास्त्रों के अनुसार इंसान यदि देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त कर ले तो उसकी उम्र में वृद्धि अवश्य हो सकती है। शिव पुराण के अनुसार आयु के संबंध में बृहस्पति देव की पूजा करनी चाहिए। आयु बढ़ाने के लिए प्राचीन काल में भी भगवान बृहस्पति को प्रसन्न करने की परंपराएं प्रचलित थीं।
देव गुरु बृहस्पति की कृपा प्राप्त करने के लिए उनके वार गुरुवार को विशेष पूजन करना चाहिए। गुरुवार का दिन भगवान बृहस्पति का दिन माना जाता है। इस दिन बृहस्पति के साथ ही अन्य देव-देवताओं और इष्टदेव के निमित्त वस्त्रों का दान किसी जरूरतमंद व्यक्ति को करना चाहिए। इसके अलावा वस्त्र, यज्ञोपवित के साथ ही घी और मिश्री से बनी खीर देवी-देवताओं को अर्पित करें। इसमें मुख्य रूप से घी और मिश्री से खीर का प्रसाद भी ग्रहण करना चाहिए।
इस प्रकार गुरुवार के दिन पूजन करने से व्यक्ति को दीर्घायु प्राप्त होती है और सभी सुख प्राप्त होते हैं।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
02 नवंबर 2011
घी-मिश्री से आप भी जी सकते हैं 100 सालों तक, जानिए क्यों और कैसे?
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