नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया का सबसे दुखी देश है। डब्ल्यूएचओ के मेंटल हेल्थ सर्वे इनिशिएटिव द्वारा किए एक अध्ययन में यह सामने आया है कि भारत में उदास और दुखी लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है।
'क्रॉस-नेशनल एपिडीमोलॉजी ऑफ डीएसएम-आईवी- फॉर मेजर डिप्रेसिव एपिसोड' नामक यह रिपोर्ट 18 देशों के अलग-अलग आय वर्ग के लोगों के साक्षात्कार के आधार पर तैयार किया गया है। इन लोगों से करीब 90 हजार मुद्दों पर बात की गई।
बायोम्ड सेंट्रल की बीएमसी मेडीसिन जर्नल में प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा कमाई करने वाले दस देशों में उदासी की औसर दस 14.6 प्रतिशत है। मध्यम कमाई वाले आठ देशों में यह दर 11.1 प्रतिशत है। लेकिन भारत में मेजर डिप्रेसिव एपिसोड (एमडीई) की दर 35.9 प्रतिशत है जबकि चीन में बारह फीसदी है। हालांकि ज्यादा कमाई करने वाले ज्यादातर देशों में एमडीई की दर कम आय वाले देशों की तुलना में कम है।
'क्रॉस-नेशनल एपिडीमोलॉजी ऑफ डीएसएम-आईवी- फॉर मेजर डिप्रेसिव एपिसोड' नामक यह रिपोर्ट 18 देशों के अलग-अलग आय वर्ग के लोगों के साक्षात्कार के आधार पर तैयार किया गया है। इन लोगों से करीब 90 हजार मुद्दों पर बात की गई।
बायोम्ड सेंट्रल की बीएमसी मेडीसिन जर्नल में प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा कमाई करने वाले दस देशों में उदासी की औसर दस 14.6 प्रतिशत है। मध्यम कमाई वाले आठ देशों में यह दर 11.1 प्रतिशत है। लेकिन भारत में मेजर डिप्रेसिव एपिसोड (एमडीई) की दर 35.9 प्रतिशत है जबकि चीन में बारह फीसदी है। हालांकि ज्यादा कमाई करने वाले ज्यादातर देशों में एमडीई की दर कम आय वाले देशों की तुलना में कम है।
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