आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

05 जुलाई 2010

बंद की सियासत और कोंग्रेस का मीडिया मेनेजमेंट

महंगाई इ खिलाफ आन्दोलन में कल देश एक जुट दिखा लेकिन विपक्ष की संयुक्त आवाज़ को दबाने के लियें पहले तो कोंग्रेस ने विपक्ष में फुट डालना चाही फिर बंद के मामले में मीडिया मेनेजमेंट के नाम पर मीडिया को अपनी मर्जी से खबर देने के लियें तय्यार किया गया जिसका असर कल मीडिया की खबरों में साफ़ देखने को मिला बंद के मामले में कल हर खबर हर रिपोर्टिंग कोंग्रेस और मीडिया की मिलीभगत की पोल खोल रही थी मीडिया ने कल रिपोर्टिंग और महंगाई मामले में कोंग्रेस के खिलाफ रिपोर्टिंग नहीं कर देश के साथ विश्वासघात किया हे मीडिया महंगाई को जायज़ और विरोध को ग़लत ठहराने की कोशिशों में लगा रहा अब देखिये सुप्रीम कोर्ट का बंद के मामले में जो आदेश हे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और मीडिया बार बार उसकी बात कर रहे थे लेकिन वित्त अधिनियम संसद की गरिमा अधिनियम जिसमे साफ़ तोर परखा गया हे के बजट के दोरान ही सारी चीज़े डिस्कस कर किसी भी मामले में मूल्यवर्द्धि करवाना चाहिए फिर कोंग्रेस ने ऐसा क्यूँ नहीं किया कोंग्रेस ने आखिर संसद बुला कर इस पर बहस कर मूल्यवर्द्धि करना उचित क्यूँ नहीं समझा क्या न्विधान की भावनाओं का उल्न्न्घं कर सरकार को सत्ता में रहने का अधिकार हे आप खुद बताएं अचानक पेट्रोल डीज़ल केरोसिन और पी जी गेस के दामों में व्रद्धी से देश के संबंधित व्यापारियों को अरबों रूपये का फायदा फुन्हाया गया हे वोह फायदा अगर संसद में बहस होती तो शायद नहीं पहुंचता स्टोक में अगर कोई चीज़ सस्ते दामों में खरीद कर रखी हे और अचानक कीमतें बधाई जाती हें तो फिर यह तो साबित हे के सरकार मुनाफाखोरों से मिली हुई हे मीडिया अगर इस पर चुप हे तो फिर यही कहा जाएगा के मिडिया दूध का धुला नहीं हे उसकी सारी खबरें कोंग्रेस प्रायोजित चल रही हें लेकिन भाई यह जनता जनार्दन हे यह सब जानती हे... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...