एक ट्रेन में
बिना टिकिट यात्रा करते
एक युवक पकड़ा गया
टी टी ने जब माँगा जुर्माना
तो युवक आन्न्खों में आंसू लाकर फफक गया
टी टी को युवक पर तरस आया
उसने युवक को पास बुलाया
सर पर हाथ लगाया
और जोर से
सर का एक बाल खेंच लिया
युवक थोड़ा चिल्लाया
लेकिन जब टी टी ने खा के अब जाओ
तो नवयुवक बहुत इठलाया
ट्रेन के डिब्बे में बेठे लोगों ने
टी टी से बिना टिकिट पकड़े गये युवक को
सर से बाल उखाड़ कर
छोड़ने का राज़ पूंछा
टी टी ने कहा
भाइयों जमाना खराब हे
में अगर उस नवयुवक को यूँ ही
छोड़ देता
तो वोह सबसे जाकर पता हे किया कहता
में बगेर टिकिट पकड़ा गया
टी टी ने मेरा कोनसा बाल बांका कर दिया
सो दोस्तों नवयुवक अब कमसे कम
किसी से यह डायलोग तो नहीं कहेगा ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
27 जुलाई 2010
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बढ़िया व्यंग्य है
जवाब देंहटाएंwell sarcasm
जवाब देंहटाएंबच्चों की पढ़ाई के कारण नगर में बसे परंतु खेती के कारण बारम्बार गांव की ओर भागना पड़ता है। यह देखकर मन प्रसन्न है कि जो काम मैं करना चाहता था वह चल रहा है। भंडाफोड़ कार्यक्रम मूलतः स्वामी दयानंद जी का ही अभियान है। इसमें मेरी ओर से सदैव सहयोग रहेगा। कामदर्शी की पोल मैंने अपने ब्लॉग पर खोल ही दी है। अनवर को मैं आरंभ से ही छकाता थकाता आ रहा हूं।
जवाब देंहटाएंबच्चों की पढ़ाई के कारण नगर में बसे परंतु खेती के कारण बारम्बार गांव की ओर भागना पड़ता है। यह देखकर मन प्रसन्न है कि जो काम मैं करना चाहता था वह चल रहा है। भंडाफोड़ कार्यक्रम मूलतः स्वामी दयानंद जी का ही अभियान है। इसमें मेरी ओर से सदैव सहयोग रहेगा। कामदर्शी की पोल मैंने अपने ब्लॉग पर खोल ही दी है। अनवर को मैं आरंभ से ही छकाता थकाता आ रहा हूं।
जवाब देंहटाएंबच्चों की पढ़ाई के कारण नगर में बसे परंतु खेती के कारण बारम्बार गांव की ओर भागना पड़ता है। यह देखकर मन प्रसन्न है कि जो काम मैं करना चाहता था वह चल रहा है। भंडाफोड़ कार्यक्रम मूलतः स्वामी दयानंद जी का ही अभियान है। इसमें मेरी ओर से सदैव सहयोग रहेगा। कामदर्शी की पोल मैंने अपने ब्लॉग पर खोल ही दी है। अनवर को मैं आरंभ से ही छकाता थकाता आ रहा हूं।
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