तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
04 जुलाई 2010
प्रधानमन्त्री को मिलावटी खाना परोसा तो शोर मच गया
जी हां दोस्तों यह मेरा हिन्दुस्तान हे यहाँ जनता का जनता के लियें जनता द्वारा किया जाने वाला शासन हे यहाँ एयर गरीब प्रधामंत्री और जनता सब बराबर के लोग हें इसी लियें मेरा यह देश दुश्मनों की नजर में आज भी महान हे और इंशा अल्लाह आगे भी महान ही रहेगा हमारे देश में इन दिनों मिलावट खोरों मुनाफ़ा खोरों के मजे आ रहे हें मिलावट से जनता का स्वास्थ खराब हे और असंख्य लोग इसके प्रभाव से परेशान हे यह बात देश का हर नागरी देश का हर नेता हर अधिकारी जानता हे लेकिन सिर्फ देश का शासन चलाने वाले प्रधानमन्त्री जी यह मानने को तय्यार नहीं हें इसिलिएँ देश में मिलावट रोकने और मिलावट खोरों को दंडित करने के कानून की क्रियान्विति नहीं हे देश में दूध , घी,दाल,मसाले,पे पदार्थ , डिब्बा पेक सामान, चाय की पत्ती , नमक,तेल, मिटाइयां , आटा जेसी सामग्री तो मिलावट की हे ही सही लेकिन अब सब्जियां,मीट,मुर्ग़ा,मछली,फल और गेहूं वगेरा फसल से पकाने तक मिलावट कानून का उल्न्न्घन कर बेचे जा रहे हें कुल मिला कर देश की जनता कहीं भी महफूज़ नहीं हे कहते हें के देश में अधिकतम बीमारियाँ और मोतें मिलावट के कारण हे देश आज बिम्र्रियों से इसी कारण ग्रस्त हे आप जानते हें इन सब को रोकने के लियें खतरनाक कानून हे जिसे खाध्य पदार्थ अपमिश्रण रोक अधिनियम खा गया हे १९५५ में बने इस कानून की पालना देश में कोंग्रेस शासन में जनहित में कही की जा रही हो देखने को नहीं मिलती हे इस कानून में जुर्म साबित होने पर6 माह से उम्र केद तक की सजा का प्रावधान हे लेकिन आज मिलावट खोरों के होसले बुलंदी पर हें उनका प्रधानमन्त्री की सरकार से सीधा सेटिंग हे इसका यह नतीजा निकला के मिलावटखोरों ने खुद प्रधानमन्त्री मनमोहन इंह को ही मिलावट का खाना परोस दिया अब आप देखिये के आम जनता प्रधान मंत्री जी को परोसे गये खाने से कई गुना ज्यादा मिलावट के खाध्य पदार्थ और फल फुट खा रही हे तब किसी को चिंता नहीं लेकिन प्रधानमन्त्री जी को थोडा सा मिलावटी खाना परोसा तो देश के प्रशासन की भंवे तन गयीं और व्यापारियों अधिकारियों पर गाज गिरने लगी जनाब जेसी फसल बोओगे वेसी ही फसल काटोगे अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा हे जनता को जनता समझ लो कीड़े मकोड़े समझना बंद कर दो और मिलावाटियों के खिलाफ एक बढा अभियान छेड़ कर इस बिमारी को जड से खत्म कर दो ताकि देश स्वस्थ्य रहे लोकतंत्र स्वस्थ्य रहे किया मिलावट खोरों के कंधे पर टिकी सरकार यह सब कर सकेगी। शायद नही क्यूँ मेने भी भेंस के आगे अच्छी बिन बजाई हे ना। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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