आपका-अख्तर खान

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04 जुलाई 2010

उम्मीद

उम्मीदों की कश्ती को
डुबोया नहीं करते
साहिल अगर दूर हो तो
रोया नहीं करते
रखते हें जो दिल में
कुछ पाने की उम्मीद
हाथ पाँव हिला लें
तो वोह लोग
ज़िदगी में कुछ
खोया नहीं करते।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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