आपका-अख्तर खान

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28 जुलाई 2010

अब इसको मारा तो ठीक नहीं होगा

घर के बाहर
तीन दोस्त बेठे
बतिया रहे थे
इसी बीच
एक पहलवान आया
उसने एक का गला पकड़ा
उसे उठाया और गाल पर जोर दार तमाचा लगाया
यह जनाब हक्का बक्का देख रहे थे
लेकिन पहलवान को देख कर गुर्राए
पहेलवान जी
मुझे तो मार लिया
अब अगर मेरे इस दोस्त पर हाथ उठाया तो ठीक नहीं होगा
पहेलवान जी फिर पलटे
उन्होंने दुसरे को गरेबान पकडकर उठाया
उनके भी एक तमाचा लगाया
लेकिन फिर जनाब चिल्लाये
बोले पहेलवान जी बहुत हो गया
अब यह तीसरे दोस्त मेरे ख़ास हे
अगर इन पर हाथ उठाया
तो बस फिर खेर नहीं हे
पहलवान जी फिर
भन्नाए
उन्होंने तीसरे दोस्त को उठाया
गाल पर फिर खेंच के तमाचा लगाया
बस इतना होते ही
इन जनाब ने
पहलवान से माफ़ी मांगी और कहा ठीक हे ग़लती हो गयी
अब आप जाइए
जनाब का यह जवाब सुनकर पहलवान जी चकराए
बोले जब तुने ग़लती मान ली
इन दोनों को क्यूँ पिटवाए
जनाब बोले
पहलवान जी आप नहीं जानते
आपके जाते ही यह मुझे छेड़ते और कहते
क्यूँ पहलवान से पिट गया ना
अब हम तीनों एक से हें
कोई किसी को नहीं छेड़ेगा
तू मेरी मत कह , में तेरी नहीं कहूँ
की कहावत की तरह हम तीनों अब इस घटना को भूल गये हें ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

  1. यही हाल है हकीकत में आदमी का....एकता का मूल्य पहचाने बिना आपनी व्यक्तिगत पहचान के लिए मात खाता चला जा रहा है...!

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