तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
29 जून 2010
ब्रिटेन अब मरना नहीं चाहता
विश्व में चोद्राह्त का काम देख कर ब्रिटेन ने इराक और अफगानिस्तान को गेरकानुनी तरीके से खत्म करने के लियें अमेरिका का खुल कर साथ दिया लेकिन आज जब ब्रिटेन ने हिसाब लगाया तो इसाइयत की इस्लाम से लड़ाई में तो चाहे उसने अमेरिका इजराइल की मदद की हो लेकिन इसके अलावा नतीजा सिफर ही रहा हे अरबों खरबों खर्च करने और हजारों लोगों को मरवाने के बाद हर ब्रिटेन के नागरिक को जब विश्व भर की किसी यात्रा में खोफ का वातावरण मिला तो ब्रिटेन को अपनी भूल याद आई हे और अब वोह दबे अल्फाजों में तालिबान को मान्यता देने की बात करने लगा हे अमेरिका ब्रिटेन इजरायल समझ बेठे थे के मुट्ठी भर तालिबानियों को चुत्क्यों में सब मिलकर खत्म कर देंगे लेकिन काफी खाक छानने और सभी तकनीकों का इस्तेमाल करने के बाद अब वोह विफल हो गये हे विश्व शान्ति के खिलाफ यह अमेरिका और ब्रिटेन के मुख पर कालिख पुतने का मामला हे इस घटना ने विश्व के अन्य देशों जिसमें भारत और पाकिस्तान भी शामिल हे का विश्व शान्ति के मामले में सर श्रम से झुकाया हे इतना ही नहीं इस लड़ाई में चाहे अमेरिका ने विश्व के सभी इस्लामिक तेल के कुओं पर कब्जा कर लिया हो लेकिन देश ने तो बहुत कुछ खोया हे अपनी सुख शान्ति आंतरिक और बाहरी सुरक्षा ही खो दी हे साथ ही निर्भीकता और निष्पक्षता की जो चाप हे वोह धूमिल करी हे क्या एक परमाणु शक्ति को किसी की ना इंसाफी के आगे नतमस्तक होना शोभा देता हे इस सवाल का जवाब हमारे पास नही बचा हे लेकिन ब्रिटेन अब सब कुछ लुटा कर होश में आया हे उसने पहले तो आर्थिक तंगी से निपटने के लियें सेनेट के वेतन भत्तों में कटोती की बात कही हे और दबे अल्फ्फाजों में अमेरिका को तालिबानियों के आगे सरेंडर होने की सलाह देते हुए कहा हे के अब तालिबानियों से वार्ता का वक्त आ गया हे इसलियें उनसे वार्ता की जाना चाहिए । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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