तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
23 जून 2010
नर्सिम्भा राव ने मस्जिद तुडवा कर भाजपा के बढ़ते कदम रोके
पूर्व प्रधान मंत्री नर्सिम्भा राव ने भाजपा के निरंतर बढ़ रहे राजनितिक कदमों को रोकने के लियें भाजपा के खिलाफ एक भुत बढ़ी साज़िश रची थी जिससे बे खबर भाजपा आज तक सत्ता में आने के लियें बढ़ी राजनितिक पार्टी नहीं बन सकी हे , बदले राजनितिक हालात में जब मुसलमानों को रुख भाजपा की तरफ बढने लगा तो भाजपा को मुसलमानों से हमेशा के लिए दूर करने के लियें नर्सिम्भा राव ने उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह के शासन में जब मस्जिद तोड़ने के लियें भाजपा लाम बंध थी और उसे केंद्र सरकार वारा आसानी से रोका जा सकता था लेकिन नर्सिम्भा राव की सोच थी के भाजपा अगर मस्जिद गिरा देती हे तो एक तीर से दो शिकार हो जायेंगे एक तो भाजपा से हमेशां के लियें मुसलमान मतदाता हमेशा के लियें दूर हो जाएगा दुसरे मस्जिद समस्या खुद बा खुद खत्म हो जाएगी मस्जिद समस्या तो इस देश की कानून व्यवस्था के चलते अभी जस की तस हे लेकिन नर्सिम्भा राव की इस चाल ने भाजपा को अलबत्ता हमेशा के लियें सत्ता से दूर कर दिया हे क्योंकि उसी के बाद भाजपा दूसरों के कन्धो पर चाहे सरकार बना चुकी हो लेकिन अकेले तो आज भी भाजपा का वजूद देश की बड़ी राजनितिक पार्टी के रूप में जीरो ही हे आप सोचिये आज जो कोंग्रेस की स्थिति आम मुसलमानों के साथ हे देश के मुसलमानों के साथ कोंग्रेस का उपेक्षात्मक जो रुख हे उससे देश के मुसलमानों को कोंग्रेस से उब जाने के बाद नये विकल्प की तलाश हे जो भाजपा अगर मस्जिद नहीं तोडती तो मुसलमान भाजपा को भी अपना राजनितिक विकल्प बना सकते थे लेकिन अब इस कलंक के बाद वोह भाजपा से किसी भी सुरत में अलग रहना चाहते हें और यही वजह भाजपा के बढ़ते हुए कदमो को रोकने की कोशिश में राव कामयाब हो गये हें अगर भाजपा पर यह कलंक नहीं होता तो शायद आज वोफ देश की सबे बढ़ी पार्टी होती यह विचार यह चिन्तन यूँ ही नहीं हे इस पर भाजपा को भी अब राजनेतिक मंथन करना होगा और देश में राजनितिक रूप से पिछड़ने के उनके क्या मुख्य कारण हें उस पर उन्हें विचार करना होगा वेसे आज भी कई ऐसे भाजपा नेता हें जिनके निजी रवय्ये के चलते आम मुलमानों में से कई मुसलमान भाजपा के प्र्त्याक्शियों को भी वोट देते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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baat me dum hai
जवाब देंहटाएंlekin muslims ko bjp par bharosa karna chahiye, bcos congress ne hamesha muslimo ko bewkuf banaya hai
जवाब देंहटाएंमान्यवर आभार !!
जवाब देंहटाएंआप अब लोक के स्वर हमज़बान[http://hamzabaan.feedcluster.com/] के सदस्य हो चुके हैं.आप अपने ब्लॉग में इसका लिंक जोड़ कर सहयोग करें और ताज़े पोस्ट की झलक भी पायें.आप एम्बेड इन माय साईट आप्शन में जाकर ऐसा कर सकते हैं.हमें ख़ुशी होगी.
स्नेहिल
आपका
शहरोज़
राजनेताओं की चालें हम नहीं समझ पाते. आप समझ लेते हैं इसके लिए बधाई.
जवाब देंहटाएंअपने यहाँ की सबसे बड़ी विडंबना राजनीति में यह है - यहाँ सिर्फ मुस्लिम को वोटबैंक बना कर रखा गया है.
जवाब देंहटाएंवे(आम मुस्लिम मतदाता) किस बात पर खुश होंगे, किस बात पर नाराज होंगे, इसका विशेष ख्याल सभी पार्टियां रखती है.
कभी भी देश में अल्पसंख्यकों और बहुसंख्यकों की समस्याओं को एक रूप में नहीं देखा जाता.
तुष्टिकरण की इस घटिया नीति की शुरुवात कांग्रेस ने की है, लम्बे समय से स्वयं को "सेकुलर(?)" कहने, अन्य को साम्प्रदायिक कहना इसकी अंदरूनी नीति है.
बहरहाल एक ताजा रिपोर्ट पढ़े: http://blog.sureshchiplunkar.com/2010/06/zakir-naik-denied-visa-uk-and-canada.html