तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
25 जून 2010
मेरे देश को लाश ना समझो यारों
मेरे देश के लोगों को ज़िंदा लाशें समझने वाले राजनीतिज्ञों अब अपनी आँखें खोल लो देश में राजनीति के नाम पर लुट खसोट के जमाने गये अब जवाब दारी के लियें तय्यार रहना होगा , देश में इन दिनों गठ्बन्धन सरकार चलाने की प्रक्रिया हे और सब एक साथ हो कर देश की जनता को लुटने की कोशिशों में लगे रहते हें पहले भाजपा गठ्बन्धन दिखावे के तोर पर लड़ते थे लेकिन फेसले में साथ रहते थे फिर कोंग्रेस गठ्बन्धन में यह अपराध कोमरेडों ने किया पुरे पांच साल सरकार को गालियाँ बकते रहे लेकिन रहे सरकार के साथ अब ममता पंवार हें के सरकार के फ़सलों से खुश नहीं रहने का ढोंग करते हें लेकिन सरकार के साथ रहते हें देश में कोंग्रेस हो निर्दलीय हो भाजपा हो सपा हो जनता दल हो यूनाइटेड हो, माकपा हो भाकपा हो बसपा हो निर्दलीय हो दक्षिण भारतीय पार्टियां हों मनसे हो तनसे हो शिवसेना हो सब देश को फुन्ज्क कर राजनीति का तमाशा देख रही हें सरकार में रहने वाली पार्टियां दिखावे के तोर पर सरकार का विरोध करती हें लेकिन सरकार को किसी भी मुद्दे पर गिराती नहीं हें विपक्ष हे के दिखावे के तोर पर ब्यान बाज़ी करता हे लेकिन ज़िम्मेदारी का आन्दोलन नहीं करता हे जब वोटों की जरूरत पद्धति हे तो यही लोग रपये लेकर या तो बेईमानों के पक्ष में मतदान करते हें या फिर देश के दुश्मनों को फायदा पहुँचाने के लियें वाक् आउट कर जाते हें जिससे गणित में सरकार फिर जीत जाती हे और जनता हार जाती हे अब देश में य्हिऊ सब चल रहा हे यह सभी लोग जनता को ज़िंदा लाश समझ कर कफन चोर बन गये हें लेकिन अब इनके दिन लद गये जनता को ऐसे लोगों को धुल चटाना होगा ताकि देश फिर से गुलाम बनने से बच जाए । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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i agreed with you
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