आपका-अख्तर खान

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18 मई 2010

आओ फतवा फतवा खेलें

अरे मेरे मुसलमान हिन्दू भाइयों आप कहां जा रहे हें प्लीज़ आइये बेठिये और मेरे साथ फतवा फतवा खेलियें । जी हाँ फतवा फतवे का मतलब आप जानते हें कोई भी इस्लामिक जानकार डिग्रीधारी विद्वान किसी पेचीदा मामले में इस्लामिक कानून को आधार बना कर अपनी सलाह देता हे तो वोह फतवा यानी इस्लामिक सलाह कहलाती हे ऐसी सलाह किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ देना इस्लाम के कानून के खिलाफ हे हमारे देश में अकबर,जहांगीर,शाहजहाँ, औरंगजेब जेसे लोगों के वक्त इस्लाम के सोदेबाज़ों ने मजहब स समझोता कर धर्म को रोज़गार बना लिया और मजहब धर्म और कुरान की आयतों का मोल कर अपना जीवन बसर करने लगे जहांगीर ने जब नूरजहाँ के पति द्वारा उसे तलाक दिए बगेर उसे रखा तो इस्लाम के जानकार फ्त्वागीरों को खरीदा गया इसके पहले अकबर नें जब कुरानी शिक्षा से अलग हट कर दिन ऐ इलाही च्ल्लाया और जोधा बाई को धर्म परिवर्तन करवाए बगेर पत्नी बना कर रखा तब फ्त्वागीरों को जागीरें और मोती रकम देकर अपने पक्ष में फतवे देने के लियें इन लोगों द्वारा खरीदा गया बस तब से ही हमारे देश में रूपये लेकर नमाज़ पढाना,तावीज़ गंडे के नाम पर पेसे एंठना, कुरान ख्वानी के रूपये लेना रूपये लेकर फातिहा देने का रिवाज शुरू हो गया और फिर इंदिरा जी के वक्त कोंग्रेस के पक्ष और विपक्ष में राज्यसभा के पद के लालच में या छोटे मोटे फायदे के बदले वोट डालने के एलान की फतवेबाजी का डोर शुरू हुआ आपको पता होगा करीब दो साल पहले स्टार टी वी चेनल पर स्ट्रिंग ओपरेशन के तहत रूपये लेकर फतवे देने वालों से रूपये लेकर फतवा देने के मामले में उनको टी वी पर दिखा कर बेनकाब किया था मेरे पास भी ऐसे पुख्ता फ्त्वागीरों के खिलाफ पुख्ता सुपुत हें जो रूपये लेकर फतवे देते हें और खुद तकवे से अलग रहते हें तक्वा तो दूर की बात अपने फायदे के लियें नेताओं के आगे पीछे सभी इस्लामिक मर्यादाएं ताक में रख कर घूमते रहते हें अआप जानते हें फतवा देने का हक केवल उसे हे जो इस्लाम का जानकार हो और तक्वा यानी कुरान के कानून पर चलने वाला हो आज हमारे देश में तकवे पर चलने वाला शायद एक भी मुसमान नहीं हे रहा फतवों की बात तो जब सोदेबाज़ी कर राजनितिक और निजी आधार पर कुरान के कानून के खिलाफ फतवे दिए जाने लगे हें तो फिर अब फ्र्वों की कीमत इस देश में क्या रह जाती हे दोस्तों जो फतवा दे रहा हे आप उसकी जासूसी करें की वेह तकवे यानी कुरान के कानून चल रहा हे या नहीं अगर नहीं तो फिर आप उसे बेनकाब करें दोस्तों आज इस्लाम इन धर्म को रोज़गार बनाकर रूपये एंठने वाले कठमुल्लाओं की वजह से खतरे में आ गया हे ऐसे में मेरी आप सभी देशवासी हिन्दू मुस्लिम भाइयों से गुजारिश हे के इन फ्त्वागीरों से बचो इसके पहले के यह आप लोगों की भीड़ बता कर खुद को राज्यसभा या किस अन्य पद पर बिठा कर पुरस्कार प्राप्त करें आप इन्हें बेनकाब करें इन धर्म को बदनाम करने वाले ठेकेदारों के पास आमदनी कहां से आ रही हे इसकी जांच करें और इन्हें सीधे सीधे समझाने के लियें आप खुद कुरान तर्जुमे के साथ पढ़ें कुरान इस्लाम का एक संविधान हे उसमें पैदा होने के पूर्व से मरने के बाद तक का फलसफा हे उसमें उठने, बेठने , चलने,फिरने ,खाने पिने,बीवी,माँ ,बाप ,नोकर, मालिक के साथ केसा सुलूक हो युद्ध केसे लड़ें पड़ोसी दोस्त दुश्मन के साथ केसा सुलूक करें इन सब का जवाब कुरान मजीद में हे तो दोस्तों अगर आप चाहते हें के यह देश खुश हाल रे यहाँ अमन रहे विकास हो और चारों तरफ भाई चारे सद्भावना की सुगंध हो अपना पन हो तरक्की हो ख़ुशी हो पढ़ाई का माहोल हो संम्पूर्ण साक्षरता हो तो फिर आज से ही शपथ लो के हिन्दू गीता और मुस्लिम कुरान को हिंदी अनुवाद के साथ पढ़ेंगे उसे समझेंगे उस पर अम्ल करेंगे और खुद जब धार्मिक रूप से साक्षर हो जायेंगे तो फिर यह फ्तवागीर सोदेबाज़ मनमाने अधर्मी फतवे जारी कर देश का माहोल गंदा नहीं कर पायेंगे इसलियें दोस्तों मस्जिद में गीता हो मन्दिर में कुरान और हर हिदुस्तानी के दिल में राष्ट्रभक्ति का ईमान हो ऐसे माहोल के लियें अपने अपने धर्म को खुद पढ़ें पंडों, मुल्लाओं की मोहताजी खत्म करें ताकि यह धर्म के नाम पर अधर्म फेलाने वाले फतवा फतवा खेलने वाले खेल का अंत हो सके। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

2 टिप्‍पणियां:

  1. अख्तर भाई, आपने बिलकुल सही लिखा है. आजकल फतवा जारी करने का मौसम चल रहा है. रोज एक नया फतवा. आज अगर कोई फतवा जारी किया तो कल जारी किये गए फतवे को कौन मान रहा है कौन नहीं मान रहा इस पर कोई खोज नहीं होती. बस केवल फतवे जारी किये जाओ. आजकल के वक्त में कौनसी बात एक आम आदमी के हित में है कौनसी नहीं. इस बात को भी ध्यान में रखना जरुरी है. सबसे बड़ी बात आपने लिखी है की वो शख्स इस्लाम का जानकार होना चाहिये. हर धर्म में वक्त और हालात के साथ साथ रस्म और रिवाज बदलते जाते हैं. कोई भी धर्म अपने अनुयायीयों को तकलीफ नहीं पहुंचाता. मेरी निगाह में केवल एक ही धर्म है और वो है इंसानीयत. अगर हम एक अच्छे इंसान बन जाएँ तो हर धर्म की शिक्षा हममे आ जायेगी. आजकल कभी कभी हिन्दू धर्म में भी फतवे जैसे फरमान जारी होने लगे हैं. जो केवल ख़बरों में बने रहने के अलावा और कुछ नहीं है.
    मुझे दो पुराने गीत याद आ रहे हैं -
    १. प्यार बांटते चलो प्यार बांटते चलो
    क्या हिन्दू क्या मुसलमान
    हम सब है भाई भाई
    २. इंसान का इंसान से हो भाई चारा
    यही पैगाम हमारा यही पैगाम हमारा

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  2. ...ताकि यह धर्म के नाम पर अधर्म फेलाने वाले फतवा फतवा खेलने वाले खेल का अंत हो सके।
    .... बहुत खूब !!!

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