आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

03 मार्च 2021

जिसने हर किस्म की चीज़े पैदा कीं और तुम्हारे लिए कष्तियाँ बनायीं और चारपाए (पैदा किए) जिन पर तुम सवार होते हो

 और जिसने एक (मुनासिब) अन्दाजे़ के साथ आसमान से पानी बरसाया फिर हम ही ने उसके (ज़रिए) से मुर्दा (परती) शहर को जि़न्दा (आबाद) किया उसी तरह तुम भी (क़यामत के दिन क़ब्रों से) निकाले जाओगे (11)
और जिसने हर किस्म की चीज़े पैदा कीं और तुम्हारे लिए कष्तियाँ बनायीं और चारपाए (पैदा किए) जिन पर तुम सवार होते हो (12)
ताकि तुम उसकी पीठ पर चढ़ो और जब उस पर (अच्छी तरह) सीधे हो बैठो तो अपने परवरदिगार का एहसान माना करो और कहो कि वह (ख़ुदा हर ऐब से) पाक है जिसने इसको हमारा ताबेदार बनाया हालांकि हम तो ऐसे (ताक़तवर) न थे कि उस पर क़ाबू पाते (13)
और हमको तो यक़ीनन अपने परवरदिगार की तरफ़ लौट कर जाना है (14)
और उन लोगों ने उसके बन्दों में से उसके लिए औलाद क़रार दी है इसमें शक नहीं कि इन्सान खुल्लम खुल्ला बड़ा ही नाशुक्रा है (15)
क्या उसने अपनी मख़लूक़ात में से ख़ुद तो बेटियाँ ली हैं और तुमको चुनकर बेटे दिए हैं (16)
हालांकि जब उनमें किसी शख़्स को उस चीज़ (बेटी) की ख़ुशख़बरी दी जाती है जिसकी मिसल उसने ख़ुदा के लिए बयान की है तो वह (ग़ुस्से के मारे) सियाह हो जाता है और ताव पेंच खाने लगता है (17)
क्या वह (औरत) जो ज़ेवरों में पाली पोसी जाए और झगड़े में (अच्छी तरह) बात तक न कर सकें (ख़ुदा की बेटी हो सकती है) (18)
और उन लोगों ने फ़रिश्तों को कि वह भी ख़ुदा के बन्दे हैं (ख़ुदा की) बेटियाँ बनायी हैं लोग फ़रिश्तों की पैदाइश क्यों खड़े देख रहे थे अभी उनकी शहादत क़लम बन्द कर ली जाती है (19)
और (क़यामत) में उनसे बाज़पुर्स की जाएगी और कहते हैं कि अगर ख़ुदा चाहता तो हम उनकी परसतिश न करते उनको उसकी कुछ ख़बर ही नहीं ये लोग तो बस अटकल पच्चू बातें किया करते हैं (20)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...