आपका-अख्तर खान "अकेला"
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
06 दिसंबर 2025
कोटा में रविवार 7 दिसंबर को हाड़ोती का पहला राष्ट्रीय बाल सम्मेलन
मीडिया क्लब कोटा की अहम बैठक आज, पत्रकार हितों व सुरक्षा पर होंगे महत्वपूर्ण फैसले
ता सीन ये क़ुरआन वाजे़ए व रौशन किताब की आयतें है
सूरए अन नम्ल मक्का में नाजि़ल हुआ और उसकी तिराननबे आयतें हैं
खु़दा के नाम से (शुरु करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान रहम वाला है
ता सीन ये क़ुरआन वाजे़ए व रौशन किताब की आयतें है (1)
(ये) उन इमानदारों के लिए (अज़सरतापा) हिदायत और (जन्नत की) ख़ुशखबरी है (2)
जो नमाज़ को पाबन्दी से अदा करते हैं और ज़कात दिया करते हैं और यही लोग आखि़रत (क़यामत) का भी यक़ीन रखते हैं (3)
इसमें शक नहीं कि जो लोग आखिरत पर इमान नहीं रखते (गोया) हमने ख़ुद (उनकी कारस्तानियों को उनकी नज़र में) अच्छा कर दिखाया है (4)
तो ये लोग भटकते फिरते हैं- यही वह लोग हैं जिनके लिए (क़यामत में) बड़ा
अज़ाब है और यही लोग आखि़रत में सबसे ज़्यादा घाटा उठाने वाले हैं (5)
और (ऐ रसूल) तुमको तो क़ुरआन एक बडे़ वाकि़फकार हकीम की बारगाह से अता किया जाता है (6)
(वह वाकि़या याद दिलाओ) जब मूसा ने अपने लड़के बालों से कहा कि मैने
(अपनी बायीं तरफ) आग देखी है (एक ज़रा ठहरो तो) मै वहाँ से कुछ (राह की)
ख़बर लाँऊ या तुम्हें एक सुलगता हुआ आग का अँगारा ला दूँ ताकि तुम तापो (7)
ग़रज़ जब मूसा इस आग के पास आए तो उनको आवाज़ आयी कि मुबारक है वह जो आग
में (तजल्ली दिखाना) है और जो उसके गिर्द है और वह ख़ुदा सारे जहाँ का
पालने वाला है (8)
(हर ऐब से) पाक व पाकीज़ा है- ऐ मूसा इसमें शक नहीं कि मै ज़बरदस्त हिकमत वाला हूँ (9)
और (हाँ) अपनी छड़ी तो (ज़मीन पर) डाल दो तो जब मूसा ने उसको देखा कि वह
इस तरह लहरा रही है गोया वह जिन्द़ा अज़दहा है तो पिछले पावँ भाग चले और
पीछे मुड़कर भी न देखा (तो हमने कहा) ऐ मूसा डरो नहीं हमारे पास पैग़म्बर
लोग डरा नहीं करते हैं (10)
05 दिसंबर 2025
(ऐ रसूल) तुम ख़़ुदा के साथ किसी दूसरे माबूद की इबादत न करो वरना तुम भी मुबतिलाए अज़ाब किए जाओगे
ये लोग जब तक दर्दनाक अज़ाब को न देख लेगें उस पर इमान न लाएँगे (201)
कि वह यकायक इस हालत में उन पर आ पडे़गा कि उन्हें ख़बर भी न होगी (202)
(मगर जब अज़ाब नाजि़ल होगा) तो वह लोग कहेंगे कि क्या हमें (इस वक़्त कुछ) मोहलत मिल सकती है (203)
तो क्या ये लोग हमारे अज़ाब की जल्दी कर रहे हैं (204)
तो क्या तुमने ग़ौर किया कि अगर हम उनको सालो साल चैन करने दे (205)
उसके बाद जिस (अज़ाब) का उनसे वायदा किया जाता है उनके पास आ पहुँचे (206)
तो जिन चीज़ों से ये लोग चैन किया करते थे कुछ भी काम न आएँगी (207)
और हमने किसी बस्ती को बग़ैर उसके हलाक़ नहीं किया कि उसके समझाने को (पहले से) डराने वाले (पैग़म्बर भेज दिए) थे (208)
और हम ज़ालिम नहीं है (209)
और इस क़़ुरआन को शयातीन लेकर नाजि़ल नही हुए (210)
और ये काम न तो उनके लिए मुनासिब था और न वह कर सकते थे (211)
बल्कि वह तो (वही के) सुनने से महरुम हैं (212)
(ऐ रसूल) तुम ख़़ुदा के साथ किसी दूसरे माबूद की इबादत न करो वरना तुम भी मुबतिलाए अज़ाब किए जाओगे (213)
और (ऐ रसूल) तुम अपने क़रीबी रिश्तेदारों को (अज़ाबे ख़ुदा से) डराओ (214)
और जो मोमिनीन तुम्हारे पैरो हो गए हैं उनके सामने अपना बाजू़ झुकाओ (215)
(तो वाज़ेए करो) पस अगर लोग तुम्हारी नाफ़रमानी करें तो तुम (साफ़ साफ़) कह दो कि मैं तुम्हारे करतूतों से बरी उज़ जि़म्मा हूँ (216)
और तुम उस (ख़ुदा) पर जो सबसे (ग़ालिब और) मेहरबान है (217)
भरोसा रखो कि जब तुम (नमाजे़ तहज्जुद में) खड़े होते हो (218)
और सजदा (219)
करने वालों (की जमाअत) में तुम्हारा फिरना (उठना बैठना सजदा रुकूउ वगै़रह सब) देखता है (220)
बेशक वह बड़ा सुनने वाला वाकि़फ़कार है क्या मै तुम्हें बता दूँ कि शयातीन किन लोगों पर नाजि़ल हुआ करते हैं (221)
(लो सुनो) ये लोग झूठे बद किरदार पर नाजि़ल हुआ करते हैं (222)
जो (फ़रिश्तों की बातों पर कान लगाए रहते हैं) कि कुछ सुन पाएँ (223)
हालाँकि उनमें के अक्सर तो (बिल्कुल) झूठे हैं और शायरों की पैरवी तो गुमराह लोग किया करते हैं (224)
क्या तुम नहीं देखते कि ये लोग जंगल जंगल सरगिरदा मारे मारे फिरते हैं (225)
और ये लोग ऐसी बाते कहते हैं जो कभी करते नहीं (226)
मगर (हाँ) जिन लोगों ने इमान क़ुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए और
क़सरत से ख़़ुदा का जि़क्र किया करते हैं और जब उन पर ज़़ुल्म किया जा चुका
उसके बाद उन्होंनें बदला लिया और जिन लोगों ने ज़ु़ल्म किया है उन्हें
अनक़रीब ही मालूम हो जाएगा कि वह किस जगह लौटाए जाएँगें (227
04 दिसंबर 2025
रात 12 बजे कोटा से निकली टीम ने,150 km दूर बोलिया में लिया नेत्रदान
रात 12 बजे कोटा से निकली टीम ने,150 km दूर बोलिया में लिया नेत्रदान
2. पड़ौसी राज्य मध्य प्रदेश के बोलिया गाँव से,कोटा की टीम ने रात तीन बजे लिया नेत्रदान
पूरे
प्रदेश में शाइन इंडिया फाउंडेशन,कोटा की एक अकेली ऐसी संस्था है, जो
नेत्रदान के लिए संपर्क करने पर, किसी भी तरह की विपरीत परिस्थितियों
में,अधिक दूरी होने पर या प्रतिकूल मौसम होने पर भी, नेत्रदान का कार्य
करने के लिए 24 घंटे तैयार रहती है ।
बुधवार देर रात 11:00 बजे
संस्था के ज्योति मित्र कमलेश दलाल ने सूचना दी की, कोटा से 150 किलोमीटर
पड़ौसी राज्य मध्य प्रदेश की सीमा पर लगे,मंदसौर जिले के बोलिया गांव में
मोहनलाल चौधरी का आकस्मिक निधन हुआ है, और उनके भतीजे मनोज कुमार की
प्रेरणा पर बेटे राकेश जैन ने अपने पिता दिवंगत मोहनलाल चौधरी (अनाज
व्यापारी) के नेत्रदान करवाने का अनुग्रह किया है ।
सूचना मिलने पर
डॉ कुलवंत गौड़ ने तुरंत,कोटा से निकलने के लिए,कई सारे ड्राइवर को संपर्क
किया, परंतु कोई देर रात 150 किलोमीटर दूर जाने के लिए तैयार नहीं हुआ, अंत
में एक ड्राइवर ने जाने के लिये सहमति दी,जबकि उसके पिताजी का हार्ट का
ऑपरेशन कोटा के निजी अस्पताल में चल रहा था ।
ड्राइवर को लेकर डॉ
गौड़, 12:00 कोटा से रवाना हुए और 2:30 बजे, बोलिया निवासी स्वर्गीय
मोहनलाल के निवास पर पहुंचे, और उनके नेत्रदान की प्रक्रिया को संपन्न किया
। बोलिया ग्राम का यह पहला नेत्रदान था, उपस्थित जन समूह ने पहली बार
नेत्रदान की प्रक्रिया को देखा ।
मंदसौर जिले में,नेत्रदान
प्रक्रिया में अभी पूरी आंख को ही लिया जाता है । संस्था के माध्यम से अभी
तक मंदसौर जिले में 6 नेत्रदान हुए हैं,सभी में पूरी आँख को ना लेकर सिर्फ
कॉर्निया प्राप्त किया गया है ।
डॉ कुलवंत गौड़ ने नेत्रदान
प्रक्रिया के बाद,शोककुल परिवार के सदस्यों को संस्था की ओर से प्रशस्ति
पत्र और नेत्रदानी गौरव पट्टीका भेंट की ।