आपका-अख्तर खान "अकेला"
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
04 नवंबर 2024
बूंदी अभिभाषक परिषद अध्य्क्ष चंद्रशेखर के नेतृत्व में बूंदी के वकील सदस्य साथियों को दीपावली पर नगद बोनस, तोहफे के चलन की अनुकरणीय पहल, 550 से अधिक वकील साथी लाभान्वित
फिर ज़ोर पकड़ के आँधी हो जाती हैं
सूरए अल मुरसलात मक्का में नाजि़ल हुआ और इसकी पचास (50) आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
हवाओं की क़सम जो (पहले) धीमी चलती हैं (1)
फिर ज़ोर पकड़ के आँधी हो जाती हैं (2)
और (बादलों को) उभार कर फैला देती हैं (3)
फिर (उनको) फाड़ कर जुदा कर देती हैं (4)
फिर फरिश्तों की क़सम जो वही लाते हैं (5)
ताकि हुज्जत तमाम हो और डरा दिया जाए (6)
कि जिस बात का तुमसे वायदा किया जाता है वह ज़रूर होकर रहेगा (7)
फिर जब तारों की चमक जाती रहेगी (8)
और जब आसमान फट जाएगा (9)
और जब पहाड़ (रूई की तरह) उड़े उड़े फिरेंगे (10)
03 नवंबर 2024
ज्योति मित्रों की पहल पर संपन्न हुआ नैत्रदान
ज्योति मित्रों की पहल पर संपन्न हुआ नैत्रदान
2. दीपोत्सव पर्व पर सम्पन्न हुआ नैत्रदान
दीपोत्सव पर्व व भाई दौज के पावन अवसर पर आज सुबह जवाहर नगर निवासी श्री श्रीनाथ गुप्ता (सेवानिवृत्त विद्युत विभाग) की धर्मपत्नी प्रेमलता चित्तौड़ा का हृदय घात से आकस्मिक निधन हो गया । उनके निधन की सूचना शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ कुलवंत गौड़ को ज्योति मित्र विशाल रस्तोगी और वरिष्ठ समाजसेवी ललित चित्तौड़ा के माध्यम से प्राप्त हुयी ।
सूचना मिलते ही,डॉ कुलवंत गौड़ ने बेटे वीरेन्द्र,सुनील बेटी अनिता,सुनीता,दामाद ललित व अरविंद से माता जी के नैत्रदान करवाने का अनुग्रह किया, दामाद ललित चित्तौड़ा ने अपने पिताजी के देहांत के उपरांत भी उनका नेत्रदान शाइन इंडिया के माध्यम से संपन्न करवाया था ।
परिवार नेत्रदान के प्रति पहले से ही जागरूक था,अतः सहमति मिलते ही उनके नेत्रदान की प्रक्रिया निवास स्थान पर संपन्न हुई ।
(ऐ रसूल) हमने तुम पर क़ुरआन को रफ़्ता रफ़्ता करके नाजि़ल किया
उनके ऊपर सब्ज़ क्रेब और अतलस की पोशाक होगी और उन्हें चाँदी के कंगन पहनाए
जाएँगे और उनका परवरदिगार उन्हें निहायत पाकीज़ा शाराब पिलाएगा (21)
ये यक़ीनी तुम्हारे लिए होगा और तुम्हारी (कारगुज़ारियों के) सिले में और तुम्हारी कोशिश क़ाबिले शुक्र गुज़ारी है (22)
(ऐ रसूल) हमने तुम पर क़ुरआन को रफ़्ता रफ़्ता करके नाजि़ल किया (23)
तो तुम अपने परवरदिगार के हुक्म के इन्तज़ार में सब्र किए रहो और उन लोगों में से गुनाहगार और नाशुक्रे की पैरवी न करना (24)
सुबह शाम अपने परवरदिगार का नाम लेते रहो (25)
और कुछ रात गए उसका सजदा करो और बड़ी रात तक उसकी तस्बीह करते रहो (26)
ये लोग यक़ीनन दुनिया को पसन्द करते हैं और बड़े भारी दिन को अपने पसे पुश्त छोड़ बैठे हैं (27)
हमने उनको पैदा किया और उनके आज़ा को मज़बूत बनाया और अगर हम चाहें तो उनके बदले उन्हीं के जैसे लोग ले आएँ (28)
बेशक ये कु़रआन सरासर नसीहत है तो जो शख़्स चाहे अपने परवरदिगार की राह ले (29)
और जब तक ख़ुदा को मंज़ूर न हो तुम लोग कुछ भी चाह नहीं सकते बेशक ख़ुदा बड़ा वाकि़फकार दाना है (30)
जिसको चाहे अपनी रहमत में दाखि़ल कर ले और ज़ालिमों के वास्ते उसने दर्दनाक अज़ाब तैयार कर रखा है (31)
02 नवंबर 2024
तो ख़ुदा उन्हें उस दिन की तकलीफ़ से बचा लेगा और उनको ताज़गी और ख़ुशदिली अता फ़रमाएगा
तो ख़ुदा उन्हें उस दिन की तकलीफ़ से बचा लेगा और उनको ताज़गी और ख़ुशदिली अता फ़रमाएगा (11)
और उनके सब्र के बदले (बेहिश्त के) बाग़ और रेशम (की पोशाक) अता फ़रमाएगा (12)
वहाँ वह तख़्तों पर तकिए लगाए (बैठे) होंगे न वहाँ (आफ़ताब की) धूप देखेंगे और न शिद्दत की सर्दी (13)
और घने दरख़्तों के साए उन पर झुके हुए होंगे और मेवों के गुच्छे उनके बहुत क़रीब हर तरह उनके एख़्तेयार में (14)
और उनके सामने चाँदी के साग़र और शीशे के निहायत शफ़्फ़ाफ़ गिलास का दौर चल रहा होगा (15)
और शीशे भी (काँच के नहीं) चाँदी के जो ठीक अन्दाज़े के मुताबिक बनाए गए हैं (16)
और वहाँ उन्हें ऐसी शराब पिलाई जाएगी जिसमें जनजबील (के पानी) की आमेजि़श होगी (17)
ये बेहष्त में एक चश्मा है जिसका नाम सलसबील है (18)
और उनके सामने हमेशा एक हालत पर रहने वाले नौजवाल लड़के चक्कर लगाते
होंगे कि जब तुम उनको देखो तो समझो कि बिखरे हुए मोती हैं (19)
और जब तुम वहाँ निगाह उठाओगे तो हर तरह की नेअमत और अज़ीमुशशान सल्तनत देखोगे (20)