आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

06 दिसंबर 2025

कोटा में रविवार 7 दिसंबर को हाड़ोती का पहला राष्ट्रीय बाल सम्मेलन

 

कोटा में रविवार 7 दिसंबर को हाड़ोती का पहला राष्ट्रीय बाल सम्मेलन
**********************************
* प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा अनुमोदित राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान के ब्रांड एम्बेसडर और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपने साहित्य की सौरभ बिखेरने वाले भोपाल साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ.विकास दवे होंगे समारोह के खास मेहमान *
* डॉ. युगल सिंह की बाल शोध कृति "हाड़ौती अंचल का बाल साहित्य उद्भव एवं विकास" का लोकार्पण *
* बाल साहित्यकारों का सम्मान *
* आयोजन के सूत्रधार वरिष्ठ साहित्यकार जितेंद्र निर्मोही *
जानिए खास मेहमान डॉ.विकास दवे को
*********************************
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपने साहित्य की सौरभ बिखेरते डॉ.विकास दवे का जन्म 3 मई 1969 को पिताजी स्वर्गीय श्री जीवनलाल जी दवे एवं माताजी श्रीमती सुशीला दवे के पुत्र श्री विकास का जन्म तत्कालीन चित्तौड़ जिले के अरनोद तहसील में निनोर नामक ग्राम में हुआ। आपने हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर, एम.फिल., पीएच.डी.(बाल पत्रकारिता) और डी.लिट. (बाल मनोविज्ञान) की शिक्षा प्राप्त की। आप देश की अकादमियों , साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्थाओं से सक्रिय रूप से जुड़े हैं और भोपाल स्थित मध्य प्रदेश सरकार की साहित्य अकादमी के निदेशक के रूप में साहित्य और हिंदी के प्रचार के लिए सेवारत हैं।
भारतीय पौराणिक संस्कृति और राष्ट्र भक्ति के साथ - साथ बाल मनोविज्ञान से प्रेरित रचनाकार विकास दवे राजस्थान और मालवा के गौरव हैं और साहित्य जगत में उनका कद व व्यक्तित्व समस्त सीमाओं से परे है । उन्हें बाल साहित्य का मर्मज्ञ कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। इन्होंने विश्व की सर्वाधिक प्रसार संख्या वाली पत्रिका ‘देवपुत्र’ का 32 वर्ष तक संपादन किया और वर्तमान में मानद संपादक के रूप बाल-साहित्य के उत्थान के लिए कटिबद्ध हैं।
साहित्यिक यात्रा में अब तक विविध विषयों पर 50 से अधिक शोध आलेखों का प्रकाशन हो चुका है। "बाल पत्रकारिता और देवपुत्र के संपादकीय लेख : एक विवेचन पर लघु शोध प्रबंध, समकालीन हिन्दी बाल पत्रकारिता-एक अनुशीलन" पर दीर्घ शोध प्रबंध, शाजापुर जिले का क्रांति का इतिहास 1857 से 1947 तक दीर्घ शोध प्रबंध प्रमुख उपलब्धियां हैं। आपने देशभर की प्रतिष्ठित व्याख्यान मालाओं, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में बाल साहित्य सहित अनेक विषयों पर तीन हजार से अधिक व्याख्यान दिए हैं। पाठ्यक्रमों में आपकी रचनाएं शामिल हैं। आपको 150 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त करने का गौरव प्राप्त है।
अमृत सम्मान :
*************
सत्तर साल के नजदीक या उसके पार के बाल साहित्यकारों को अमृत सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। 1.अब्दुल मलिक खां भवानी मंडी, 2-.राम गोपाल राही लाखेरी, 3 भगवती प्रसाद गौतम कोटा ,4 डॉ गिरिवर गिरी, 5 डा प्रभात कुमार सिंघल 6- शिवराज श्रीवास्तव, 7.रामेश्वर शर्मा रामू भैया, 8. जय सिंह आशावत ,9. टीकम चंद्र ढोडरिया छबड़ा, 10 रघुराज सिंह कर्मयोगी, 11. विश्वामित्र दाधीच ,12 .बलदाऊ राम साहू दुर्ग 13. श्यामा शर्मा, 14.जितेन्द्र निर्मोही, 15. दिनेश विजयवर्गीय, बूंदी को सम्मानित किया जाएगा। अमृत सम्मान डा नरेंद्र चतुर्वेदी एवं क्षमा चतुर्वेदी को बाद में दिया जाएगा।
* अति विशिष्ट सम्मान :
*******************
यह सम्मान उन दिवंगत बाल साहित्यकारों को दिया जाएगा जिन्होंने हाड़ौती अंचल में बाल साहित्य की नींव रखी। यह उनके परिजनों को दिया जाएगा दिवंगत स्व उमानंदन चतुर्वेदी,स्व गोकुल चंद्र पडिहार झालावाड़, स्व संतोष पारिक नीरव बारां को सम्मानित किया जाएगा।
* डॉ गीता सक्सेना जिन्होंने डॉ. युगल सिंह को पी एच डी करवाई तथा रतनगढ़ नीमच मप्र के जाने माने बाल साहित्यकार ओम प्रकाश क्षत्रिय को भी सम्मानित किया जाएगा।
इनका भी सम्मान :
*****************
समारोह में 1-सुरेश चंद्र सर्वहारा 2- सी. एल. सांखला 3-रामनारायण मीणा हलधर 4- विष्णु शर्मा हरिहर 5-कृष्णा कुमारी 6-आशीष विजय निदेशक डीपीएस कोटा 7-रेखा पंचोली 8-स्नेहलता शर्मा 9- विजय कुमार शर्मा 10-विजय जोशी 11-डा वैदेही गौतम 12-श्वेता शर्मा 13-शोमिता वर्मा 14-डा. विजय वर्मा 15-नहुष व्यास 16-अर्पणा पांडेय 17-अनंदिता शर्मा 18-जे पी मधुकर 19-हेमराज सिंह 20- रीता गुप्ता 21 महेश पंचोली को सम्मानित किया जाएगा।
डॉ. प्रभात कुमार सिंघल
लेखक एवं पत्रकार, कोटा

मीडिया क्लब कोटा की अहम बैठक आज, पत्रकार हितों व सुरक्षा पर होंगे महत्वपूर्ण फैसले

 

मीडिया क्लब कोटा की अहम बैठक आज, पत्रकार हितों व सुरक्षा पर होंगे महत्वपूर्ण फैसले
- प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व वेब मीडियाकर्मी होंगे शामिल
के डी अब्बासी
कोटा। शहर के मीडिया क्लब की अहम बैठक रविवार दोपहर 12:30 बजे लक्खी बुर्ज कोटा पर आयोजित होगी, जिसमें अखबार, टीवी चैनल और वेब सोशल मीडिया से जुड़े वरिष्ठ पत्रकारों एवं युवा पत्रकारों को विशेष आमंत्रित किया गया है। बैठक में पत्रकार अपने विचार, सुझाव और अनुभव साझा करेंगे। बैठक का मुख्य फोकस जिलेभर के पत्रकारों के अधिकारों, सुरक्षा, बढ़ते उत्पीड़न के मामलों और संगठन की मजबूती पर रहेगा। बदलते मीडिया परिदृश्य में पत्रकारों को जिन चुनौतियों और दबावों का सामना करना पड़ रहा है, उनके समाधान पर सामूहिक रूप से चर्चा की जाएगी।
बैठकों में पत्रकारों पर हो रहे दमन, अनावश्यक दबाव, गलत कार्रवाई, फील्ड रिपोर्टिंग में खतरे और प्रशासनिक स्तर पर आने वाली समस्याओं पर भी विस्तृत मंथन किया जाएगा। बैठक में यह भी तय किया जाएगा कि पत्रकारों की सुरक्षा व अधिकारों के लिए किस प्रकार संयुक्त रणनीति बनाकर प्रभावी ढंग से लागू की जाए। वरिष्ठ पत्रकार युवा पत्रकारों को मार्गदर्शन प्रदान करेंगे और एक मजबूत, पारदर्शी एवं सक्रिय संगठनात्मक संरचना तैयार करने पर सुझाव देंगे। मीडिया क्लब कोटा द्वारा बताया गया कि संगठन जल्द ही विस्तृत कार्यकारिणी का गठन करेगा, जो पत्रकार हितों में ठोस कदम उठाएगी। मीडिया क्लब कोटा की ओर से सभी पत्रकार साथियों से अपील की गई है कि वे इस महत्वपूर्ण बैठक में अनिवार्य रूप से उपस्थित होकर अपने सुझावों से संगठन को और सशक्त बनाएं।

ता सीन ये क़ुरआन वाजे़ए व रौशन किताब की आयतें है

 सूरए अन नम्ल मक्का में नाजि़ल हुआ और उसकी तिराननबे आयतें हैं
खु़दा के नाम से (शुरु करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान रहम वाला है
ता सीन ये क़ुरआन वाजे़ए व रौशन किताब की आयतें है (1)
(ये) उन इमानदारों के लिए (अज़सरतापा) हिदायत और (जन्नत की) ख़ुशखबरी है (2)
जो नमाज़ को पाबन्दी से अदा करते हैं और ज़कात दिया करते हैं और यही लोग आखि़रत (क़यामत) का भी यक़ीन रखते हैं (3)
इसमें शक नहीं कि जो लोग आखिरत पर इमान नहीं रखते (गोया) हमने ख़ुद (उनकी कारस्तानियों को उनकी नज़र में) अच्छा कर दिखाया है (4)
तो ये लोग भटकते फिरते हैं- यही वह लोग हैं जिनके लिए (क़यामत में) बड़ा अज़ाब है और यही लोग आखि़रत में सबसे ज़्यादा घाटा उठाने वाले हैं (5)
और (ऐ रसूल) तुमको तो क़ुरआन एक बडे़ वाकि़फकार हकीम की बारगाह से अता किया जाता है (6)
(वह वाकि़या याद दिलाओ) जब मूसा ने अपने लड़के बालों से कहा कि मैने (अपनी बायीं तरफ) आग देखी है (एक ज़रा ठहरो तो) मै वहाँ से कुछ (राह की) ख़बर लाँऊ या तुम्हें एक सुलगता हुआ आग का अँगारा ला दूँ ताकि तुम तापो (7)
ग़रज़ जब मूसा इस आग के पास आए तो उनको आवाज़ आयी कि मुबारक है वह जो आग में (तजल्ली दिखाना) है और जो उसके गिर्द है और वह ख़ुदा सारे जहाँ का पालने वाला है (8)
(हर ऐब से) पाक व पाकीज़ा है- ऐ मूसा इसमें शक नहीं कि मै ज़बरदस्त हिकमत वाला हूँ (9)
और (हाँ) अपनी छड़ी तो (ज़मीन पर) डाल दो तो जब मूसा ने उसको देखा कि वह इस तरह लहरा रही है गोया वह जिन्द़ा अज़दहा है तो पिछले पावँ भाग चले और पीछे मुड़कर भी न देखा (तो हमने कहा) ऐ मूसा डरो नहीं हमारे पास पैग़म्बर लोग डरा नहीं करते हैं (10)

05 दिसंबर 2025

(ऐ रसूल) तुम ख़़ुदा के साथ किसी दूसरे माबूद की इबादत न करो वरना तुम भी मुबतिलाए अज़ाब किए जाओगे

ये लोग जब तक दर्दनाक अज़ाब को न देख लेगें उस पर इमान न लाएँगे (201)
कि वह यकायक इस हालत में उन पर आ पडे़गा कि उन्हें ख़बर भी न होगी (202)
(मगर जब अज़ाब नाजि़ल होगा) तो वह लोग कहेंगे कि क्या हमें (इस वक़्त कुछ) मोहलत मिल सकती है (203)
तो क्या ये लोग हमारे अज़ाब की जल्दी कर रहे हैं (204)
तो क्या तुमने ग़ौर किया कि अगर हम उनको सालो साल चैन करने दे (205)
उसके बाद जिस (अज़ाब) का उनसे वायदा किया जाता है उनके पास आ पहुँचे (206)
तो जिन चीज़ों से ये लोग चैन किया करते थे कुछ भी काम न आएँगी (207)
और हमने किसी बस्ती को बग़ैर उसके हलाक़ नहीं किया कि उसके समझाने को (पहले से) डराने वाले (पैग़म्बर भेज दिए) थे (208)
और हम ज़ालिम नहीं है (209)
और इस क़़ुरआन को शयातीन लेकर नाजि़ल नही हुए (210)
और ये काम न तो उनके लिए मुनासिब था और न वह कर सकते थे (211)
बल्कि वह तो (वही के) सुनने से महरुम हैं (212)
(ऐ रसूल) तुम ख़़ुदा के साथ किसी दूसरे माबूद की इबादत न करो वरना तुम भी मुबतिलाए अज़ाब किए जाओगे (213)
और (ऐ रसूल) तुम अपने क़रीबी रिश्तेदारों को (अज़ाबे ख़ुदा से) डराओ (214)
और जो मोमिनीन तुम्हारे पैरो हो गए हैं उनके सामने अपना बाजू़ झुकाओ (215)
(तो वाज़ेए करो) पस अगर लोग तुम्हारी नाफ़रमानी करें तो तुम (साफ़ साफ़) कह दो कि मैं तुम्हारे करतूतों से बरी उज़ जि़म्मा हूँ (216)

और तुम उस (ख़ुदा) पर जो सबसे (ग़ालिब और) मेहरबान है (217)
भरोसा रखो कि जब तुम (नमाजे़ तहज्जुद में) खड़े होते हो (218)
और सजदा (219)
करने वालों (की जमाअत) में तुम्हारा फिरना (उठना बैठना सजदा रुकूउ वगै़रह सब) देखता है (220)
बेशक वह बड़ा सुनने वाला वाकि़फ़कार है क्या मै तुम्हें बता दूँ कि शयातीन किन लोगों पर नाजि़ल हुआ करते हैं (221)
(लो सुनो) ये लोग झूठे बद किरदार पर नाजि़ल हुआ करते हैं (222)
जो (फ़रिश्तों की बातों पर कान लगाए रहते हैं) कि कुछ सुन पाएँ (223)
हालाँकि उनमें के अक्सर तो (बिल्कुल) झूठे हैं और शायरों की पैरवी तो गुमराह लोग किया करते हैं (224)
क्या तुम नहीं देखते कि ये लोग जंगल जंगल सरगिरदा मारे मारे फिरते हैं (225)
और ये लोग ऐसी बाते कहते हैं जो कभी करते नहीं (226)
मगर (हाँ) जिन लोगों ने इमान क़ुबूल किया और अच्छे अच्छे काम किए और क़सरत से ख़़ुदा का जि़क्र किया करते हैं और जब उन पर ज़़ुल्म किया जा चुका उसके बाद उन्होंनें बदला लिया और जिन लोगों ने ज़ु़ल्म किया है उन्हें अनक़रीब ही मालूम हो जाएगा कि वह किस जगह लौटाए जाएँगें (227

04 दिसंबर 2025

रात 12 बजे कोटा से निकली टीम ने,150 km दूर बोलिया में लिया नेत्रदान

  रात 12 बजे कोटा से निकली टीम ने,150 km दूर बोलिया में लिया नेत्रदान

2. पड़ौसी राज्य मध्य प्रदेश के बोलिया गाँव से,कोटा की टीम ने रात तीन बजे लिया नेत्रदान

पूरे प्रदेश में शाइन इंडिया फाउंडेशन,कोटा की एक अकेली ऐसी संस्था है, जो नेत्रदान के लिए संपर्क करने पर, किसी भी तरह की विपरीत परिस्थितियों में,अधिक दूरी होने पर या प्रतिकूल मौसम होने पर भी, नेत्रदान का कार्य करने के लिए 24 घंटे तैयार रहती है ।

बुधवार देर रात 11:00 बजे संस्था के ज्योति मित्र कमलेश दलाल ने सूचना दी की, कोटा से 150 किलोमीटर पड़ौसी राज्य मध्य प्रदेश की सीमा पर लगे,मंदसौर जिले के बोलिया गांव में मोहनलाल चौधरी का आकस्मिक निधन हुआ है, और उनके भतीजे मनोज कुमार की प्रेरणा पर बेटे राकेश जैन ने अपने पिता दिवंगत मोहनलाल चौधरी (अनाज व्यापारी) के नेत्रदान करवाने का अनुग्रह किया है ।

सूचना मिलने पर डॉ कुलवंत गौड़ ने तुरंत,कोटा से निकलने के लिए,कई सारे ड्राइवर को संपर्क किया, परंतु कोई देर रात 150 किलोमीटर दूर जाने के लिए तैयार नहीं हुआ, अंत में एक ड्राइवर ने जाने के लिये सहमति दी,जबकि उसके पिताजी का हार्ट का ऑपरेशन कोटा के निजी अस्पताल में चल रहा था ।

ड्राइवर को लेकर डॉ गौड़, 12:00 कोटा से रवाना हुए और 2:30 बजे, बोलिया निवासी स्वर्गीय मोहनलाल के निवास पर पहुंचे, और उनके नेत्रदान की प्रक्रिया को संपन्न किया । बोलिया ग्राम का यह पहला नेत्रदान था, उपस्थित जन समूह ने पहली बार नेत्रदान की प्रक्रिया को देखा ।

मंदसौर जिले में,नेत्रदान प्रक्रिया में अभी पूरी आंख को ही लिया जाता है । संस्था के माध्यम से अभी तक मंदसौर जिले में 6 नेत्रदान हुए हैं,सभी में पूरी आँख को ना लेकर सिर्फ कॉर्निया प्राप्त किया गया है ।

डॉ कुलवंत गौड़ ने नेत्रदान प्रक्रिया के बाद,शोककुल परिवार के सदस्यों को संस्था की ओर से प्रशस्ति पत्र और नेत्रदानी गौरव पट्टीका भेंट की ।

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...