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02 दिसंबर 2025

तुम (जब कोई चीज़ नाप कर दो तो) पूरा पैमाना दिया करो और नुक़सान (कम देने वाले) न बनो

 तुम (जब कोई चीज़ नाप कर दो तो) पूरा पैमाना दिया करो और नुक़सान (कम देने वाले) न बनो (181)
और तुम (जब तौलो तो) ठीक तराज़ू से डन्डी सीधी रखकर तौलो (182)
और लोगों को उनकी चीज़े (जो ख़रीदें) कम न ज़्यादा करो और ज़मीन से फसाद न फैलाते फिरो (183)
और उस (ख़ुदा) से डरो जिसने तुम्हे और अगली खि़लकत को पैदा किया (184)
वह लोग कहने लगे तुम पर तो बस जादू कर दिया गया है (कि ऐसी बातें करते हों) (185)
और तुम तो हमारे ही ऐसे एक आदमी हो और हम लोग तो तुमको झूठा ही समझते हैं (186)
तो अगर तुम सच्चे हो तो हम पर आसमान का एक टुकड़ा गिरा दो (187)
और शुएब ने कहा जो तुम लोग करते हो मेरा परवरदिगार ख़ूब जानता है (188)
ग़रज़ उन लोगों ने शुएब को झुठलाया तो उन्हें साएबान (अब्र) के अज़ाब ने ले डाला- इसमे शक नहीं कि ये भी एक बड़े (सख़्त) दिन का अज़ाब था (189)
इसमे भी शक नहीं कि इसमें (समझदारों के लिए) एक बड़ी इबरत है और उनमें के बहुतेरे इमान लाने वाले ही न थे (190)

16 घंटे में संभाग के अलग-अलग क्षेत्र से लिए तीन नेत्रदान

 

16 घंटे में संभाग के अलग-अलग क्षेत्र से लिए तीन नेत्रदान
2. मोक्षदा एकादशी पर 16 घंटे में तीन नेत्रदान संभाग में संपन्न, 6 को मिलेगी रोशनी

शाइन इंडिया फाउंडेशन के नेत्रदान जागरूकता अभियान से पूरे हाड़ौती संभाग में,जागरूकता और शोक के समय पर नेत्रदान का प्रतिशत बढ़ने लगा है ।

प्रदेश में शाइन इंडिया फाउंडेशन अकेला ऐसा संस्थान है, जो समय पर सूचना आने पर,कोटा के आसपास के 250 किलोमीटर के दायरे तक नेत्रदान लेने का कार्य करता है ।

इसी क्रम में पिछले 16 घंटे के दौरान,कोटा से 80 किलोमीटर दूर बारां, 35 किलोमीटर दूर बूंदी,और 70 किलोमीटर दूर रामगंजमंडी में कुल तीन नेत्रदान संपन्न हुए ।

सोमवार को,बारां शहर के संस्था के ज्योति मित्र हितेश खंडेलवाल की सूचना पर,जैन कॉलोनी,बारां निवासी केवल चंद जैन का नेत्रदान डॉ कुलवंत गौड़ ने प्राप्त किया।

इसकी ठीक बाद ही बूंदी से ज्योति मित्र इदरीस बोहरा की सूचना पर, डॉ गौड़ ने रजत गृह कॉलोनी निवासी नीरज जैन की धर्मपत्नी राजेश जैन का नेत्रदान लिया ।

बूंदी के नेत्रदान पर ही ज्योति मित्र संजय विजावत के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई की,बाजार नंबर 5, रामगंज मंडी निवासी नेत्रदान संकल्पित ओम प्रकाश गुप्ता (सेवानिवृत्त डाक- तार विभाग) का आकस्मिक निधन हुआ है, परिजनों ने स्व प्रेरणा से, उनका भी नेत्रदान संपन्न करवाया ।


इस तरह से शाइन इंडिया फाउंडेशन ने 16 घंटे में हाडोती संभाग के तीन अलग-अलग जिलों से नेत्रदान प्राप्त किया, प्राप्त कार्निया को जयपुर आई बैंक सोसाइटी में,भिजवा दिया गया है,जहां से कॉर्निया के इंतजार कर रहे मरीजों को इनका नि:शुल्क प्रत्यारोपण किया जा सकेगा ।

01 दिसंबर 2025

*सुप्रीम कोर्ट में धारीवाल की याचिका खारिज, एकल पट्टा मामले में गिरफ्तारी पर लगी रोक रहेगी बरकरार*

 

*सुप्रीम कोर्ट में धारीवाल की याचिका खारिज, एकल पट्टा मामले में गिरफ्तारी पर लगी रोक रहेगी बरकरार*
बहुचर्चित एकल पट्टा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मंत्री शांति धारीवाल की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को सुनने से इनकार कर दिया. जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस विजय बिश्नोई की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए 1 नवंबर के आदेश को बरकरार रखा. स्पष्ट किया कि मामला एसीबी कोर्ट जयपुर में लंबित प्रोटेस्ट पिटीशनों के निपटारे तक शांति धारीवाल के विरुद्ध कोई दंडात्मक कार्रवाई/गिरफ्तारी नहीं की जाएगी. धारीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा. राजस्थान सरकार की पैरवी अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा, इंटरवीनर अशोक पाठक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कुंवर सुल्तान सिंह, एडवोकेट अजीत कुमार शर्मा और आदित्य विक्रम सिंह ने की.
*ट्रायल कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पर सुनवाई*
उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि प्रोटेस्ट पिटीशनों का निपटारा ट्रायल कोर्ट को करना है, जिसमें पुरानी और नई क्लोजर रिपोर्ट दोनों पर विचार कर सकता है. राज्य सरकार द्वारा और जांच रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जा सकती है. साथ ही, ट्रायल कोर्ट को क्लोजर रिपोर्ट वापस लेने के आवेदन पर भी सुनवाई करनी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस ढांचे को मान्यता देते हुए शांति धारीवाल की याचिका खारिज कर दी.

मगर (लूत की) बूढ़ी औरत कि वह पीछे रह गयी

 मगर (लूत की) बूढ़ी औरत कि वह पीछे रह गयी (171)
(और हलाक हो गयी) फिर हमने उन लोगों को हलाक कर डाला (172)
और उन पर हमने (पत्थरों का) मेंह बरसाया तो जिन लोगों को (अज़ाबे ख़ुदा से) डराया गया था (173)
उन पर क्या बड़ी बारिश हुयी इस वाकि़ये में भी एक बड़ी इबरत है और इनमें से बहुतेरे इमान लाने वाले ही न थे (174)
और इसमे तो शक ही नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार यक़ीनन सब पर ग़ालिब (और) बड़ा मेहरबान है (175)
इसी तरह जंगल के रहने वालों ने (मेरे) पैग़म्बरों को झुठलाया (176)
जब शुएब ने उनसे कहा कि तुम (ख़़ुदा से) क्यों नहीं डरते (177)
मै तो बिला शुबाह तुम्हारा अमानदार हूँ (178)
तो ख़ुदा से डरो और मेरी इताअत करो (179)
मै तो तुमसे इस (तबलीग़े रिसालत) पर कुछ मज़दूरी भी नहीं माँगता मेरी मज़दूरी तो बस सारी ख़ुदाई के पालने वाले (ख़ुदा) के जि़म्मे है (180)

30 नवंबर 2025

वो मुलाक़ात आखिरी थी,

 

वो मुलाक़ात आखिरी थी,
वो गुफ्तगू भी आखिरी थी.
तेरे साथ जो पल बिताए थे,
शायद वो कहानी आखिरी थी.
वो मन का शौर वो नज़ाकत,
तेरी लबों की वो मिठास आखिरी थी.
तेरे बालों का मेरा संवारना,
तेरी जिद, तेरा वो शर्माना आखिरी था.
नसीहत क्या दूं मैं अब तुझको,
मेरा वो मुस्कुराना भी आखिरी था,
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