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04 नवंबर 2024

बूंदी अभिभाषक परिषद अध्य्क्ष चंद्रशेखर के नेतृत्व में बूंदी के वकील सदस्य साथियों को दीपावली पर नगद बोनस, तोहफे के चलन की अनुकरणीय पहल, 550 से अधिक वकील साथी लाभान्वित

 

बूंदी अभिभाषक परिषद अध्य्क्ष चंद्रशेखर के नेतृत्व में बूंदी के वकील सदस्य साथियों को दीपावली पर नगद बोनस, तोहफे के चलन की अनुकरणीय पहल,
550 से अधिक वकील साथी लाभान्वित
कोटा 24 नवम्बर, राजस्थान बार कौंसिल के अधीनस्थ कोटा सम्भाग की ऐतिहासिक नगरी बूंदी जिले की अभिभाषक परिषद में सभी सदस्य वकील साथियों को दीपावली के तोहफे में इकत्तीस सो रुपये, मिठाई, लॉयर्स डायरी देकर बूंदी अभिभाषक परिषद अध्यक्ष चंद्रशेखर ने एक अनुकरणीय ऐतिहासिक फल शुरू की है, राजस्थान में बूंदी जिला अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष चन्द्र शेखर शर्मा एवं उनकी टीम ने बिना किसी भेदभाव के ,,सभी वकील सदस्य साथियों ,, को दीपावली के उपहार स्वरूप इकत्तीस सो रूपये का बोनस , मिठाई का डिब्बा , और एक एडवोकेट डायरी टोकन शुल्क पर देकर , दीपावली पर्व को बूंदी के वकील साथियों के लिए यादगार बना दिया , जबकि महमान वकील साथियों को भी , मिठाई का उपहार बोनस में देकर एक नई परम्परा क़ायम की है ,, बूंदी ज़िले सहित हाडौती भर में वकील साथियों के लाडले, भाई चन्द्र शेखर शर्मा, वकीलों के सुख दुख में हमेशा साथ खड़े नजर आते हैं, यही वजह है के चन्द्र शेखर शर्मा बूंदी अभिभाषक परिषद कार्यकारिणी के हर महत्वपूर्ण पद पर रिकार्ड वोटों से निर्वाचित होते रहे हैं , वर्तमान में वोह तीसरी बार, बूंदी ज़िला अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष निर्वाचित हैं, वकीलों के मान सम्मान, स्वाभिमान, इंसाफ के संघर्ष में दबंग ओर अग्रिम पंक्ति में खड़े रहने वाले नेतृत्व चन्द्रशेखर ने कोरोना त्रासदी काल मे , नियमित किसी भी आवश्यकता, संकट निवारण के लिये, न्यायालय परिसर में उपस्थित रहकर, वकील साथियों, उनके परिजनों के संकटकाल में साथ खड़े दिखे, इतना ही नहीं , बिना किसी छोटे बड़े वकील के भेदभाव के बूंदी अभिभाषक परिषद के प्रत्येक सदस्य को दस दस हज़ार रूपये का बोनस देकर ,, इस संकटकाल में साथियों को चंद्रशेखर शर्मा ने संघर्ष की ताक़त देकर उत्साहवर्धन किया ,,,, चंद्रशेखर शर्मा यूँ तो अभिभाषक साथियों में हर दिल अज़ीज़ हैं , वोह हंसमुख , मिलनसार होने के कारण वकील साथिओं में लोकप्रिय भी हैं , लगातार बूंदी के वकील साथियों के साथ जुड़कर उनके समस्याओं के समाधान में जुटे हैं , बूंदी के लिए उन्होंने एक बहतरीन अपडेट लाइब्रेरी की आधुनिक व्यवस्था की है ,जबकि अभिभाषक परिसद बूंदी के कार्यालय का भी जीर्णोद्धार कर , व्यवस्थित किया , चंद्रशेखर शर्मा वकील साथियों के पारिवारिक सुख दुःख में भी हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर साथ रहे हैं यही वजह है ,के बूंदी ज़िले की जो छोटी बार एसोसिएशन है , वोह भी उन्हें अपना मुखिया ही समझती है, और दुःख सुख में मार्गर्दर्शन के लिए साथ खडी रहती हैं , वकील साथियों की कल्याणकारी व्यवस्था के लिए चंद्रशेखर शर्मा हमेशा संघर्षरत रहे हैं , हाल ही में दीपावली पूर्व उन्होंने , अपनी कार्यकारिणी के साथियों पदाधिकारियों के साथ मिलकर , अभिभाषक परिषद के सभी सदस्यों को , टोकन शुल्क पर तो , बहुपयोगी लायर्स डायरी दी है , जबकि सभी वकील साथियों को , एक एक मिठाई का पैकेट और इकत्तीस सो रूपये बतौर दीपावली उपहार बोनस दिया है , आगे भी चंद्रशेखर शर्मा एडवोकेट की वकील साथियों के कल्याण के लिए कई कार्ययोजनाएं तय्यार हैं , कोटा में लोक अभियोजक अभिभाषक परिषद के पूर्व अध्यक्ष राजेश जी शर्मा उनके बहनोई हैं,, इस कारण भी कोटा बूंदी ,बारां , झालावाड़ में रिश्तेदारी और मिलनसारिता होने के कारण वोह उक्त क्षेत्र की अभिभाषक परिषदों में भी सकारात्मक विचारविमर्श , गंभीर सोच के लिए अपनी अलग पहचान रखते हैं ,, भाई चंद्रशेखर शर्मा ने दीपावली बोनस और मिठाई की मिठास बिखेर कर एक नई शुरुआत की है , राजस्थान ही नहीं ,देश भर की सभी अभिभाषक परिषद ,, बार कॉंसिल्स और बार कौंसिल ऑफ़ इण्डिया ,, त्योहारों के राजा , दीपावली के त्यौहार पर ,, बोनस और मिठाई की परम्परा अगर शुरू करें तो अभिभाषकों के लिए यह हितकारी तो रहेगा ही सही साथ ही वकील साथियों में मिलनसारिता के लिए भी यह एक नई शुरुआत होगी , ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

फिर ज़ोर पकड़ के आँधी हो जाती हैं

 सूरए अल मुरसलात मक्का में नाजि़ल हुआ और इसकी पचास (50) आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
हवाओं की क़सम जो (पहले) धीमी चलती हैं (1)
फिर ज़ोर पकड़ के आँधी हो जाती हैं (2)
और (बादलों को) उभार कर फैला देती हैं (3)
फिर (उनको) फाड़ कर जुदा कर देती हैं (4)
फिर फरिश्तों की क़सम जो वही लाते हैं (5)
ताकि हुज्जत तमाम हो और डरा दिया जाए (6)
कि जिस बात का तुमसे वायदा किया जाता है वह ज़रूर होकर रहेगा (7)
फिर जब तारों की चमक जाती रहेगी (8)
और जब आसमान फट जाएगा (9)
और जब पहाड़ (रूई की तरह) उड़े उड़े फिरेंगे (10)

03 नवंबर 2024

ज्योति मित्रों की पहल पर संपन्न हुआ नैत्रदान

 ज्योति मित्रों की पहल पर संपन्न हुआ नैत्रदान

2. दीपोत्सव पर्व पर सम्पन्न हुआ नैत्रदान


दीपोत्सव पर्व व भाई दौज के पावन अवसर पर आज सुबह जवाहर नगर निवासी श्री श्रीनाथ गुप्ता (सेवानिवृत्त विद्युत विभाग) की धर्मपत्नी प्रेमलता चित्तौड़ा का हृदय घात से आकस्मिक निधन हो गया । उनके निधन की सूचना शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ कुलवंत गौड़ को ज्योति मित्र विशाल रस्तोगी और वरिष्ठ समाजसेवी ललित चित्तौड़ा के माध्यम से प्राप्त हुयी ।


सूचना मिलते ही,डॉ कुलवंत गौड़ ने बेटे वीरेन्द्र,सुनील बेटी अनिता,सुनीता,दामाद ललित व अरविंद से माता जी के नैत्रदान करवाने का अनुग्रह किया, दामाद ललित चित्तौड़ा ने अपने पिताजी के देहांत के उपरांत भी उनका नेत्रदान शाइन इंडिया के माध्यम से संपन्न करवाया था ।


परिवार नेत्रदान के प्रति पहले से ही जागरूक था,अतः सहमति मिलते ही उनके नेत्रदान की प्रक्रिया निवास स्थान पर संपन्न हुई ।



(ऐ रसूल) हमने तुम पर क़ुरआन को रफ़्ता रफ़्ता करके नाजि़ल किया

 उनके ऊपर सब्ज़ क्रेब और अतलस की पोशाक होगी और उन्हें चाँदी के कंगन पहनाए जाएँगे और उनका परवरदिगार उन्हें निहायत पाकीज़ा शाराब पिलाएगा (21)
ये यक़ीनी तुम्हारे लिए होगा और तुम्हारी (कारगुज़ारियों के) सिले में और तुम्हारी कोशिश क़ाबिले शुक्र गुज़ारी है (22)
(ऐ रसूल) हमने तुम पर क़ुरआन को रफ़्ता रफ़्ता करके नाजि़ल किया (23)
तो तुम अपने परवरदिगार के हुक्म के इन्तज़ार में सब्र किए रहो और उन लोगों में से गुनाहगार और नाशुक्रे की पैरवी न करना (24)
सुबह शाम अपने परवरदिगार का नाम लेते रहो (25)
और कुछ रात गए उसका सजदा करो और बड़ी रात तक उसकी तस्बीह करते रहो (26)
ये लोग यक़ीनन दुनिया को पसन्द करते हैं और बड़े भारी दिन को अपने पसे पुश्त छोड़ बैठे हैं (27)
हमने उनको पैदा किया और उनके आज़ा को मज़बूत बनाया और अगर हम चाहें तो उनके बदले उन्हीं के जैसे लोग ले आएँ (28)
बेशक ये कु़रआन सरासर नसीहत है तो जो शख़्स चाहे अपने परवरदिगार की राह ले (29)
और जब तक ख़ुदा को मंज़ूर न हो तुम लोग कुछ भी चाह नहीं सकते बेशक ख़ुदा बड़ा वाकि़फकार दाना है (30)
जिसको चाहे अपनी रहमत में दाखि़ल कर ले और ज़ालिमों के वास्ते उसने दर्दनाक अज़ाब तैयार कर रखा है (31)

02 नवंबर 2024

तो ख़ुदा उन्हें उस दिन की तकलीफ़ से बचा लेगा और उनको ताज़गी और ख़ुशदिली अता फ़रमाएगा

 तो ख़ुदा उन्हें उस दिन की तकलीफ़ से बचा लेगा और उनको ताज़गी और ख़ुशदिली अता फ़रमाएगा (11)
और उनके सब्र के बदले (बेहिश्त के) बाग़ और रेशम (की पोशाक) अता फ़रमाएगा (12)
वहाँ वह तख़्तों पर तकिए लगाए (बैठे) होंगे न वहाँ (आफ़ताब की) धूप देखेंगे और न शिद्दत की सर्दी (13)
और घने दरख़्तों के साए उन पर झुके हुए होंगे और मेवों के गुच्छे उनके बहुत क़रीब हर तरह उनके एख़्तेयार में (14)
और उनके सामने चाँदी के साग़र और शीशे के निहायत शफ़्फ़ाफ़ गिलास का दौर चल रहा होगा (15)
और शीशे भी (काँच के नहीं) चाँदी के जो ठीक अन्दाज़े के मुताबिक बनाए गए हैं (16)
और वहाँ उन्हें ऐसी शराब पिलाई जाएगी जिसमें जनजबील (के पानी) की आमेजि़श होगी (17)
ये बेहष्त में एक चश्मा है जिसका नाम सलसबील है (18)
और उनके सामने हमेशा एक हालत पर रहने वाले नौजवाल लड़के चक्कर लगाते होंगे कि जब तुम उनको देखो तो समझो कि बिखरे हुए मोती हैं (19)
और जब तुम वहाँ निगाह उठाओगे तो हर तरह की नेअमत और अज़ीमुशशान सल्तनत देखोगे (20)

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