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19 नवंबर 2014

वर्ल्ड टॉयलेट डे: पाकिस्‍तान में चार तो भारत में 60 करोड़ लोग खुले में करते हैं शौच

फोटो: 35 वर्षीय संगीता दिल्ली आने से पहले एक ऐसे गांव में रहती थीं, जहां उनके घर में टॉयलेट की सुविधा नहीं थी। 
 
नई दिल्ली: वर्ल्ड टॉयलेट डे (19 नवंबर) के मौके पर संयुक्त राष्ट्र ने बताया है कि दुनिया के 2.5 अरब लोगों के पास साफ-सफाई से जुड़ी सहूलियतें, मसलन टॉयलेट का अभाव है। संयुक्‍त राष्‍ट्र द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक खुले में शौच करने वालों की सबसे ज्‍यादा संख्‍या भारत में ही है। भारत की कुल आबादी करीब सवा अरब है। इनमें से सिर्फ 36 प्रतिशत लोगों के पास बेहतर साफ-सफाई के साधन हैं। करीब 60 करोड़ लोग आज भी खुले में शौच के लिए जाने को मजबूर हैं। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी आंकड़े बेहतर हैं, जहां सिर्फ 4 करोड़ 10 लाख लोग खुले में शौच करते हैं। यानी भारत से 15 गुना कम। इंडोनेशिया में 5 करोड़ 40 लाख और चीन में 1 करोड़ ऐसे लोग हैं। पूरी दुनिया की बात करें तो करीब 1 अरब लोग खुले में शौच जाते हैं।
 
भारत में टॉयलेट का नहीं होना बड़ी समस्‍या है। इसकी वजह से महिलाएं अपनी जिंदगी में अलग-अलग तरह की मुश्किलें झेलती हैं। सामाजिक अभियान से जुड़ी फोटोग्राफी कराने वाली एजेंसी पेनोस पिक्चर्स ने वर्ल्ड टॉयलेट डे के मौके पर कुछ ऐसी तस्वीरें पेश की हैं, जिनमें दुनिया भर की महिलाओं और लड़कियों को उनके टॉयलेट के साथ शूट किया गया है। इन तस्वीरों के जरिए टॉयलेट की वजह से इनकी जिंदगी में आई मुश्किलों और बदलाव की कहानी बताने की कोशिश की गई है। कुछ ऐसी ही भारतीय कहानियां ये रहीं: 
 
गीता
यूपी के कटरा में रहने वाली गीता हर रोज सुबह और शाम करीब 6 किमी चलती हैं, ताकि खेतों में टॉयलेट के लिए जा सकें। मई 2014 में इनके आसपास रहने वाली दो लड़कियां शौच के लिए बगल के खेत में गई थीं। अगले दिन दोनों का शव मिला। उनके साथ बलात्कार करके शवों को पेड़ से टांग दिया गया था। 
 
सरिता देवी 
यूपी के इटावा की रहने वाली सरिता देवी के घर में टॉयलेट की सुविधा नहीं है और उन्हें शौच के लिए पास के खेत में जाना पड़ता है। ये पल उनके लिए बेहद शर्मनाक साबित होते हैं। पुरुष उन पर पत्थर फेंकते हैं, गालियां देते हैं और अश्लील टिप्पणियां करते हुए गाना गाते हैंं। 
 
संगीता 
35 वर्षीय संगीता 10 साल पहले दिल्ली आई थीं (ऊपर तस्वीर में)। राजधानी आने से पहले वह एक गांव में रहती थीं, जहां उन्हें शौच के लिए खेतों में जाना पड़ता था। संगीता बताती हैं कि उन्हें इस वजह से काफी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। इस वजह से उन्होंने तय कर लिया था कि दिल्ली में उनके घर में टॉयलेट जरूर होगा। 

6 मौत और 60 घंटे की घेराबंदी के बाद रामपाल गिरफ्तार, मेडिकल में भी फिट निकले


 
बरवाला/चंडीगढ़. हिसार के बरवाला स्थित सतलोक आश्रम की घेरेबंदी के करीब 60 घंटे बाद पुलिस ने  बुधवार रात 9:21 बजे रामपाल को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस उसे वहां से एंबुलेंस में लेकर पंचकूला के सेक्टर-6 के सरकारी अस्पताल पहुंची। यहां पर उसका मेडिकल कराया गया। बीमारी का बहाना बनाकर आश्रम में छुपकर बैठे रामपाल रिपोर्ट में फिट निकले। मेडिकल के दौरान पुलिस ने पत्रकारों के साथा धक्का-मुक्की भी की। पुलिस ने रामपाल के भाई, परिवार के सदस्यों, प्रवक्ताओं और आश्रम प्रबंधक कमेटी के कई पदाधिकारियों को पहले ही हिरासत में ले लिया गया था। इससे पहले हरियाणा पुलिस, सीआरपीएफ और रैपिड एक्शन फोर्स के 45 हजार से अधिक जवान और अधिकारी सोमवार से ही सतलोक आश्रम की घेरेबंदी किए हुए थे।
 
मंगलवार को सुरक्षाबलों की कार्रवाई के दौरान आश्रम के अंदर और बुधवार की सुबह अस्पताल तक मिलाकर कुल छह लोगों की मौत हो चुकी थी। इनमें एक डेढ़ साल का बच्चा भी शामिल है। डीजीपी एसएन वशिष्ठ ने चंडीगढ़ में और एडीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) मोहम्मद अकील ने बरवाला में बुधवार की शाम को दावा किया था कि रामपाल आश्रम के अंदर ही है। ऑपरेशन अंतिम चरण में है। और कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है। हुआ भी ऐसा ही। इससे पहले ऑपरेशन के दूसरे दिन फोर्स को कार्रवाई की जरूरत नहीं पड़ी। फिर भी फोर्स आश्रम के चारों तरफ मोर्चा संभाले रही। पुलिस पूरे दिन अनुयायियों को आश्रम से निकालने और उन्हें बसों में भरकर हिसार, बरवाला और उकलाना रेलवे स्टेशनों व बस अड्डों पर छोड़ने में जुटी रही। 
 
रामपाल के खिलाफ इस बार भी हत्या का मामला
डीजीपी एसएन वशिष्ठ ने बताया कि रामपाल समेत उसके 12  समर्थकों के खिलाफ देशद्रोह का नया मामला दर्ज किया गया है। इनमें रामपाल, राम कुमार, राजकपूर, महेन्द्र, पुरुषोत्तम, धर्मबीर ढांडा, तरुण कुमार निवासी सतलोक  आश्रम बरवाला, दीपदास, बलजीत सिंह पुत्र अरुण निवासी लक्ष्मी विहार बरवाला, सिद्धार्थ पुत्र हेतराम विश्नोई निवासी सेक्टर-15, रविन्द्र पुत्र राममेहर निवासी सुलाना, जितेन्द्र पुत्र इन्द्र सिंह निवासी नयाबास और अन्य नाम पता नामालूम शामिल है। साथ ही हत्या और हत्या के प्रयास जैसी धाराएं भी लगाई गई हैं। 
 
500 गिरफ्तार, 190 जेल में, राजद्रोह का केस
ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने 500 अनुयायियों को गिरफ्तार किया। इनमें अधिकतर युवा हैं। पुलिस के अनुसार ये रामपाल की निजी फोर्स के कमांडो हैं। इनमें से 190 को पुलिस ने विभिन्न चरणों में अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। इनसे पूछताछ कर पुलिस आश्रम के अंदर की व्यवस्था की जानकारी ले रही है। पुलिस ने मंगलवार की घटनाओं को लेकर दो एफआईआर दर्ज की है। इनमें संत रामपाल और उनके प्रवक्ता, आश्रम प्रबंधक कमेटी व अनुयायियों पर राजद्रोह और हत्या प्रयास के अलावा 19 धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।
 
सीआरपीएफ के हवाले किया सतलोक आश्रम
दिनभर पुलिस और सुरक्षा बलों ने शांतिपूर्वक अपने काम को अंजाम दिया। सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया गया। शाम को हिसार के एसपी बी सतीश बालन ने पुलिस को पीछे हटा कर सीआरपीएफ और आरपीएफ के जवानों को अग्रिम पंक्ति में तैनात कर दिया। पुलिस ऑपरेशन के अंतिम चरण के लिए इंतजार करने लगी। सीआरपीएफ-आरपीएफ ने सुरक्षा घेरा बना लिया। गिरफ्तारी के बाद सतलोक आश्रम पूरी तरह सीआरपीएफ के जिम्मे कर दिया गया है। सुरक्षा कारणों से फोर्स बाहर ही है। वह सुनिश्चित करना  चाहती है कि आश्रम में विस्फोटक न लगाए गए हों। केंद्र ने सीआरपीएफ की दो अतिरिक्त बटालियन को भी आश्रम के लिए रवाना कर दिया था।
 
दो विधायकों ने तैयार की गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि  
रामपाल की गिरफ्तारी की पूरी भूमिका राज्य के दो विधायकों ने तैयार की। भाजपा के टोहाना से एमएलए सुभाष बराला और कलायत से निर्दलीय विधायक जयप्रकाश ने दिनभर मेहनत की। रणनीति बनाई। रामपाल से संपर्क साधा। एक तरफ जहां पुलिस अपनी रणनीति के तहत रामपाल समर्थकों को आश्रम और आसपास से निकाल रही थी, वहीं शाम होते-होते रामपाल को दोनों विधायकों ने गिरफ्तारी के लिए तैयार कर लिया। दोपहर बाद सवा तीन बजे के करीब रामपाल को गिरफ्तार किए जाने की खबरें आने लगीं। देर शाम एक एंबुलेंस आश्रम गेट पर आकर रुकी। रामपाल आश्रम से निकलकर उसमें बैठ गया।

क़ुरआन का सन्देश

 
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