एक कौए ने महाराजा की गोद में ही घोंसला बना लिया है। हालांकि बारिश के मौसम में इस बिना छत के घोंसले में कौआ परिवार रहता नहीं। यहां तो बस उनकी बैठक है। विजिटर्स को महाराजा के साथ अपनी तस्वीरों में कौआ पसंद नहीं आता। बाग की सार-संभाल करने वाली कार्य एजेंसी महाराजा की स्टेच्यू को शायद देखती ही नहीं।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
20 जुलाई 2011
जयपुर के महाराजा की गोद में कौए का घोंसला
एक कौए ने महाराजा की गोद में ही घोंसला बना लिया है। हालांकि बारिश के मौसम में इस बिना छत के घोंसले में कौआ परिवार रहता नहीं। यहां तो बस उनकी बैठक है। विजिटर्स को महाराजा के साथ अपनी तस्वीरों में कौआ पसंद नहीं आता। बाग की सार-संभाल करने वाली कार्य एजेंसी महाराजा की स्टेच्यू को शायद देखती ही नहीं।
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