यूँही नहीं
हमने आपको
चाह हे
प्यारे ही
हें आप इतने
के हर एक आपका
इतना दीवाना हे
जरूरत ही नहीं हे
आपको याद रखने की
क्योंकि
नामुमकिन
आपको भूल जाना हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
20 जनवरी 2011
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bahut sundar
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