में जानता हूँ
बिस्तर तेरा हे
नीदं तेरी हे
रातें तेरी हें
फिर भी
में अगर
तेरे ख्वाबों में
आ जाता हूँ
तो बता
इसमें में
क्या करूं
नींद तेरी हे
आँखें तेरी हें
रातें तेरी हें
बिस्तर तेरे
बस
तेरी
इन नीम बाज़ आँखों में
जो भी ख़्वाब हें
बस मेरे ही मेरे हें ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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