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29 जून 2025

एक महबूब जो दीवान भी हैं , चोपदार भी हैं ,,बहुमुखी प्रतिभा के खज़ाने से लबरेज़ भी हैं , खुशमिजाज़ , हर दिल अज़ीज़ भी हैं , उन मेहबूब दीवान को , कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग का चेयरमेन नियुक्ति के बाद राजस्थान की सियासी हालातों में गर्माहट रहेगी ,

 

एक महबूब जो दीवान भी हैं , चोपदार भी हैं ,,बहुमुखी प्रतिभा के खज़ाने से लबरेज़ भी हैं , खुशमिजाज़ , हर दिल अज़ीज़ भी हैं , उन मेहबूब दीवान को , कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग का चेयरमेन नियुक्ति के बाद राजस्थान की सियासी हालातों में गर्माहट रहेगी ,
जयपुर 28 जून ,,,भाजपा शासन में भाजपा द्वारा मदरसा बोर्ड चेयरमेन पद से अवैध रूप से हटाने के खिलाफ विधिक रूप से हक़ संघर्ष कर , न्यायिक स्थगन आदेश लेकर , अपने मदरसा बोर्ड के चेयरमेन पद पर ज़िम्मेदारी से कार्य कर रहे , एम डी चोपदार , जिनके पुराने संघर्ष ,, खिदमात , कबलियत को देखते हुए , उन्हें प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है , उन्हें बधाई मुबारकबाद , लेकिन काँटों का यह ताज उनके लिए गुलाब बनता है , या फिर ,, ?? यह वक़्त बताएगा , उम्मीद है , मेरे भाई मेहबूब दीवान चोपदार , जिस तरह से ज़िम्मेदार रहे हैं , वैसी ही ज़िम्मेदारी , वैसा ही नेतृत्व , कार्यव्यवहार इस पद के लिए वोह दिखाकर खुद को आकाश कर लेंगे , ,
एक महबूब जो दीवान भी हैं , चोपदार भी हैं ,,बहुमुखी प्रतिभा के खज़ाने से लबरेज़ भी हैं , खुशमिजाज़ , हर दिल अज़ीज़ भी हैं , उन मेहबूब दीवान को , कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग में जैन , सिक्ख ,बौद्ध , मुस्लिम ,, क्रिश्चियन समाज का महबूब बनाकर राजस्थान अल्पसंख्यक प्रदेश कांग्रेस की ज़िम्मेदारी जो सौंपी है वोह चाहे काँटों का ताज हो ,, निष्क्रिय रहा विभाग हो ,, लेकिन इसकी बागडोर , मेरे भाई महबूब दीवान चोपदार के हाथों में आने के बाद अब लगता है के , कुछ ना नुकुर ,, कुछ कमिया , कुछ सुधार के साथ , कांग्रेस पक्ष में कांग्रेस के थोक इस वर्ग के वोटर्स के पक्ष में कुछ नहीं , बल्कि बहुत कुछ होगा ,, ,जी हाँ दोस्तों सभी जानते हैं , सचिन पायलेट के मानेसर काण्ड के बाद उनकी प्रदेश अध्यक्ष कार्यकाल के सभी प्रकोष्ठों को भंग कर दिया गया था , और तभी से कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग पर किसी की नियुक्ति नहीं हुई थी , जबकि इसके पहले राष्ट्रिय अध्यक्ष नदीम जावेद , खुद इमरान प्रतापगढ़ी , राजस्थान में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कई बार राजस्थान यात्रा पर आये , लेकिन सिर्फ राज्य सभा की सीट की जुगत भिड़ाने तक ही इनकी व्यवस्थाएं सीमित रहीं , राष्ट्रिय अध्यक्ष रहते वक़्त , यह मदरसा पैराटीचर्स तक को स्थाई नहीं करवा पाए , नई नियुक्तियां नहीं करवा पाए और तो और , अल्पसंख्यक समाज खासकर मुस्लिम समाज को जो कांग्रेस अछूत समझने लगी थी , उनके मुद्दों पर खामोश थी , वक़्फ़ , मदरसा , अल्पसंख्यक वित्त ऋण व्यवस्था , पंद्रह सूत्रीय कल्याण कार्यक्रम , संगठन और सरकार में अनुपातिक आधार पर नियुक्तियां ,कुछ भी तो नहीं किया था , और अल्पसंख्यक विभाग जब था ही नहीं , तो बोलता कौन , राष्ट्रिय अध्यक्ष भी राज्य सभा की जुगत में बैठे थे और वोह क्यों बोलते , विधायक तो खुद अवैध रूप से मंत्री दर्जा पदों पर आम मुस्लिमों के पदों पर क़ब्ज़ा कर बैठे थे , तो उन्हें मुस्लिम समाज के विकास , कल्याण , प्रतिनिधित्व से क्या वास्ता , सिक्ख बोर्ड बन ही गया था , खेर वोह वक़्त , अल्पसंख्यक समाज के लिए रसातल का दौर था , जबकि इसके पूर्व, प्रदेश अल्पसंख्यक विभाग में खुर्शीद अहमद सय्यद की राष्ट्रिय अध्यक्षता में , राजस्थान खेल विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष मंत्री दर्जा , फुटबॉल के खिलाड़ी निज़ाम कुरैशी के प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस अध्यक्षता कार्यकाल में पुरे राजस्थान में अल्पसंख्यक कार्यकारिणी , प्रतिनिधित्व का प्रदेश स्तर पर ,, संभाग स्तर पर , जिला , ब्लॉक ,वार्ड स्तर पर जाल बिछा हुआ था , सभी पदों पर नियुक्तियां हुई थी , जयपुर में ,अल्पसंख्यकों की समस्या समाधान पर , निज़ाम कुरैशी की अध्यक्षता में , पचास से भी अधिक बैठकें , ,सम्मेलन आयोजित हुए थे , संभाग स्तर पर , जिला स्तर पर हर ज़िले तक निज़ाम कुरैशी , अपनी टीम के साथ कांग्रेस कार्यर्कताओं को सक्रिय करने , रिचार्ज करने , और उपेक्षित कायर्कर्ताओं को उनका हक़ दिलाने के लिए संघर्षरत नज़र आये थे , आबिद कागज़ी कुछ करते , इसके पहले ही , कोरोना ने सब कुछ लीर लिया , लेकिन आबिद कागज़ी के नेतृत्व में कोटा में ही नहीं , राजस्थान भर में , कोरोना के संकट काल में हर घर में , भूखों को खाने के पैकेट , दवाएं और मदद पहुंचाई गई , अचानक प्रदेश कांग्रेस को नज़र लगी , और सचिन पायलेट उपमुख्यमंत्री जो प्रदेश अध्यक्ष भी थे ,बागी हो गए , उस बगावत का असर यह रहा के सभी प्रकोष्ठ , विभाग भंग हो गए , और अल्पसंख्यक विभाग भी बेअसर हो गया , कांग्रेस के सभी विभाग पुनर्नियुक्तियों के नाम पर फिर से ज़िंदा हुए , लेकिन अल्पसंख्यक विभाग की तरफ किसी का ध्यान नहीं था , जो अब फिर से , कोंग्रेस अल्पसंख्यक विभाग की क़िस्मत बदली है , इसमें शक्ति का संचार होने जा रहा है , इस विभाग को कुशल नेतृत्व के रूप में एम डी चोपदार मिले हैं , एम दी चोपदार पूर्व में ही , मदरसा बोर्ड के जंगजू सिपाही की तरह चेयरमेन रहे हैं , भाजपा शासन में उन्हें गलत तरीके से हटाने के खिलाफ़ वोह विधिवत स्टे आदेश लेकर मदरसा बोर्ड के चेयरमेन पद का कार्यभार देख रहे हैं , एम डी चोपदार जिन्हे नेतृत्व , समाजसेवा विरासत में मिली है , वोह मदरसा बोर्ड के चेयरमेन के नाते राजस्थान के हर ज़िले हर कस्बे से जुड़े हैं , हर क्षेत्र में उनके अपने समर्थक है , उनकी टीम है , वोह झुंझुनू से कांग्रेस विधायक के टिकिट के दावेदार रहे हैं , एम डी चोपदार कांग्रेस में यूथ कांग्रेस से लेकर मुख्य संगठन में बेहतरीन प्रदर्शन करते रहे हैं , समाजसेवा क्षेत्र में इनके वालिद मोहतरम डॉक्टर साहिब के कार्यकाल से ही यह जुड़े रहे हैं , जब हर पूर्णिमा को , अस्थमा की मुफ्त दवा भी इनके वालिद की तरफ से दिए जाने का अपना इतिहास है , अभी भी , इनके वालिद मोहतरम के नाम से ट्रस्ट बनाकर , यह मुफ्त दवा सेवा , मुफ्त इलाज , शिक्षा क्षेत्र में लोगों की मदद खुलकर कर रहे हैं , इनका अपना नेटर्वर्क पूरे राजस्थान में है , ,एम डी चोपदार का मुंबई में भी व्यवसाय है , इनके भाई फिल्म एक्टर हैं , तो एक भाई फिल्मों में निर्देशन का काम कर रहे हैं , ,एम डी चोपदार का हाथ खुला है , यह सिर्फ बंद मुट्ठी से देने में विश्वास रखते हैं , किसी से भी इन्हे आर्थिक मदद की चाहत नहीं है , कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग को सक्रिय और पुनर्जीवित होने के लिए इससे ज़्यादा और कौन बेहतरीन नेतृत्व मिल सकता है , तो अब उम्मीद जागी है के फिर से राजस्थान प्रदेश में कांग्रेस का अल्पसंख्यक विभाग ज़िंदाबाद होगा , कार्यक्रम होंगे , सिर्फ अजमेर दरगाह चादर पोशी और बढे लोगों तक ही यह विभाग सीमित नहीं रहेगा , बल्कि इन बढे लोगों में जिला अध्यक्षों , ब्लॉक अध्यक्षों , प्रदेश अध्यक्ष से , अल्पसंख्यक समाज से जुड़े कोंग्रेसियों को उचित प्रतिनिधित्व , उचित पद दिलवाने के लिए भी कामयाब संघर्ष होगा , प्रदेश स्तरीय अल्पसंख्यक वर्ग में आने वाले सभी वर्गों की आर्थिक , शैक्षणिक , चिकित्सा , शिक्षा , सामजिक व्यवस्थाओं का अध्ययन कर , उन्हें कैसे समस्याओं से उबारा जाए ,. नेतृत्व क्षमता बढ़ाई जाए , ऊँचे ओहदों पर बैठाया जाए , इस पर संघर्ष होगा , प्रदेश में भाजपा की अल्पसंख्यक विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन होगा , ज़िलों में , अल्पसंख्यकों पर हो रही ज़ुल्म ज़्यादतियों का हिसाब होगा , उन्हें इंसाफ विधिक रूप से , कैसे मिल सके इस पर विचार होगा ,, लेकिन यह ताज काँटों का ताज है , कई लोग इसमें दलाल बनकर रुपयों के बल पर , महंगी गाड़िया लेकर ,, हाथों में सोने के ब्रेसलेट , गले में सोने की मोटी चेने , उँगलियों में हीरे, सोने की अंगूठियां पहनकर , महंगे जूते महंगे कपड़े पहनकर प्रभावित करने की कोशिश करेंगे , महंगी महंगी मालाओं , बढे बढे साफों से स्वागत सत्कार करेंगे और आम कार्यकर्ताओं को कोने में दरकिनार कर खुद आगे रहने , ओहदे मन पसदं चमचों को दिलवाने की कोशिशों में जुटेंगे , बस यही व्यवस्था उन्हें कट करना होगी, , एम डी चोपदार जिन्हें अल्पसंख्यक कांग्रेस विभाग में अल्पसंख्यकों का मेहबूब बनाया गया है , जो अल्पसंख्यकों के दिवान पहले से ही है , प्रारम्भिक शिक्षा के ज़िम्मेदार चेयरमेन पहले से ही है , शिक्षा ,, स्वास्थ्य , कला , स्वरोज़गार योजनाओं की व्यवस्थाओं के लिए फिक्रमंद पहले से ही हैं वोह एम डी चोपदार कुछ लबरगुट्टों की मुखालिफत के शिकार भी हो सकते हैं , आरोप प्रत्यारोप भी लग सकते है , ,लेकिन अपने अख़लाक़ ऐ हुस्न , खुशमिजाज़ी , लोगों की बिना किसी लोभ लालच की सरपरस्ती ,, उनकी मदद से जो वोह हर दिल अज़ीज़ बने हुए है , शायद उनके बहतर कार्यों से , उनके राजस्थान भर में बेहतरीन अल्पसंख्यक टीम के सरपरस्त बन जाने से वोह अब तक के सबसे बेस्ट बहतरीन अल्पसंख्यक नेतृत्व के रूप में अपनी पहचान बना सके , देखते हैं , एक ब्रेक के बाद , ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

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