उनके वास्ते (बेहिश्त में) एक मुक़र्रर रोज़ी होगी (41)
(और वह भी ऐसी वैसी नहीं) हर कि़स्म के मेवे (42)
और वह लोग बड़ी इज़्ज़त से नेअमत के (लदे हुए) (43)
बाग़ों में तख़्तों पर (चैन से) आमने सामने बैठे होगे (44)
उनमें साफ सफेद बुर्राक़ शराब के जाम का दौर चल रहा होगा (45)
जो पीने वालों को बड़ा मज़ा देगी (46)
(और फिर) न उस शराब में ख़ु़मार की वजह से) दर्द सर होगा और न वह उस (के पीने) से मतवाले होंगे (47)
और उनके पहलू में (शर्म से) नीची निगाहें करने वाली बड़ी बड़ी आँखों वाली परियाँ होगी (48)
(उनकी) गोरी-गोरी रंगतों में हल्की सी सुर्खी ऐसी झलकती होगी (49)
गोया वह अन्डे हैं जो छिपाए हुए रखे हो (50)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
12 जनवरी 2021
उनके वास्ते (बेहिश्त में) एक मुक़र्रर रोज़ी होगी
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