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22 अप्रैल 2011

भ्रस्टाचार के खिलाफ बोले तो खेर नहीं

भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ बोले तो खेर नहीं लेकिन जनता है के मानती ही नहीं मुट्ठी भर लोग पुरे भ्रष्ट  देश से लड़ने की परिकल्पना कर निकलते हैं और आरोप प्रत्यारोप  में आकर फंस जाते हैं , हमारे देश में राजिव गाँधी जी का पच्यासी फीसदी भ्रस्ताचार का सच सामने आने पर भ्रस्ताचारियों ने उन्हें ठिकाने लगा दिया , अब अन्ना और शांतिभूषण वगेरा की बारी हैं .
हमारे देश में सब जानते हैं के नस नस में भ्रस्टाचार है और अधिकतम भ्रस्ताचार राजनितिक और अफसरशाही का प्रायोजित है जनता का प्च्यान्वे फीसदी हिस्सा इस खेल में शामिल हो गया है अब जो पांच फीसदी हैं उनके लियें यह प्न्च्यान्वे प्रतिशत का बहुमत इतना भरी होता है के चोर साहूकार और साहूकार चोर बन जाता है बोफोर्स से अन्ना तक की खानी तो यही साबित करती है .
हमारे देश की इस नब्ज़ को राजनेताओं ने राष्ट्रवादी संगठनों ने समझी है और वोह भ्रस्ताचार के खिलाफ बोलने या कोई कार्यवाही करने के ख्याल से भी दूर रहे हैं , हमारे देश में राष्ट्रिय स्वयंम सेवक संघ देश का खुद को सबसे ज्यादा राष्ट्रवादी  और इमानदार कहता है लेकिन इस संगठन ने भी  भ्रष्टाचार  के खिलाफ आज तक कोई आवाज़ नहीं उठाई , खुद संघ से जुड़े हुए लोगों की जांच नहीं करवाई सार्वजनिक रूप से संघ के लोगों को भ्रस्ताचार से दूर रहने के कभी शपथ नहीं दिलवाई  , यही हाल जमाते इस्लामी जो खुद को कुरान के कानून पर चलने वाला संगठन कहता है उसके पदाधिकारी खुद को राष्ट्रभक्त और ईमानदार कहते हैं लेकिन इस संगठन के लोगों ने भी कबही भ्रस्ताचार के खिलाफ कोई मुहीम नहीं चलाई ,कोंग्रेस भाजपा या कोई भी पार्टी को ले लोग खुद अपनी पार्टी में खुद का विधान ही लागू नहीं करवा पा रहे हैं मन मर्जी चुनाव मन मर्जी चंदा एक तमाशा बन गया है कुल मिलाकर देश में भ्रस्टाचार के खिलाफ सभी लोग चोर चोर मोसेरे भाई बन गए हैं जो लोग जितने भ्रष्ट हैं खुद को उतना ही ईमानदार साबित करने में लगे हैं , हालत बेकाबू हैं और बहुमत भ्रस्ताचार की तरफ हैं जो जितना चोर जितना भ्रष्ट  है वोह उतना ही राष्ट्रवादी बन कर उभर रहा है ऐसे में जब जब भी भ्रस्ताचार के खिलाफ कोई भी किसी के भी   तले झंडे  लामबंद हुआ तब तब इमानदार और भ्रष्टाचार के खलाफ बोलने वाले लोगों को मुंह की खाना पढ़ी है.
तो दोस्तों भ्रष्टाचार ,जमाखोरी,मिलावट खोरी के इस दल दल में फंसे मेरे इस देश में सो कोल्ड राष्ट्रभक्तों की संख्या जितनी देश की जनसंख्या है उतनी ही है हर शख्स हर संगठन यहाँ इमादार और राष्ट्रभक्त बना हुआ है फिर भी यहाँ भ्रस्टाचार की इस पराकाष्ठा ,भ्रस्टाचार के खिलाफ बोलने वालों के यह हाल अफसोसनाक हैं और यह देश और देशवासियों के लियें  खतरनाक संकेत हैं इसके लियें अब तो ब्लोगर्स भाई बहनों को ही कोई मुहीम चलाकर  देश को सो कोल्ड राह्स्त्रभ्क्त लोगों और राष्ट्रभक्त राजनीतिज्ञों,राष्ट्रभक्त स्न्ग्थानों से बचाना होगा तब कहीं देश सुरक्षित रह सकेगा वरना भ्रस्ताचार के समर्थक कहते रहेंगे क्या हुआ देश का पैसा देश में ही तो है जबकि विदेश में पढ़ा देश का पैसा लेन के मामले में सुप्रीम कोर्ट की भी सरकार नहीं सुन रही है और प्रधानमन्त्री इमानदार है तो जनाब अब भ्रस्ताचारियों की परिभाषा बदल गयी है हे ना .............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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