tag:blogger.com,1999:blog-2021412620618906635.post2051564857377986377..comments2024-01-02T00:08:56.206-08:00Comments on आपका-अख्तर खान "अकेला": आज में सूरज को दिया दिखा रहा हूँ जो चमकता हे ब्लॉग को उसके लियें लिखने की गुस्ताखी कर रहा हूँआपका अख्तर खान अकेलाhttp://www.blogger.com/profile/13961090452499115999noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-2021412620618906635.post-61534486419985459642015-12-08T04:08:10.398-08:002015-12-08T04:08:10.398-08:00nice post..impressed after reading.thanks.-indian ...nice post..impressed after reading.thanks.-<a href="http://www.vivahsanyog.com/" rel="nofollow">indian marriage site</a>best matrimonial portalhttp://vivahsanyog.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2021412620618906635.post-70294015674258458692014-06-21T20:08:21.423-07:002014-06-21T20:08:21.423-07:00निदिध्यासन याने अपने आपको आप ही अभ्यासः कराना जिसस...निदिध्यासन याने अपने आपको आप ही अभ्यासः कराना जिससे आत्मकल्याण हो | जो जीवनका लक्ष्यभी है | जड़ शरीर, इन्द्रिया, मन और बुद्धिसे परे खुशामत खुदा को ही प्यारी होती है | इससे नीचे जड़ता गए तो ईश्वरको बुरा लगता है | बस वैसेही जड़ता से परे पतीही परमेश्वर है | मंदीरमें रखीं ईश्वरकी प्रतिमा का दर्शन करते हुवे जो अपने अंदर चेतन का अनुभव करता है उसे ही ईश्वर दर्शनका लाभ होता है | जिसे भगवद गीतामें कुछ ऐसे वर्णन किया है ईश्वर अंश जीव अविनाशी चेतन अमल शहजा सुख राशी | जिसे हम कुछ ऐसेभी समझ शकते है हमारे अंदर के चेतनका सहारा लेके शरीर और मन - बुद्धि को मल रहित करना जिससे ईश्वर चैतन्य का अमल हो शके हमारे द्वारा इस जगपे जो उस चैतन्य ईश्वरकाही है | Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02057588181456382402noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2021412620618906635.post-23908885260716121612011-02-20T18:00:51.596-08:002011-02-20T18:00:51.596-08:00रमेश जी शुक्रिया अब तो में बे फ़िक्र हो गया हूँ में...रमेश जी शुक्रिया अब तो में बे फ़िक्र हो गया हूँ में ऐसा ही ठेठ गंवार हूँ २० साल तक देनिक अख़बार का स्वतंत्र सम्पादन किया हे इसलियें ऐसा कमजोर लिक्खड़ बन गया हूँ अब आपसे गुर सिक्ख कर कुछ तो करूंगा ही . अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थानआपका अख्तर खान अकेलाhttps://www.blogger.com/profile/13961090452499115999noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2021412620618906635.post-88476098748946072112011-02-20T11:24:06.433-08:002011-02-20T11:24:06.433-08:00इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीकhttps://www.blogger.com/profile/01260635185874875616noreply@blogger.com