श्रीभूवलय” ग्रंथ को मल्टीनेशनल बुक ऑफ़ रिकार्ड्स, लंदन से मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान
जयपुर, 8 नवम्बर —
जैन
धर्म और भारतीय संस्कृति के लिए गर्व का क्षण रहा जब आचार्य कुमुदेन्दू
मुनि द्वारा रचित प्राचीन ग्रंथ “श्रीभूवलय” को मल्टीनेशनल बुक ऑफ़
रिकार्ड्स, लंदन द्वारा अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्रदान की गई।
इस
अवसर पर भव्य समारोह का आयोजन हुआ जिसमें जैन संतों, विद्वानों,
समाजसेवियों, साहित्यकारों और विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों की
उपस्थिति रही।
मल्टीनेशनल बुक ऑफ़ रिकार्ड्स के सीईओ कृष्ण कुमार उपाध्याय ने जानकारी देते हुए कहा कि —
“श्रीभूवलय केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि यह भारतीय ज्ञान, गणित, साहित्य और आध्यात्मिकता के समन्वय का वैश्विक प्रतीक है।
हमें गर्व है कि इस अनोखी कृति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने का अवसर मिला।”
उन्होंने
आगे कहा कि यह मान्यता भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा, जैन दर्शन और
संस्कृत साहित्य के उस अमूल्य खजाने को विश्व पटल पर स्थापित करने का
प्रयास है।
कार्यक्रम का समापन सामूहिक मंगलपाठ और “श्रीभूवलय” ग्रंथ के वैश्विक प्रसार के संकल्प के साथ हुआ।

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