सज़ा में कोई (न कोई) मुसीबत पड़ती ही रहेगी या (उन पर पड़ी) तो उनके घरों
के आस पास (ग़रज़) नाजि़ल होगी (ज़रुर) यहाँ तक कि ख़ुदा का वायदा (फतेह
मक्का) पूरा हो कर रहे और इसमें शक नहीं कि ख़ुदा हरगिज़ खि़लाफ़े वायदा
नहीं करता (31)
और (ऐ रसूल) तुमसे पहले भी बहुतेरे पैग़म्बरों की हॅसी उड़ाई जा चुकी है
तो मैने (चन्द रोज़) काफिरों को मोहलत दी फिर (आखि़र कार) हमने उन्हें ले
डाला फिर (तू क्या पूछता है कि) हमारा अज़ाब कैसा था (32)
क्या जो (ख़ुदा) हर एक शख़्स के आमाल की ख़बर रखता है (उनको यूं ही छोड़
देगा हरगिज़ नहीं) और उन लोगों ने ख़ुदा के (दूसरे दूसरे) शरीक ठहराए (ऐ
रसूल तुम उनसे कह दो कि तुम आखि़र उनके नाम तो बताओं या तुम ख़ुदा को ऐसे
शरीक़ो की ख़बर देते हो जिनको वह जानता तक नहीं कि वह ज़मीन में (किधर
बसते) हैं या (निरी ऊपर से बातें बनाते हैं बल्कि (असल ये है कि) काफिरों
को उनकी मक्कारियाँ भली दिखाई गई है और वह (गोया) राहे रास्त से रोक दिए गए
हैं और जिस शख़्स को ख़ुदा गुमराही में छोड़ दे तो उसका कोई हिदायत करने
वाला नहीं (33)
इन लोगों के वास्ते दुनियावी जि़न्दगी में (भी) अज़ाब है और आखि़रत का
अज़ाब तो यक़ीनी और बहुत सख़्त खुलने वाला है (और) (फिर) ख़ुदा (के ग़ज़ब)
से उनको कोई बचाने वाला (भी) नहीं (34)
जिस बाग़ (बेहिश्त) का परहेज़गारों से वायदा किया गया है उसकी सिफत ये है
कि उसके नीचे नहरें जारी होगी उसके मेवे सदाबहार और ऐसे ही उसकी छांव भी
ये अन्जाम है उन लोगों को जो (दुनिया में) परहेज़गार थे और काफिरों का
अन्जाम (जहन्नुम की) आग है (35)
और (ए रसूल) जिन लोगों को हमने किताब दी है वह तो जो (एहकाम) तुम्हारे
पास नाजि़ल किए गए हैं सब ही से खुश होते हैं और बाज़ फिरके़ उसकी बातों से
इन्कार करते हैं तुम (उनसे) कह दो कि (तुम मानो या न मानो) मुझे तो ये
हुक्म दिया गया है कि मै ख़ुदा ही की इबादत करु और किसी को उसका शरीक न
बनाऊ मै (सब को) उसी की तरफ बुलाता हूँ और हर शख़्स को हिर फिर कर उसकी तरफ
जाना है (36)
और यूँ हमने उस क़ुरान को अरबी (ज़बान) का फरमान नाजि़ल फरमाया और (ऐ
रसूल) अगर कहीं तुमने इसके बाद को तुम्हारे पास इल्म (क़ुरान) आ चुका उन की
नफसियानी ख़्वाहिशों की पैरवी कर ली तो (याद रखो कि) फिर ख़ुदा की तरफ से न
कोई तुम्हारा सरपरस्त होगा न कोई बचाने वाला (37)
और हमने तुमसे पहले और (भी) बहुतेरे पैग़म्बर भेजे और हमने उनको बीवियाँ
भी दी और औलाद (भी अता की) और किसी पैग़म्बर की ये मजाल न थी कि कोई
मौजिज़ा ख़ुदा की इजाज़त के बगैर ला दिखाए हर एक वक़्त (मौऊद) के लिए
(हमारे यहाँ) एक (कि़स्म की) तहरीर (होती) है (38)
फिर इसमें से ख़ुदा जिसको चाहता है मिटा देता है और (जिसको चाहता है
बाक़ी रखता है और उसके पास असल किताब (लौहे महफूज़) मौजूद है (39)
और (ए रसूल) जो जो वायदे (अज़ाब वगै़रह के) हम उन कुफ्फारों से करते हैं
चाहे, उनमें से बाज़ तुम्हारे सामने पूरे कर दिखाएँ या तुम्हें उससे पहले
उठा लें बहर हाल तुम पर तो सिर्फ एहकाम का पहुचा देना फर्ज़ है (40)
और उनसे हिसाब लेना हमारा काम है क्या उन लोगों ने ये बात न देखी कि हम
ज़मीन को (फ़ुतुहाते इस्लाम से) उसके तमाम एतराफ (चारो ओर) से (सवाह कुफ्र
में) घटाते चले आते हैं और ख़ुदा जो चाहता है हुक्म देता है उसके हुक्म का
कोई टालने वाला नहीं और बहुत जल्द हिसाब लेने वाला है (41)
और जो लोग उन (कुफ्फार मक्के) से पहले हो गुज़रे हैं उन लोगों ने भी
पैग़म्बरों की मुख़ालफत में बड़ी बड़ी तदबीरे की तो (ख़ाक न हो सका
क्योंकि) सब तदबीरे तो ख़ुदा ही के हाथ में हैं जो शख़्स जो कुछ करता है वह
उसे खूब जानता है और अनक़रीब कुफ्फार को भी मालूम हो जाएगा कि आखि़रत की
खूबी किस के लिए है (42)
और (ऐ रसूल) काफिर लोग कहते हैं कि तुम पैग़म्बर नही हो तो तुम (उनसे) कह
दो कि मेरे और तुम्हारे दरम्यिान मेरी रिसालत की गवाही के वास्ते ख़ुदा और
वह शख़्स जिसके पास (आसमानी) किताब का इल्म है काफी है (43)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
16 जुलाई 2025
और (ऐ रसूल) तुमसे पहले भी बहुतेरे पैग़म्बरों की हॅसी उड़ाई जा चुकी है तो मैने (चन्द रोज़) काफिरों को मोहलत दी फिर (आखि़र कार) हमने उन्हें ले डाला फिर (तू क्या पूछता है कि) हमारा अज़ाब कैसा था
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)