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12 अगस्त 2022

आज़ादी के अमृत महोत्सव 75 साल के कोटा कार्यक्रम में , माननीय प्रधानमंत्री जी के निर्देशों के उलंग्घन को रोक कर , कोटा में आज़ादी की लड़ाई में , कोटा को अंग्रेज़ों से आज़ाद कराकर ,, कोटा पर क़ब्ज़ा कर , आज़ाद शासन चलाने के बाद , अंग्रेज़ों के मुखबिरी के चलते ,लाला जय दयाल , महराब खान की गिरफ्तारी के बाद, उन्हें खुले आम , फांसी की सज़ा होने पर , उन शहीदों को , याद करने , उनकी क़ब्र , उनकी फांसी की जगह पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम रख कर उन्हें याद करने के क्रम में ,

 माननीय ओम जी बिरला ,साहिब  
सांसद कोटा बूंदी , एवं लोकसभा अध्यक्ष
भारत सरकार  , नई दिल्ली ,
केम्प कार्यालय ,
शकितनगर किशोरपुरा
कोटा राजस्थान

विषय , आज़ादी के अमृत  महोत्सव 75 साल के कोटा कार्यक्रम में , माननीय प्रधानमंत्री जी के निर्देशों के उलंग्घन को रोक कर , कोटा में आज़ादी की लड़ाई में , कोटा को अंग्रेज़ों से आज़ाद कराकर ,, कोटा पर क़ब्ज़ा कर , आज़ाद शासन चलाने के बाद , अंग्रेज़ों के मुखबिरी के चलते ,लाला जय दयाल , महराब खान की गिरफ्तारी के बाद,  उन्हें खुले आम , फांसी की सज़ा होने पर , उन शहीदों को , याद करने , उनकी क़ब्र , उनकी फांसी की जगह पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम रख कर उन्हें याद करने के क्रम में ,

मान्यवर
सादर वनदे , अभिनंदन , वन्देमातरम ,

भारत की आज़ादी के  75 वर्ष पूरे होने ,पर  प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी साहिब के दिशा निर्देश पर , कोटा सहित पुरे भारत में , आज़ादी का अमृत महोत्सव चल रहा है , लेकिन कोटा में केंद्र के दिशा निर्देशों के विपरीत , कोटा राजस्थान को , अंग्रेज़ों के क्रूरतम मेजर बर्टन और उसके दो पुत्रों , के ज़ुल्म ज़्यादती के खिलाफ , कोटा के जांबाज़ ,, महराब खान , ,लाला जय दयाल , ने   अंग्रेज़ों की गुलामी के खिलाफ 1857 में बगावत की , और फिर कोटा रेज़ीडेंसी हाउस जहाँ मेजर बर्टन आज़ादी के आंदोलन को कुचलने के लिए , देश के कुछ गद्दारों के साथ , युद्ध संघर्ष की योजनाए बना रहे थे , वहीँ , लाल जय दयाल , महराब खान , रेज़ीडेंसी हॉउस में घुसे , ,और अपनी जान हथेली पर रखकर, , संघर्ष किया ,, इस संघर्ष में , लाला जय दयाल ,, महराब खान के नेतृत्व में , ब्रिटिश हुकूमत के , गवर्नर , पोलिटिकल एजेंट , मेजर बर्टन , उनके दोनों पुत्र , और कई अंग्रेजी हिमायत सैनिकों को , इन्होने मार गिराया , और कोटा को , अंग्रेज़ों की गुलामी से आज़ाद कराकर , आज़ादी का झंडा कोटा में फहराया ,, , उसके बाद , कुछ गद्दारों की मदद , से कोटा पर फिर अंग्रेज़ों  की फौज के साथ , आज़ादी के आंदोलन के गद्दारों ने हमला किया और कोटा को फिर गुलाम बना लिया ,, लाला जय दयाल , महराब खान , जो आज़ाद कोटा के शासक बने थे , वोह फरार हो गए , जिन्हे बाद में मुखबिरों की मदद से अंग्रेज़ों ने गिरफ्तार किया और ,, नयापुरा रेज़ीडेंसी हाउस में , नीम के पेड़ पर उन्हें दोनों को सार्वजनिक रूप से फांसी की सज़ा ,देकर फांसी पर लटकाया गया , ,महराब खान की क़ब्र ,, आज भी नयापुरा एम बी एस अस्पताल के सामने स्थित  शंकर मेडिकल स्टोर की गली में , है , लेकिन वहां कोई आज़ादी के अमृत महोत्सव पर , श्रद्धा सुमन अपर्ति करने कोई भी केंद्र सरकार का अधिकारी , नहीं पहुंचा है , केंद्र सरकार के किसी भी नेतृत्व ने , कोटा में लाला जय दयाल , महराब खान , को फांसी की सज़ा स्थल , पर कोई श्रद्धांजलि कार्यकम नहीं रखा है , सरकारी प्रेस नोट के ज़रिये , विज्ञापनों के ज़रिये इस बहादुरी के क़िस्से को ,, कहीं भी प्रकाशित करवाकर , आम लोगों तक इसकी जानकारी भी नहीं पहुंचाई है , यह कोटा में आज़ादी के आन्दोलन में , कोटा को आज़ाद कराने के लिए अंग्रेज़ों से संघर्ष करते हुए , शहीद हुए लोगों का अपमान है , आज़ादी के अमृत महोत्सव का सिर्फ दिखावा मात्र है ,
आदरणीय आपसे निवेदन है , के आप केंद्र सरकार द्वारा मनाये जा रहे इस अमृत महोत्सव कार्यकम में कोटा के लिए , कोटा की आज़ादी के लिए , आज़ादी के संघर्ष में अंग्रेज़ों और देश की आज़ादी के आन्दोलन के गद्दारों से , जांबाज़ संघर्ष कर ,, कोटा को आज़ाद कराने वाले , और कोटा की भारत की आज़ादी के संघर्ष के लिए , फांसी पर लटक जाने वाले , शहीद , लाला जय दयाल , महराब खान , उनकी जांबाज़ टुकड़ी , जो कोटा के आज़ादी के संघर्ष में ,, भारत के आज़ादी के संघर्ष में , अंग्रेज़ों को घर में घुसकर , आज़ादी का झंडा लहराने वाले बने , और फिर इस आज़ादी को बचाने के लिए , अंग्रेज़ों ने उन्हें फांसी की सज़ा देकर ,शहीद कर दिया , उन्हें याद करने के निर्देश जारी करें , उनकी क़ब्र पर , उनके फांसी  स्थल पर श्रद्धा सुमन कार्यक्रम रख कर , आज़ादी के इस अमृत महोत्सव कार्यकम को सार्थक ,करवाएं  ,,

एडवोकेट अख्तर खान अकेला
महासचिव , ह्यूमन रिलीफ सोसायटी ,
2 थ 15 मैन रोड विज्ञाननगर कोटा , 324005 राजस्थान
मोबाइल

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