आपका-अख्तर खान

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05 अप्रैल 2017

तू तो हँस हँसकर

तू तो हँस हँसकर
जी रही है,
जुदा होकर भी..
कैसे जी पाया होगा वो,
जिसने तेरे सिवा
जिन्दगी
कभी सोची ही नहीं..

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