प्यारे बहनो ,,भाइयों ,,,मेरे प्यारे देश वासियों ,,एक बच्चा ,,स्कूल की
किताबों का बोझ ढोता है ,,एक बाप इसी स्कूल में ,,स्कूल डकेतो द्वारा बार
बार लूटा जाता है ,,पहले उसे स्कूल फीस ,,स्कूल फंड ,,वसूली के नाम पर लूटा
जाता है ,,फिर स्कूल यूनिफॉर्म कमीशन खोरी के नाम पर लूटा जाता है ,,फिर
किताबों ,,स्टेशनरी ,,ट्रांसपोर्टेशन के नाम की कमीशन खोरी के नाम पर लूटा
जाता है ,,,लूटा जाता है के नहीं ,,बहनो भाइयों ,,हम ईमानदारी का पाठ पढाते
है के नहीं ,,बहनो भाइयों तीन साल ,,तीन साल हमारी सरकार
को आये हुए हो गए ,,हमने इस बुनियादी लूट पर ,,ध्यान नहीं दिया ,,अब हमे
ध्यान देना चाहिए के नहीं ,,,,,पुरे देश में हम कॉमन सिविल कोड की बात करते
है ,,वोह तो क़ानूनी बात है ,,,लेकिन पुरे देश के हर स्कूल में ,,एक
पाठ्यक्रम से शिक्षा होना चाहिए के नहीं ,,पुरे देश के स्कूलों में ,एक
यूनिफॉर्म होना चाहिए के नहीं ,,पुरे स्कूलों में ,,एक फीस का टेरिफ होना
चाहिए के नहीं ,,,बहनो भाइयों हम सरकार में है ,,हमे इसके लिए कोशिश करना
चाहिए के नहीं ,,हमे क़ानून बनाकर इसे एक रूप बनाकर ,,जनता को लूट से बचाना
चाहिए के नहीं ,,हम तीन सालों में इस समस्या को दूर करने के बारे में सोच
भी नहीं ,,सके हम इस समस्या से देश को मुक्त कराने के लिए दो क़दम भी आगे
नहीं बढ़ सके ,,हमे शर्मसार होना चाहिए के नहीं ,,बहनो भाइयों ,,हमारी इस
नाकामयाबी पर आपको हम पर गुस्सा होना चाहिए के नहीं ,,,बहनो भाइयों बताओ
,,यह हमारे लिए शर्म की बात है के नहीं ,,हमारी केंद्र से ,, राज्यों की
कड़ी से कड़ी मिल रही है ,,हम नोटबन्दी जैसे सख्त क़ानून लागू कर रहे है
,,हमने इस तरफ अभी तक कोई कठोर क़दम उठाकर ,,अभिभावकों को स्कूल माफियाओं से
लूटने से बचाने के लिए कुछ नहीं किया ,,हमे सरकार में रहना चाहिए के नहीं
,,,बहनो भाइयों ज़रा सोचो ,,तुम्हे इस मामले में भक्ती छोड़कर सरकार के
खिलाफ आवाज़ उठाना चाहिए के नहीं ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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