राष्ट्रिय प्रताप फाउंडेशन सुना है साहेब तो कहते थे की अब नोटबंदी हो गई है इसलिए अब कश्मीर में शांति है ...
तो अब क्यों सेना पर पथराव हो रहा है और आपकी महबूबा की सरकार,आप ही के समर्थन से बनी सरकार क्यों सैनिकों के ऊपर ही मुकदमे दर्ज कर रही है ??
क्या आज की कश्मीर की अशांति और छत्तीसगढ़ में मारे गए हमारे 26 सैनिक दिल्ली की कमजोरी का परिणाम नहीं है तो और क्या है ?? मनमोहन तो चलो सोनिया के कारण मोनी बाबा थे पर साहब आप किसके कारण मोनी बाबा बने हुए हो क्या सत्ता के सुख के लिए सिर्फ समझौता कर रहे हो जवानों के खून से !!
सरकार किसी भी पार्टी की हो जवान की शहादत पर रोटी दोनों ने बराबर सेखी है माफ़ करना मुझे कड़े शब्दों का प्रयोग करना पढ़ रहा है क्योंकि सीमा पर जो जवान खड़ा है वो किसी प्रधान या मंत्री या सांसद ,नेता ,अभिनेता ,उद्योगपति का बेटा नहीं है मजदुर किसान ,गरीब का बेटा है वर्तमान में सैनिक शहीद नहीं होता बल्कि उसकी ये भ्र्ष्ट व्यवस्था सुनियोजित हत्या करती है और सैनिक की हत्या पर देश के प्रधान पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना ही चाहिए किसी की जवाबदेही तेय हो तब ही रुकेगी सीमा पर जवानो की हत्या । यदि ये ही हाल अमेरिका या किसी और देश में हुआ होता तो एक के बदले दश सर होते ।।
राजेन्द्र सुमन
स्वतंत्र लेखक
तो अब क्यों सेना पर पथराव हो रहा है और आपकी महबूबा की सरकार,आप ही के समर्थन से बनी सरकार क्यों सैनिकों के ऊपर ही मुकदमे दर्ज कर रही है ??
क्या आज की कश्मीर की अशांति और छत्तीसगढ़ में मारे गए हमारे 26 सैनिक दिल्ली की कमजोरी का परिणाम नहीं है तो और क्या है ?? मनमोहन तो चलो सोनिया के कारण मोनी बाबा थे पर साहब आप किसके कारण मोनी बाबा बने हुए हो क्या सत्ता के सुख के लिए सिर्फ समझौता कर रहे हो जवानों के खून से !!
सरकार किसी भी पार्टी की हो जवान की शहादत पर रोटी दोनों ने बराबर सेखी है माफ़ करना मुझे कड़े शब्दों का प्रयोग करना पढ़ रहा है क्योंकि सीमा पर जो जवान खड़ा है वो किसी प्रधान या मंत्री या सांसद ,नेता ,अभिनेता ,उद्योगपति का बेटा नहीं है मजदुर किसान ,गरीब का बेटा है वर्तमान में सैनिक शहीद नहीं होता बल्कि उसकी ये भ्र्ष्ट व्यवस्था सुनियोजित हत्या करती है और सैनिक की हत्या पर देश के प्रधान पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना ही चाहिए किसी की जवाबदेही तेय हो तब ही रुकेगी सीमा पर जवानो की हत्या । यदि ये ही हाल अमेरिका या किसी और देश में हुआ होता तो एक के बदले दश सर होते ।।
राजेन्द्र सुमन
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