टी वी खोलते ही ,,ऐसा लगता ,है ,,जैसे ,देश की महिलाओं में सिर्फ ,,पतियो
से ,,मुस्लिम महिलाये ही परेशान है , हिन्दु समाज की महिलाये तो बहुत सुखी
है ,,उन्हें न तो तलाक़ की दिक़्क़त है ,,न उन्हें दहेज़ की प्रताड़ना है ,,वोह
तो न जलाई जा रही है ,,न आत्महत्या के लिए मजबूर की जा रही है ,,लेकिन
अदालतों में जब हिन्दू बहनो को पतियों से इंसाफ के लिए गिड़गिड़ाते देखा जाता
है ,,तलाक़ से ,,प्रत्यक्ताओ को परेशान होते देखा जाता है ,,,अदालतों में
एक बाप को अपनी बेटी की दहेज़ हत्या के खिलाफ लड़ते हुए देखा जाता है तो ,,इस
बेसुरे ,,बेशर्म ,,बेहूदा ,,बिकाऊ मिडिया के एक तरफा खबरे देखकर ,,दिल
शर्मसार हो जाता है ,,,,,,अख्तर
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