आदरणीय एक निवेदन ,,,देश में आपके अलावा ,,,पुरे मिडिया ने ट्रिपल तलाक़
,,,सिर्फ मुस्लिम महिलाओं की छद्म कहानी ,,,पेश कर एक तरफा रिपोर्टिंग की
जा रही है ,,आप से इल्तिजा है देश में सभी मुक़दमो ,,सभी धर्मो की पीड़ित
पत्नियों के क़िस्से सहित ,,आंकड़ों सहित ,,अगर ,,,देश में चल रहे घरेलू
हिंसा अधिनियम के प्रावधान जो अब तक लागू नहीं हुए है ,,इस क़ानून में
त्वरित निस्तारण के नियम के बाद भी ,,,अदालतों की कमी है ,,प्रोटेक्शन
ऑफिसर नहीं है ,,महिलाओं को मुफ्त न्याय नहीं है ,,महंगा खर्चीला न्याय
है ,,विधिक सहायता समिति ,,,परामर्श दात्री समितियों की मदद नहीं है
,,राज्यों ने अपने नियम नहीं बनाये है ,,पृथक से अदालते नहीं होने से
महिलाये और पीड़ित हो रही है ,,फास्ट ट्रेक सुनवाई नियम होने पर भी ,,आधे
दिन की सुनवाई की कोर्ट है ,,वगेरा वगेरा ,,इस पर एक्सपर्ट ,,सभी तरह के
बिठा कर अगर पोस्टमार्टम किया जाए तो शायद महिलाओं ,सभी जाती मज़हब की
महिलाओं को ,,इंसाफ मिलने की उम्मीद जाग्रत हो सकेगी ,,,अख्तर खान अकेला
कोटा राजस्थान
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